लखनऊ: यदि आप चाहते हैं कि आपका अपना बस स्टेशन हो तो आपकी कंपनी के लिए सुनहरा मौका है. उत्तर प्रदेश सरकार के साथ पार्टनर बनकर आप यह सपना पूरा कर सकते है. बीते मंगलवार को यूपी कैबिनेट ने संशोधित रिक्वेस्ट फॉर कोटेशन (आरएफक्यू), रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) और ड्राफ्ट कंसेशन एग्रीमेंट के अनुसार पीपीपी मोड पर राज्य में 18 बस स्टेशनों के विकास के लिए बोलियां (bids)आमंत्रित करने को मंजूरी दे दी है. यह दूसरी बार है कि इन 18 बस स्टेशनों के विकास के लिए बोलियां आमंत्रित की जाएंगी, जिन्हें पहले चरण में पांच अन्य के साथ विकसित किया जाना है.राज्य सरकार पहले चरण में 23 बस स्टेशनों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर विकसित करेगी. परिवहन विभाग ने जून में दो बोलीदाताओं को सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से पांच बस स्टेशन, कौशांबी (गाजियाबाद), विभूति खंड (लखनऊ), सिविल लाइन्स (प्रयागराज), पुराना गाजियाबाद (गाजियाबाद) और आगरा किला (आगरा) विकसित करने के लिए आशय पत्र (एलओआई) जारी किए .
राज्य कैबिनेट ने 6 जून को चयनित बोलीदाताओं को एलओआई जारी करने की मंजूरी दे दी थी. यह राज्य सरकार की डीबीएफओटी (डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण) मॉडल के तहत पीपीपी के माध्यम से 23 बस स्टेशनों को बस बंदरगाहों में विकसित करने की योजना के तहत किया गया था. इस योजना को पिछले साल नवंबर में कैबिनेट ने मंजूरी दी थी.शेष 18 बस स्टेशनों के मामले में, बोलियाँ फिर से आमंत्रित की जानी थीं. मंगलवार को कैबिनेट ने सचिवों की समिति की 22 अगस्त को हुई बैठक में संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार बोलियां आमंत्रित करने को मंजूरी दे दी.