Loading election data...

Welcome 2022: ‘कोरोना का जख्म, नहीं थके हम’, गुजरे साल में इन उपलब्धियों पर मना जश्न, पिक्चर बाकी है…

आने वाले साल में उत्तर प्रदेश में चुनाव के साथ कई योजनाओं को हकीकत में बदला जाएगा. आज हम बताने जा रहे हैं 2021 की पांच बड़ी योजनाएं, जिन्होंने उत्तर प्रदेश के साथ ही देश-दुनिया को बड़ा तोहफा दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 31, 2021 1:59 PM

Welcome 2022: उत्तर प्रदेश के लिए 2021 कई मायनों में खास भी रहा. कोरोना संकट की दूसरी लहर ने उत्तर प्रदेश को गहरा जख्म दिया. वहीं, हर तकलीफ को संघर्ष से दूर करके आगे बढ़ने वाले उत्तर प्रदेश ने कोरोना संकट को हरा दिया. देश-दुनिया में उत्तर प्रदेश के कोरोना मैनेजमेंट की तारीफ भी हुई.

2021 में धर्म, सिंचाई, स्वास्थ्य और आवागमन के क्षेत्र में कई उपलब्धियां मिली. सपने देखे गए और 2021 में उन्हें हकीकत में तब्दील किया गया. नए साल 2022 से भी हमें काफी उम्मीद हैं. आने वाले साल में उत्तर प्रदेश में चुनाव के साथ कई योजनाओं को हकीकत में बदला जाएगा. आज हम बताने जा रहे हैं 2021 की पांच बड़ी योजनाएं, जिन्होंने उत्तर प्रदेश के साथ ही देश-दुनिया को बड़ा तोहफा दिया है.

काशी विश्वनाथ धाम में आपका भव्य स्वागत है…

देश और दुनिया के लिए काशी विश्वनाथ धाम सबसे बड़ी सौगात लेकर आया. शिव नगरी स्थित काशी विश्वनाथ धाम के श्रद्धालुओं को बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए तंग गलियों से गुजरने से मुक्ति मिली है. काशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद श्रद्धालु गंगा घाट से सीधे बाबा मंदिर में पहुंच रहे हैं. इस भव्य कॉरिडोर में छोटी-बड़ी 23 इमारतें और 27 मंदिर हैं. इसे 50,000 वर्ग मीटर जमीन पर बनाया गया है.

Welcome 2022: ‘कोरोना का जख्म, नहीं थके हम’, गुजरे साल में इन उपलब्धियों पर मना जश्न, पिक्चर बाकी है... 6

काशी विश्वनाथ धाम का करीब 241 सालों में तीसरी बार पुनर्निमाण हुआ है. विश्वनाथ मंदिर को मुगलों ने कई बार क्षतिग्रस्त किया. मंदिर को नुकसान पहुंचाया. सबसे पहले मंदिर का 1780 में महारानी अहिल्या बाई होल्कर ने पुनर्निमाण कराया. 1853 में महाराजा रणजीत सिंह ने मंदिर के कई स्थानों पर स्वर्ण जड़वाए. 2019 में पीएम मोदी ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम का कार्य शुरू हुआ, जो पूरा हो गया है.

सरयू नहर परियोजना: 14.50 लाख हेक्टेयर में सिंचाई

दिसंबर में पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल के नौ जिलों को सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना की सौगात दी. इससे 14.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल की भूमि पर सिंचाई सुविधा मिली है. इस परियोजना का लाभ नौ जिलों के 30 लाख किसानों को मिला है. इसकी मुख्य नहर 350 किमी लंबी है. सहायक नहरों की लंबाई 6,600 किमी है. इसमें पांच नदियों घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिणी को जोड़ा गया है. तकरीबन 10,000 करोड़ रुपए की लागत वाली सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना से 6,227 गांवों की लगभग 15 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी. किसानों के लिए ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’ वरदान है.

Welcome 2022: ‘कोरोना का जख्म, नहीं थके हम’, गुजरे साल में इन उपलब्धियों पर मना जश्न, पिक्चर बाकी है... 7
कानपुर के आईआईटी और मोतीझील के बीच मेट्रो 

2021 के गुजरते-गुजरते कानपुर की जनता का मेट्रो में सफर का इंतजार खत्म हो गया. पीएम मोदी ने आईआईटी से मोतीझील के लिए मेट्रो को रवाना किया. सुबह 6 से रात 10 बजे तक यात्रियों को मेट्रो की सर्विस मिली है. अभी चार मेट्रो अप-डाउन लाइन पर हैं. जल्द ही गुजरात की सावली स्थित प्लांट से 2 मेट्रो आने वाली है. कानपुर मेट्रो की शुरुआत के साथ अन्य रूट्स पर सर्विस नए साल में शुरू होगी.

Welcome 2022: ‘कोरोना का जख्म, नहीं थके हम’, गुजरे साल में इन उपलब्धियों पर मना जश्न, पिक्चर बाकी है... 8

पीएम नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर में एम्स का उद्घाटन किया. इसका शिलान्यास 2016 में किया गया था. गोरखपुर में एम्स बनने से ना सिर्फ पूर्वांचल, बिहार और झारखंड के लाखों लोगों को सहूलियत मिली. उन्हें बेहतर इलाज का तोहफा मिल रहा है. खास बात यह रही कि पीएम मोदी ने आईसीएमआर के भी सेंटर का उद्घाटन किया. इससे लोगों का कोरोना समेत कई बीमारियों का टेस्ट आसानी से हो रहा है.

Welcome 2022: ‘कोरोना का जख्म, नहीं थके हम’, गुजरे साल में इन उपलब्धियों पर मना जश्न, पिक्चर बाकी है... 9
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: 341 किमी लंबाई, फर्राटेदार सफर…

साल 2021 में उत्तर प्रदेश को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का तोहफा मिला. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे भारत का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे है. इसकी लंबाई 341 किमी है. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के नौ जिलों लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, अंबेडकर नगर, अमेठी, सुल्तानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर से निकला है.

Welcome 2022: ‘कोरोना का जख्म, नहीं थके हम’, गुजरे साल में इन उपलब्धियों पर मना जश्न, पिक्चर बाकी है... 10
एक नजर में जानिए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को
  • भारत का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे- लंबाई 341 किमी

  • लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, अंबेडकर नगर, अमेठी, सुल्तानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर से कनेक्टिविटी

  • कुल 18 फ्लाईओवर, 7 रेलवे ओवर ब्रिज, 7 बड़े पुल, 104 छोटे पुल, 13 इंटरचेंज, 5 रैंप प्लाजा, 271 अंडरपासेज, 525 पुलिया

  • 8 स्थानों पर फ्यूल पंप चार स्थानों पर सीएनजी स्टेशन

  • सुल्तानपुर में एयर स्ट्रिप पेट्रोलिंग

  • कैटल कैचर गाड़ियां और एंबुलेंस

Also Read: Welcome 2022: हमने पूछा नए साल में उत्तर प्रदेश को कैसा देखना चाहते हैं? जवाब के लिए देखें वीडियो

Next Article

Exit mobile version