उत्तर प्रदेश में 31661 सहायक शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने तीन जून के आदेश पर लगायी रोक

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया रोकने के एकल पीठ के पिछले आदेश पर रोक लगा दी है. मालूम हो कि तीन जून को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी थी. अब सूबे में 31661 पदों पर सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया उत्तर प्रदेश सरकार शुरू कर सकती है.

By Kaushal Kishor | June 12, 2020 2:53 PM
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लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया रोकने के एकल पीठ के पिछले आदेश पर रोक लगा दी है. मालूम हो कि तीन जून को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी थी. अब सूबे में 31661 पदों पर सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया उत्तर प्रदेश सरकार शुरू कर सकती है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति जस्टिस पीके जायसवाल और न्यायमूर्ति जस्टिस डीके सिंह की खंडपीठ ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के नौ जून के आदेश के आलोक में राज्य सरकार को भर्ती प्रक्रिया जारी रखने की बात कही.

लखनऊ पीठ ने कहा, ”उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा मित्रों के लिए रखे गये 37,339 पदों के अलावा अन्य पदों पर सहायक शिक्षकों की नियुक्ति कर सकती है.” उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा मित्रों के लिए रखे गये 37,339 पदों को छोड़ कर शेष 31661 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया जारी रख सकती है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ की न्यायमूर्ति जस्टिस आलोक माथुर की एकल पीठ ने तीन जून को 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाते हुए आठ मई को परीक्षा परिणाम घोषित करने संबधी अधिसूचना पर रोक लगा दी थी.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने नौ जून को मामले की सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को सहायक शिक्षकों के 37,339 पदों को रिक्त रखने को कहा था, जिस पर शिक्षा मित्र काम कर रहे हैं. साथ ही कहा था कि सहायक शिक्षक पद पर सेवा दे रहे शिक्षा मित्रों की यथास्थिति बहाल रखी जाये. अदालत ने आठ मई को घोषित परीक्षा परिणाम में कुछ प्रश्नों और उत्तर में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने पर न्याय हित में प्रश्नों को यूजीसी भेज कर सही उत्तर प्राप्त करने का निर्देश दिया था.

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