Lucknow : यूपी की राजधानी लखनऊ में पुलिस वाले ओला टैक्सी ड्राइवर को सड़क पर पीट रहे थे इस दौरान एक युवक को आदर्श और जागरुक नागरिक फर्ज निभाना महंगा पड़ गया. इस मामले में पुलिस ने नौजवान को ही पीट दिया, बाद में पीड़ित नौजवान को स्मैक-गांजे की तस्करी के आरोप में जेल भेजने की फिराक में लग गई. किसी तरह से पीड़ित नौजवान ने अपने आईपीएस मित्र को फोन कर पुलिस की बर्बरता की जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया. मामला बढ़ता देख आलाअधिकारियों ने 2 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया और जांच बैठा दी गई.
सूबे की योगी सरकार ने राजधानी समेत कई जिलों में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली को लागू किया, जिससे सशक्त पुलिस महकमे के साथ आमजनमानस को सहूलियत मिल पाए और पुलिसकर्मियों की कमी भी न महसूस हो. वहीं प्रदेश सरकार के मंसूबों पर लखनऊ कमिश्नरेट के कुछ पुलिसकर्मी बट्टा लगाते नजर आए.
दरअसल राजधानी के इंदिरानगर सी ब्लाक निवासी विनीत सिंह सोमवार रात मानकनगर थाना क्षेत्र के बाराबिरवा चौराहे से दिल्ली के लिए बस पकड़ने पहुंचे थे. इसी दौरान विनीत एक दुकान से पीने का पानी लेकर लौट रहे थे, तभी कुछ पुलिसकर्मी एक कार ड्राइवर को सरेराह बेरहमी से पीटते हुए दिखाई पड़े. जागरुक नागरिक के रुप में जब विनीत ने पुलिसिया बर्बरता का विरोध किया, तो पुलिसकर्मी कार ड्राइवर को छोड़कर युवक को ही पीटने लगे.
पुलिसकर्मी पीड़ित युवक विनीत को ई- रिक्शे से थाने ले जाने लगे, जिसका युवक ने रास्ते में विरोध करना शुरू कर दिया. इस बात से नाराज पुलिसकर्मी पीड़ित युवक को रेलवे लाइन के किनारे ले जाकर बेरहमी से पीटने लगे और जबरन थाने में ले जाकर बैठा दिया. पीड़ित युवक विनीत दिल्ली में रहकर सिविल सर्विसज की तैयारी करता है.
पुलिस स्टेशन से ही युवक ने किसी तरह से अपने एक प्रशिक्षु आईपीएस दोस्त को फोन कर पुलिस की बर्बरता की आपबीती सुनाई. जिसके बाद मध्य प्रदेश में प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी ने इस घटना की जानकारी लखनऊ में तैनात सीनियर पुलिस अफसरों को दी और पीड़ित युवक को जबरन पुलिस कस्टडी में लेकर जेल भेजे जाने की बात बताई. सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारियों ने संबंधित पुलिस अधिकारियों फटकार लगाई, अधिकारियों की फटकार के बाद आरोपी पुलिस वालों ने युवक को बाइज्जत छोड़ दिया.
बता दें कि पीड़ित युवक विनीत दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहा है. परीक्षा की तैयारी के लिए वह दिल्ली जा रहा था. इस संबंध में जब पीड़ित युवक ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही, तो नाराज थानेदार समेत दूसरे पुलिसकर्मियों ने पीड़ित युवक को धमकी देते हुए दिल्ली निकल जाने की सलाह दी. हालांकि विनीत ने दिल्ली न जाकर लखनऊ में आलाधिकारियों से पुलिसिया बर्बरता की शिकायत की.
सोशल मीडिया पर जब लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस की किरकिरी होने लगी और पुलिस हेडक्वाटर से जवाब मांगा जाने लगा. मामला बढ़ता देख डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने घटना में शामिल हेड कांस्टेबल गजेंद्र सिंह और कांस्टेबल अनमोल मिश्रा को सस्पेंड करते हुए, पूरे मामले की जांच एसीपी काकोरी से करवाने की बात कही. इस मामले में उनसे जब पुलिसिया व्यवहार पर सवाल किया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
पीड़ित युवक विनीत ने पुलिस की इस कार्रवाई से नाखुश नजर आये. उनका कहना है कि मौके पर तीन पुलिसकर्मी और थाने में एक दरोगा ने बर्बरता की सारी हदें पार कर दी, इस दौरान आरोपी पुलिसकर्मी उन्हें स्मैक- गांजे के आरोप में जेल भेज कर उसकी जिंदगी बर्बाद करना चाहते थे. विनीत के मुताबिक अगर ऐसा हो जाता तो उसका सिविल सर्विसेस क्वालिफाई करने और देश सेवा करने का सपना अधूरा ही रह जाता.
डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने बताया कि बाराबिरवा चौराहे पर 17 और 18 जुलाई की रात में जाम लगा हुआ था, वहां पर दो कर्मचारी हेड कांस्टेबल गजेन्द्र सिंह और कांस्टेबल अनमोल मिश्रा तैनात थे. मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने पाया कि एक ओला कैब बीच सड़क पर खड़ी थी और ड्राइवर उसमें सो रहा था. ये देखकर उन्होंने जाकर उसे डांटा और कैब हटवाने लगे.
उन्होंने बताया कि इसी दौरान विनीत सिंह नाम का युवक वहां पर आया और उसने ऑब्जेक्शन किया. जिस पर पुलिसकर्मी उत्तेजित हो गए और आक्रोशित होकर उनके साथ दुर्व्यवहार किया. ये सूचना हमको थाना मानक नगर से मिली, इस पर इन दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. पूरे घटनाक्रम की जांच एसीपी काकोरी को सौंपी गई है.