यूपी देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में होगा सामने, FICCI के कार्यक्रम में बोले सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 में हमारी सरकार नई-नई बनी थी. उससे पहले स्वाभाविक रूप से सरकार और उद्योग जगत के बीच में विश्वास का अभाव था. इसके कई कारण थे. पूर्व की सरकारों में राजनीतिक इच्छा शक्ति का अभाव था, जो उत्तर प्रदेश को लगातार पीछे धकेल रहा था.
Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लखनऊ में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रदेश में विकास के माहौल का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अब विकास की राह पर अग्रसर है. मैं कह सकता हूं कि उत्तर प्रदेश अब देश की छठवीं नहीं बल्कि बहुत जल्द दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में सामने होगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आने वाले वर्ष हम सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे, जो संकेत आप देख रहे होंगे, वह इस बात को बता सकते हैं कि उत्तर प्रदेश एक समय में देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था वाला राज्य और देश के ग्रोथ इंजन के रूप में अपनी अहम भूमिका का निर्वहन करेगा. उत्तर प्रदेश देश की आबादी का सबसे बड़ा राज्य या सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार ही नहीं है, बल्कि भारत का सबसे युवा प्रदेश भी है.
2017 में सीएम बनने के बाद फिक्की के कार्यक्रम में हुए शामिल
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के साथ 38 वर्षों के बाद लखनऊ वापस आई है. इस अवसर पर उत्तर प्रदेश बड़ी उपलब्धियों के साथ आपके सामने है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में जब उन्हें राज्य सरकार की जिम्मेदारी मिली तो सबसे पहले फिक्की के ही कार्यक्रम में जाने का अवसर मिला.
पूर्व की सरकारों में राजनीतिक इच्छा शक्ति का था अभाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में हमारी सरकार नई-नई बनी थी. उससे पहले स्वाभाविक रूप से सरकार और उद्योग जगत के बीच में विश्वास का अभाव था. इसके कई कारण थे. पूर्व की सरकारों में राजनीतिक इच्छा शक्ति का अभाव था, जो उत्तर प्रदेश को लगातार पीछे धकेल रहा था. नौकरशाही उत्तर प्रदेश के विकास में बैरियर की तरह खड़ी हो जाती थी. संगठित अपराधों के कारण उत्तर प्रदेश में भय व्याप्त था.
उद्योग कर रहे थे पलायन
उन्होंने कहा कि प्रदेश में नए उद्योग लगाने की बात तो दूर थी, जो मौजूदा उद्योग थे, वह भी पलायन करने के लिए उतावले दिखाई देते थे. इंडस्ट्री बंद हो रही थी. एक-एक करके लोग बाहर जाने का रास्ता तलाश रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैने तब कहा था कि जो बोलेगा वही करूंगा और जो करूंगा वही बोलूंगा.
बीमारू राज्य की श्रेणी से यूपी आया बाहर
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था जब उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य बना दिया गया था. उत्तर प्रदेश के बारे में देश और दुनिया की धारणा बहुत बदल गई थी. यहां के युवाओं, उद्योगों और नागरिकों के सामने पहचान का संकट आ गया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज उत्तर प्रदेश अपने इन सभी अंधकार से उबरकर बीमारू राज्य से उभर चुका है. यूपी अब एक विकसित राज्य की ओर अग्रसर हो चुका है.
संगठित अपराध अब जीरो
उन्होंने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था बेहतर है और अब संगठित अपराध अब जीरो है. प्रदेश उद्योग के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है. मुख्यमंत्री ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम किया है.
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 1985-86 से लेकर बीच के कालखंड को घोर अंधकार का युग कह सकते हैं. सीएम योगी ने कहा कि इस कालखंड में उत्तर प्रदेश ने विकास के मामले में अंधकार का एक लंबा दौर देखा. इस समय ने उत्तर प्रदेश को एक बीमारू राज्य के रूप में बदल दिया था. उत्तर प्रदेश के बारे में देश और दुनिया की धारणा बहुत भिन्न हो गई थी, लेकिन अब तस्वीर बदल गई है.
यूपी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में दूसरे स्थान पर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उद्योग जगत के समक्ष आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए अनेक सुधार किए हैं. प्रदेश में उद्योग जगत के लिए अनुकूल अवसर है. प्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में 14वें स्थान से दूसरे स्थान पर आ चुका है. अब प्रदेश में वल्र्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर देखने को मिल रहा है. प्रदेश ने विगत छह वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बहुत प्रगति की है.
मेरठ से प्रयागराज का सफर मात्र छह घंटे में
गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज के बीच निर्माणाधीन है. आज मेरठ से प्रयागराज के बीच यात्रा में 15 से 16 घंटे लगते हैं, लेकिन गंगा एक्सप्रेस-वे बनने के बाद मात्र छह घण्टे में यह यात्रा पूरी की जा सकेगी. एक्सप्रेस-वे पर अलग-अलग जगह पर औद्योगिक क्लस्टर भी विकसित किए जा रहे हैं. प्रदेश के इस वर्ष के बजट में दो औद्योगिक परिक्षेत्र विकसित करने की व्यवस्था की गई है.
