लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार कोविड- 19 और लॉकडाउन के नियम तोड़ने को लेकर लोगों पर दर्ज किये गये मुकदमे वापस लेने की तैयारी कर रही है. इस बारे में कानून मंत्रालय ने अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं. एक सरकारी बयान के अनुसार प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने फैसला लिया है कि कोविड-19 और लॉकडाउन तोड़ने के मामलों में व्यापारियों एवं अन्य लोगों पर दर्ज मुकदमे वापस लिये जायेंगे.
कानून मंत्रालय ने इस बारे में प्रमुख सचिव को दिशा-निर्देश जारी करते हुए प्रदेश भर में दर्ज मुकदमों का ब्योरा जुटाने के लिए कहा है. बयान के मुताबिक प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को इस बारे में अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिये हैं. सरकार का मानना है कि कोविड-19 के मुकदमों से आम लोगों को अनावश्यक परेशानी उठानी पड़ेगी.
कानून मंत्री ने कहा कि व्यापारियों की लंबे समय से यह मांग थी, जिस पर विचार करते हुए राज्य सरकार ने इन मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. बता दें कि लॉकडाउन के दौरान देश भर में लोगों पर मुकदमें दर्ज किये गये थे, जिन्होंने नियमों की अनदेखी की थी. ऐसा लोगों को कोरोनावायरस संक्रमण के प्रति जागरूक करने के लिए किया गया था.
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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में कोविड-19 के टीके ‘कोवैक्सीन’ के ट्रायल के तहत विभिन्न जातियों, धर्म और सामाजिक वर्गों के 1000 से ज्यादा लोगों ने टीके को लेकर व्याप्त आशंकाओं को दरकिनार करते हुए टीका लगवाया है. एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में हो रहे टीकाकरण कार्यक्रम के तीसरे चरण की निगरानी कर रहे प्रोफेसर मोहम्मद शमीम ने गुरुवार को बताया कि पिछले 18 नवंबर को शुरू हुए ट्रायल में प्रोटोकॉल के तहत 1000 से ज्यादा वॉलिंटियर्स को इकट्ठा किया गया था.
उन्होंने बताया कि इसमें विभिन्न धर्मों, जातियों के लोगों ने टीके को लेकर जताई जा रही तमाम आशंकाओं को पीछे छोड़ बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई. उन्होंने बताया कि इन वॉलिंटियर्स को दिसंबर के आखिरी सप्ताह में टीके की दूसरी और अंतिम खुराक दी जा चुकी है. अब उनके स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है और उनका प्रतिमाह चेकअप का काम अगले नवंबर तक चलेगा.
Posted By: Amlesh Nandan.