लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक में पावन नैमिषारण्य धाम व आस-पास के पर्यटक स्थलों के जीर्णोद्धार-नवनिर्माण तथा सुंदरीकरण के संबंध में जारी परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने हर परियोजना के लिए समय-सीमा निर्धारित करते हुए नैमिषारण्य में वेद विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. 88 हजार ऋषियों की पावन तपःस्थली नैमिषारण्य के समग्र विकास के उद्देश्य से राज्य सरकार ने हाल ही में श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद का गठन किया है. यह वह स्थली है जहां हमारे ऋषियों ने सनातन ज्ञान को लिपिबद्ध करने का अनुपम कार्य किया था.
राज्य सरकार यहां धार्मिक पर्यटन विकास की सभी संभावनाओं को प्रोत्साहित कर रही है. यहां संचालित हर एक परियोजना गुणवत्ता के साथ समयबद्ध ढंग से पूरी कराई जाए. सनातन आस्था को सम्मान और वैदिक ज्ञान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जनपद सीतापुर स्थित पावन नैमिषारण्य धाम में यथाशीघ्र वेद विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाए. इस संबंध में बजटीय प्रावधान भी किया गया है. वेद विज्ञान अध्ययन केन्द्र की स्थापना से वेदों एवं पुराणों में संरक्षित ज्ञान को आम जन के बीच ले जाने के लिए अध्ययन कार्य किया जा सकेगा.
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वेद विज्ञान केंद्र में प्रशासनिक भवन, शैक्षणिक भवन, गुरुकुल, योगशाला, यज्ञशाला, मंदिर आदि का निर्माण हो. खगोलशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए यहां वेधशाला भी स्थापित की जाए. वेद विज्ञान केंद्र के स्वरूप निर्धारण से लेकर संचालन तक की हर प्रक्रिया में विषय-विशेषज्ञों को जोड़ें.
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सिधौली स्थित मां ललिता देवी मंदिर सनातन आस्था का महान केंद्र है. यहां सालभर श्रद्धालुओं का आगमन होता रहता है. इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार करें. मां ललिता देवी मंदिर के भव्य प्रवेश द्वार और पंचमुखी प्लाज़ा का निर्माण तेजी से पूरा किया जाना चाहिए.
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नैमिषधाम के पुनरुद्धार के बाद यहां देश-दुनिया से पर्यटकों/श्रद्धालुओं का आगमन तेजी से बढ़ेगा. पर्यटन मानचित्र पर सीतापुर जनपद प्रमुखता से अंकित होगा. उत्तर प्रदेश सरकार अपने संसाधनों से यहां के समग्र विकास की योजना पर कार्य कर रही है और अब भारत सरकार ने स्वदेश दर्शन-2 में नैमिषारण्य का चयन किया है.
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नैमिषधाम में होटल व धर्मशालाएं खोले जाने के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करें. निजी निवेशकों को भूमि उपलब्ध कराएं, सीएसआर फंड का भी सदुपयोग किया जा सकता है.
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नीमसार स्थित पर्यटक आवास गृह को पीपीपी मोड पर चलाया जाना चाहिए. इससे पर्यटकों को भी सुविधा होगी और राजस्व संग्रह भी हो सकेगा. निवेशकर्ता का चयन कर यथाशीघ्र कार्यवाही आगे बढाएं.
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नैमिषारण्य-मिश्रिख में चक्रतीर्थ के प्रमुख प्रवेश द्वारों व अन्य द्वारों को कॉरीडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है. एंट्रेंस पवेलियन, विजिटर फैसिलिटी सेंटर, आरती के लिए वेदियों का निर्माण, मिश्रिख में महादेव मंदिर और आश्रम परिसर में श्रद्धालु सुविधा विकास के कार्यों सहित तय परियोजना के सभी कार्य आगामी सितंबर माह तक पूर्ण करा लिया जाए.
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नैमिष धाम स्थित सीताकुंड के जीर्णोद्धार, यात्री भवन, पर्यटक आवास आदि निर्माण कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूरा करा लिया जाए. पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यहां हेलीपोर्ट का भी निर्माण कराया जा रहा है. हेलीपोर्ट के टर्मिनल बिल्डिंग के निर्माण में तेजी की अपेक्षा है.
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लखनऊ से सीतापुर तक इलेक्ट्रिक बस सेवा का ट्रायल आशानुकूल रहा. चार्जिंग स्टेशन की शुरुआत करते हुए इलेक्ट्रिक बस सेवा को नियमित करें. इससे आम जन को बड़ी सुविधा होगी. नैमिषधाम के पूरे क्षेत्र में स्वच्छता, पार्किंग के अच्छे प्रबंध किए जाएं. यहां पर्यटक पुलिस की तैनाती भी की जानी चाहिए.