64 हजार हेक्टेयर भूमि माफियाओं के कब्जे से कराई मुक्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा निवेश की सबसे पहली आवश्यकता है. अब प्रदेश में संगठित अपराध शून्य पर है. यहां कोई फिरौती के लिए किसी का अपहरण नहीं कर सकता. कोई अपराधी किसी उद्योग में जाकर किसी उद्यमी या कर्मचारी को धमकी नहीं दे सकता. कोई भी जबरन किसी उद्योग को बंद नहीं कर सकता. प्रदेश पेशेवर अपराधियों, माफियाओं से मुक्त होकर विकास की ओर आगे बढ़ चुका है. प्रदेश सरकार ने एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स गठित कर 64 हजार हेक्टेयर भूमि को माफियाओं के कब्जे से मुक्त कर उद्योगों के लिए लैण्ड बैंक बनाने का कार्य किया है.
2017 से पहले एमएसएमई सेक्टर था बदहाल
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एमएसएमई का अच्छा बेस उद्योग जगत के लिए महत्वपूर्ण होता है. प्रदेश में एमएसएमई का सबसे बड़ा बेस है. वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में एमएसएमई उद्योग मृतप्राय हो गया था. इसको प्रोत्साहित करते हुए डिजाइनिंग, मार्केटिंग, पैकेजिंग से जोड़ने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. प्रदेश की ‘एक जिला एक उत्पाद योजना’ देश की लोकप्रिय योजनाओं में से एक है. इसके माध्यम से एमएसएमई उत्पादों की ब्रांडिंग की जा रही है. इस योजना ने प्रदेश को मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करते हुए निर्यात हब के रूप में बदलने में सहायता की है.
बैंकों का ऋण-जमा अनुपात बढ़कर 56 प्रतिशत
वर्तमान में प्रदेश लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का निर्यात कर रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अन्य परम्परागत हस्त शिल्पियों और कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2019 में ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ प्रारम्भ की थी. इस योजना के माध्यम से लगभग एक लाख हस्तशिल्पियों और कारीगरों के प्रशिक्षण, बैंक से जोड़ने और टूल किट उपलब्ध कराने की कार्रवाई की गई है. बैंकों का ऋण-जमा अनुपात 42-43 प्रतिशत से बढ़कर 56 प्रतिशत हो चुका है, इसे 60 प्रतिशत तक ले जाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. रिजर्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है.
आज यूपी रिवेन्यू सरप्लस राज्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत छह वर्षों में सदी की सबसे बड़ी महामारी का सामना करते हुए भी आज प्रदेश रिवेन्यू सरप्लस राज्य है. प्रदेश अवसंरचना कार्यक्रम को तेजी के साथ आगे बढ़ा रहा है. पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर था. लेकिन, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड इससे वंचित था. आज पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पूर्वी उत्तर प्रदेश के स्पाइनल कॉलम के रूप में पूरी मजबूती के साथ विकास की नई आहट को इस क्षेत्र के लिए आमंत्रित कर रहा है. इस पर विकसित हो रहे औद्योगिक क्लस्टर नए उत्तर प्रदेश की आभा का दर्शन हम सबको कराते हैं.
बुंदेखलंड की बदहाली दूर करने का किया काम
वर्ष 2017 से पूर्व केंद्र सरकार को बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए पानी के टैंकर भेजने पड़ते थे. आज बुंदेलखंड के हर घर में नल से शुद्ध पानी पहुंचा दिया गया है. सिंचाई की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कर दिया गया है. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो चुका है. बुंदेलखंड में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर के दो महत्वपूर्ण नोड झांसी और चित्रकूट में स्थापित हो रहे हैं.
चित्रकूट और बुंदेलखंड से डकैतों का पूरी तरह सफाया किया जा चुका है. यहां अच्छे-अच्छे उद्योग आ रहे हैं. भारी मात्रा में निवेश किया जा रहा है. बुंदेलखंड में एयर कनेक्टिविटी का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है. एयरपोर्ट निर्माण का कार्य अन्तिम चरणों में है. चित्रकूट एक बेहतरीन पर्यटक गन्तव्य के रूप में विकसित हो सकता है.
नोएडा पहले सीएम के लिए कहा जाता था अभिशाप
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले नोएडा को किसी भी मुख्यमंत्री के लिए अभिशाप बताया जाता था. आज दिल्ली और नोएडा में अंतर स्पष्ट दिखाई देता है. नोएडा के इंफ्रास्ट्रक्चर में व्यापक बदलाव देखने को मिला है. नौकरशाही वही है. लेकिन, लीडरशिप चेंज होने का अंतर नोएडा में साफ दिखाई देता है. उत्तर प्रदेश प्रत्येक क्षेत्र में तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है. यहां उद्योग लग रहे हैं. यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में उत्तर प्रदेश को 36 लाख करोड़ रुपए निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए. यह प्रदेश के प्रति उद्योग जगत के विश्वास का प्रतीक है. डबल इंजन सरकार का स्थायित्व उद्योगों को प्रोत्साहित कर रहा है.
