वरुण गांधी की नेताओं को नसीहत, कहा- जमीर जिंदा हो तो राजनीति की चिंता छोड़ो, जो सही है, उस पर खुलकर बोलो
पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने नेताओं को नसीहत दी है. उनका कहना है कि अगर जमीर जिंदा है तो राजनीति की चिंता छोड़ो, जो सही है, उस पर खुल कर बोलो.
UP Election 2022: बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने अपने लोकसभा क्षेत्र पीलीभीत में किसानों के हक की लड़ाई में उनके साथ हमेशा की तरह खड़े रहने का ऐलान किया. कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों के पक्ष में खड़े वरुण गांधी ने दूसरे सांसदों को भी नसीहत दी. बोले जमीर जिंदा है तो राजनीति की चिंता छोड़ो और जो सही है, उस पर खुल कर बोलो. उन्होंने कहा, मैं ऐसा सांसद नहीं हूं जो झूठ को झूठ और सच को सच कहने की हिम्मत न जुटा पाऊं.
वरुण गांधी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लिया जायजाबीजेपी सांसद वरुण गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र के बहेड़ी के गांव कुडरा कोठी, दीननगर, पनवड़िया, हरहरपुर, फाजलपुर, शाहपुरा आदि गांवों में किसानों की बाढ़ से बर्बाद फसल का जायजा लिया. इसके साथ ही अमरिया ब्लॉक के ग्राम सुस्वार, नगरिया कॉलोनी, मझलिया, अंटा गोटिया, ललौरीखेड़ा ब्लॉक के ग्राम रम्पुरा मिश्र, अजीत दांडी, जनौरा छतरपुर बीसलपुर और बिलसंडा ब्लॉक की ग्राम दिवाली, ईट गांव, बिहारीपुर पट्टी और मोहम्मदपुर भजा में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी फसलों का जायजा लिया.
वरुण गांधी ने कहा कि पानी बढ़ने से जमीन का कटान जारी है. इसके साथ ही फसलें भी नष्ट हो गई हैं. इनको रोकने के लिए पैचिंग कार्य होना चाहिए. ग्रामवासियों ने सांसद का जोरदार स्वागत किया. ग्रामीणों को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा कि वह किसानों के साथ हमेशा की तरह खड़े हैं और किसी से डरने वाले नहीं हैं. उन्होंने दूसरे सांसदों को भी गुलामी की राजनीति छोड़ खुलकर बोलने की नसीहत दी.
Also Read: किसान के धान पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने से नाराज वरुण गांधी, सरकार को कृषि नीति पर पुनर्चिंतन की दी नसीहतपीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने कहा कि किसी के हक पर डाका डालने के लिए राजनीति नहीं की जाती, बल्कि लोगों का दिल जीतने के लिए राजनीति करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जो लोग गांधी जी के बताए रास्ते पर चलते हैं, वह कभी असफल नहीं होते. सत्य को परेशान किया जा सकता है मगर पराजित नहीं किया जा सकता.
बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे के दौरान सांसद प्रतिनिधि सरदार जैल सिंह, सुनील गंगवार, ढाकन लाल गंगवार, मुकेश गंगवार, दिनेश पटेल, सोनू वाल्मीकि, सतनाम सिंह, रूपेश गंगवार, रमेश लोधी, डॉक्टर बांकेलाल, राम नरेश वर्मा, राजेश सिंह आदि मौजूद थे.
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