Lucknow News: दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए 15 साल पुराने डीजल और 10 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को 1 जनवरी,2022 से हटाने के आदेश जारी किए हैं. इसके बाद दिल्ली की पुरानी गाड़ियों को यूपी के छोटे जिलों में तेजी से बेचा जा रहा है. आरटीओ कार्यालयों में ऐसे पेपर्स की संख्या बढ़ गई है. ऐसे में दिल्ली में जिस प्रदूषण से बचने के लिए यह कवायद शुरू की गई है कहीं वह उत्तर प्रदेश के लिए सिर दर्द न बन जाए.
आरटीओ विभाग के मुताबिक, करीब चार लाख के आस-पास गाड़ियां यूपी के विभिन्न जिलों में बेचने की तैयारी है. प्रदेश के कई जिलों में अभी 15 और 10 वर्ष पुराने वाहनों का पंजीयन किया जा रहा है. इनमें अम्बेडकर नगर, अमेठी, औरेया, बदायू, पहराइच, बलिया बलरामपुर, बिजनौर, गाजीपुर, हमीरपुर, हरदोई, चित्रकूट, पटा, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, जौनपुर, कन्नौज, काशीराम नगर, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी ललितपुर, महाराजगंज महोबा, मथुरा, उरई, पीलीभीत प्रतापगढ़ शाहजहापुर, सिद्धार्थ नगर, श्रावस्ती और सुल्तानपुर शामिल हैं. वहीं 9 साल पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन लखनऊ अन्य जिलों में कराया जा सकता है.
लंबे समय से कार रिसेल के व्यवसाय से जुड़े अभिषेक सिंह चौहान का कहना है कि बीते कुछ दिनों से दिल्ली से गाड़ियों की खरीद के ऑफर आ रहे हैं. गाड़ियों की कीमत भी कम बताई जा रही है. ऐसे में इतना तो तय है कि दिल्ली में जिनकी गाड़ियां तय मानकों से ज्यादा उम्र की हो गई हैं, वे अपनी कारों को यूपी में बेचने की फिराक में हैं. कुछ ऐसा ही कार व्यवसाय से जुड़े सुमित मिश्रा भी कहते हैं. हालांकि, लखनऊ आरटीओ के सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आसान नहीं की जाएगी बल्कि गाड़ी की पूरी जांच करने के बाद ही उसे यूपी में रजिस्टर्ड किया जाएगा.
दिल्ली में नया नियम 1 जनवरी 2022 से लागू किया जा रहा है. कॉमर्शियल गाड़ियों पर वहां पहले से ही प्रतिबंध है. अब निजी वाहनों पर सख्ती की जा रही है. बढ़ते प्रदूषण को काबू में करने के लिए ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं. जाहिर है कि दिल्ली के टू व्हीलर और फोर व्हीलर वाहनों के मालिक अपनी गाड़ियों को जल्द से जल्द सस्ती कीमत पर बेचने के लिए तैयार हैं.