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UP: बच्चों के शोषण पर योगी सरकार सख्त, स्कूलों को हर हाल में करना होगा गाइडलाइंस का पालन, इनकी जिम्मेदारी तय

यूपी के स्कूलों को अब बच्चों को सुरक्षित माहौल देने के लिए हर हाल में सरकार की गाइडलाइंस का पालन करना होगा. स्कूलों में बच्चों के शोषण के मामलों को लेकर सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है और सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजकर इनका सख्ती से पालन कराने को कहा गया है.

By Sanjay Singh | May 28, 2023 7:03 AM

Lucknow: यूपी के स्कूलों में बच्चों के शोषण के सामने आ रहे मामलों के बीच योगी सरकार ने गाइडलाइंस के पालन को लेकर सख्त रवैया अपनाया है. सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ रहे बच्चों के शारीरिक-मानसिक शोषण और यौन उत्पीड़न संबंधी घटनाओं को रोकने के लिए जारी गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने को कहा है.

ये गाइडलाइंस 2015 में ही जारी की जा चुकी हैं. इस बीच सामने आए कुछ मामलों को लेकर अब योगी सरकार ने इसे फिर से जारी करते हुए सख्ती से पालन करने को कहा है.

सभी स्कूलों में सख्ती से हो गाइडलाइंस का पालन

राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा है. इसमें कहा गया है कि सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में गाइडलाइंस का पालन किया जाए. इसके साथ ही सभी प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, स्टाफ, वार्डेन एवं विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को भी इन गाइडलाइंस का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएं.

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बाल अपराध को रोकना है उद्देश्य

खास बात है कि यह गाइडलाइंस 23 फरवरी 2015 को जारी की गई थीं. इसका मकसद प्रदेश में बच्चों को सुरक्षित माहौल देने और बाल अपराध व असंवैधानिक कृत्यों की रोकथाम और स्कूल जाने वाले बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न से रक्षा करना है. साथ ही इसमें शैक्षणिक संस्थानों का उत्तरदायित्व भी निर्धारित किया गया है.

बच्चों का किसी भी प्रकार का नहीं हो शोषण

गाइडलाइंस के मुताबिक प्रत्येक स्कूल की मैनेजमेंट कमेटी और प्रधानाचार्यों का ये दायित्व है कि स्कूल कैंपस या स्कूल आते-जाते या स्कूल से बाहर फील्ड विजिट में इस प्रकार का माहौल तैयार करें जो बच्चों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करे और छात्र-छात्राओं का किसी प्रकार का शारीरिक, मानसिक एवं यौन शोषण न हो. इसमें विद्यालय प्रांगण को सुरक्षित बनाने के लिए भी कई तरह के उपाय बताए गए हैं.

स्कूल बसों में जीपीआरएस से लेकर ये बातें जरूरी

इसमें स्कूल बसों में जीपीआरएस सिस्टम के साथ ही ड्राइवर व हेल्पर के वेरिफिकेशन को अनिवार्य बताया गया है. इसके साथ ही बस के अंदर चाइल्ड हेल्पलाइन और वूमेन हेल्पलाइन नंबर और पुलिस स्टेशन का नंबर लिखा होना जरूरी है. प्रत्येक बस में दो शिक्षकों की इस प्रकार व्यवस्था होनी चाहिए जो बच्चों के साथ स्कूल में बस से आवागमन करेंगे.

बच्चों के बीच जागरूकता भी जरूरी

गाइडलाइंस में शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का व्यवहार संतुलित हो, इसका भी जिक्र किया गया है. बच्चों में परस्पर समन्वय और जागरूकता के लिए अभियान चलाने के भी निर्देश गए हैं, जबकि विभिन्न संस्थाओं की मदद लेने और अन्य उपायों के बारे में बताया गया है.

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