यूपी की 56 प्रतिशत आबादी कामकाजी
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आबादी की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य, सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार और सबसे अधिक युवा आबादी वाला राज्य है. प्रदेश की 56 प्रतिशत आबादी कामकाजी है. कामकाजी युवा के लिए रोजगार, नौकरी की आवश्यकता होती है. जब प्रदेश में अच्छे उद्योग लगेंगे और उनके लिए अनुकूल माहौल होगा तो प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.
यह युवा न केवल रोजगार प्राप्त करेंगे बल्कि रोजगार सृजन में भी योगदान देंगे. हमें गांव के युवाओं को उद्योग जगत के लिए प्रशिक्षित कर बाजार की बारीकियों से अवगत कराना चाहिए. गांवों को मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित कर युवाओं को रेडीमेड गारमेंट की मैन्युफैक्चरिंग से भी जोड़ना चाहिए, जिससे रेडीमेड गारमेंट में प्रदेश और देश का नाम रोशन हो सके. विश्वकर्मा श्रम सम्मान जैसी योजना इसमें मददगार साबित हो सकती है.
मुख्यमंत्री इंटर्नशिप योजना में 7.50 लाख युवाओं को जोड़ने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना, मुख्यमंत्री इंटर्नशिप योजना से विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और अन्य संस्थाओं के छात्रों को जोड़ना चाहिए. इस दौरान छात्रों को प्रदान किए जाने वाले मानदेय में आधा सरकार प्रदान करेगी. यह छात्र हमेशा आपके और आपकी इण्डस्ट्री के प्रति सकारात्मक भाव रखेंगे. इस वर्ष मुख्यमंत्री इंटर्नशिप योजना में 7.50 लाख युवाओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा है.
25 लाख युवाओं को टैबलेट-स्मार्टफोन उपलब्ध कराए जाने की योजना
प्रदेश सरकार ने प्रदेश के युवाओं के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए हैं. दो करोड़ युवाओं को तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाने के लिए टैबलेट-स्मार्टफोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. अब तक 20 लाख युवाओं को टैबलेट-स्मार्टफोन उपलब्ध कराए जा चुके हैं. इस वित्तीय वर्ष में 25 लाख युवाओं को टैबलेट-स्मार्टफोन उपलब्ध कराए जाने की योजना है. उद्योग जगत को इन शिक्षित युवाओं की सेवाएं प्राप्त करनी चाहिए.
100 युवाओं को अलग-अलग उद्योगों के साथ जोड़ा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सीएम फैलोशिप की दो योजनाएं चल रही हैं। एक योजना के अन्तर्गत प्रदेश सरकार ने 100 युवाओं को अलग-अलग उद्योगों के साथ जोड़ा है. जो आपकी किसी भी समस्या का समाधान करने में स्वयं सक्षम है. वे आपके साथ मिलकर राज्य सरकार के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के कार्यक्रम को या निवेश मित्र पोर्टल के कार्यक्रम को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने में मदद करेंगे.
100 युवा 100 एस्पिरेशनल विकासखण्डों में तैनात
दूसरी योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 100 युवाओं को 100 एस्पिरेशनल विकासखण्डों में तैनात किया है. यह युवा विकासखण्ड में जाकर विकास में अपना योगदान दे रहे हैं. जब यह युवा तीन वर्ष का अपना इंटर्नशिप कार्यक्रम पूरा कर लेंगे, तो इन्हें सरकारी सेवा में आयु में छूट तथा वेटेज उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे इनका समायोजन हो सके. यह प्रशिक्षित युवा होंगे। इन युवाओं से कहा गया है कि वह इस दौरान अपना शोध पत्र भी लिखें कि इस क्षेत्र में क्या-क्या चुनौतियां हैं, यह विकासखण्ड क्यों पिछड़े थे, हमारा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस क्यों पिछड़ गया था. इन सभी कार्यों में उद्योग मददगार हो सकते हैं और युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच उपलब्ध करा सकते हैं.
जीएसडीपी में हुआ इजाफा
इस अवसर पर फिक्की के अध्यक्ष सुभ्रकान्त पांडा ने कहा कि फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 38 साल बाद उत्तर प्रदेश में आयोजित की जा रही है. उत्तर प्रदेश, देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. जीएसडीपी वर्ष 2016-17 के 12.47 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 20.48 लाख करोड़ रुपए हो गई है. वर्ष 2023-24 में 24.39 लाख करोड़ रुपए होने की संभावना है. वर्ष 2021-22 में उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी में 16.8 प्रतिशत वृद्धि हुई, वर्ष 2023-24 में 19 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जिससे देश की जीडीपी में प्रदेश का योगदान 08 प्रतिशत से अधिक हो जाएगा.