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डिजिटल टूल ‘मंत्र एप’ से मातृ-शिशु सेवाओं में सुधार के लिये यूपी को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

मंत्र (मां नवजात ट्रैकिंग एप) से प्रसव पूर्व एवं प्रसव के बाद मिलने वाली सेवाओं में सुधार के लिये उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है. मंत्र मातृ एवं नवजात मृत्यु दर काम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण डिजिटल नवाचार है.

लखनऊ: यूपी सरकार के डिजिटल टूल मंत्र (मां नवजात ट्रैकिंग एप) को इंदौर में शुक्रवार को भारत सरकार के 26वें राष्ट्रीय ई- गवर्नेंस अवॉर्ड में ‘सिल्वर’ पुरस्कार मिला है. चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश ने यूनिसेफ के सहयोग से इस ‘मंत्र एप’ को विकसित किया है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक उत्तर प्रदेश डॉ. पिंकी जोवल, महाप्रबंधक मातृत्व स्वास्थ्य डॉ. रवि दीक्षित और यूनिसेफ की स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. कानुप्रिय सिंघल को केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह पुरस्कार दिया.

लेबर रूम के लिए एक ऑनलाइन मैनेजमेंट इनफॉर्मेशन सिस्टम है ‘मंत्र’

मंत्र को 5 दिसंबर 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 5547 से अधिक प्रसव बिंदुओं पर लॉन्च किया गया. मंत्र लेबर रूम के लिए एक ऑनलाइन मैनेजमेंट इनफॉर्मेशन सिस्टम (एमआईएस) है. जो सबसे महत्वपूर्ण अवधि प्रसव के दौरान देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विकसित किया गया है. मंत्र निगरानी और डेटा-संचालित निर्णय लेने की सुविधा के लिए लेबर रूम डिलीवरी रजिस्टर और रेफरल-आउट रजिस्टर में उपलब्ध जानकारी को डिजिटल बनाता है.

ई-कवच एप से भी इंटीग्रेट है ‘मंत्र’

लांचिंग के बाद से मंत्र पर 32 लाख से अधिक डिलीवरी पंजीकृत की गई हैं. माँ एवं शिशु की देखभाल की गुणवत्ता की निगरानी के लिए डेटा का उपयोग किया गया है. मंत्र को मां एवं बच्चों की देखभाल के लिये विकसित सरकार के अन्य टूल जैसे ई-कवच एवं जन्म पंजीकरण आदि सुविधाओं से भी एकीकृत किया गया है. जिससे जन्म के तुरंत बाद शिशु का जन्म पंजीकरण सुनिश्चित हो सके.

यूपी स्वास्थ्य विभाग और यूनिसेफ के सहयोग से बना है एप

यूनिसेफ उत्तर प्रदेश प्रमुख डॉ. जकारी एडम ने कहा, “लेबर रूम में माताओं एवं नवजात शिशु की बेहतर देखभाल सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार के साथ मंत्र एप को विकसित करने में यूनिसेफ ने सहयोग किया है. इसके सुचारु उपयोग से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने में सहायता मिलेगी.”

सामुदायिक जागरूकता के लिये भी योगदान दिया

उन्होंने कहा कि मंत्र से प्रदेश की सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रसव कराने वाली 28 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं और उनके नवजात शिशुओं के लिए जन्म के समय देखभाल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है. मंत्र ने स्तनपान और टीकाकरण को बढ़ावा देने जैसे संदेशों के प्रसार के माध्यम से नवजात शिशु की देखभाल के लिए सामुदायिक जागरूकता के लिए भी योगदान दिया है.

मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर रखता है नजर

24 करोड़ से अधिक की आबादी और 167 प्रति लाख जीवित जन्म पर मातृ मृत्यु अनुपात (एसआरएस 2018-20) वाला उत्तर प्रदेश का देश में मातृ मृत्यु में एक तिहाई योगदान है. यह देश में नवजात शिशुओं की एक चौथाई मृत्यु में भी योगदान देता है. जिसमें सालाना लगभग 150,000 मृत्यु होती हैं. उत्तर प्रदेश की सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में हर साल 28 लाख से अधिक प्रसव होते हैं. आंकड़ों के मुताबिक लगभग 40% मातृ एवं शिशु मृत्यु प्रसव के दिन होती हैं. इसलिये इस दौरान दी जाने वाली सुविधाओं में सुधार लाने के उद्देश्य से मंत्र को विकसित किया गया है.

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