Electric Bus: देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है. इसीलिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता और खरीदार को सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है. इसके चलते निजी इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ी है, लेकिन अब सरकार सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में इलेक्ट्रिक बसों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है. इसी के तहत उत्तर प्रदेश में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप अयोध्या, काशी, प्रयागराज, मथुरा और चित्रकूट के लिए केपेक्स मॉडल पर इलेक्ट्रिक बसें चलाने की तैयारी की गई है और इसके लिए 250 ई-बसों के बेड़े को शामिल किया गया है.
उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों तक लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए योगी सरकार ने इलेक्ट्रिक बसों के उपयोग की योजना बनाई है. सीएम योगी की मंशा के अनुरूप परिवहन निगम ने प्रथम चरण में अपने बस बेड़े में 250 इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने का निर्णय लिया है. इसके लिए भारत सरकार की फेम टू स्कीम के तहत मिलने वाले 40 प्रतिशत अनुदान के लिए पत्र भेजा है. भारत सरकार ने इस सम्बंध में विचार करने के लिए अपनी सैंद्धातिक सहमति दी है. परिवहन निगम केपेक्स मॉडल पर आधारित व्यवस्था के तहत इन्टर सिटी इलेक्ट्रिक बसें चलाएगा.
प्रबंध निदेशक परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि प्रदेश सरकार एवं परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह के निर्देशों के अनुपालन में परिवहन निगम के बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को बढ़ाने की योजना है. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की मंशा प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे अयोध्या, काशी, प्रयागराज, मथुरा, चित्रकूट को प्रदेश की राजधानी से इलेक्ट्रिक बसों के माध्यम से सीधे जोड़ने की है.
इलेक्ट्रिक बसें प्रदूषणमुक्त, पर्यावरण हितैषी होने के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी किफायती हैं. इसी क्रम में सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प के दृष्टिगत पर्यावरण के अनुकूल प्रदूषणमुक्त बसों का संचालन कर यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने में अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का निर्णय लिया है. वहीं, प्रबंध निदेशक परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे अयोध्या, काशी, प्रयागराज, मथुरा, चित्रकूट को प्रदेश की राजधानी से इलेक्ट्रिक बसों के माध्यम से सीधे जोड़ा जाएगा.