Lucknow: भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष और कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) ने शनिवार को एक बार फिर अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई दी. उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए धरना दे रहे खिलाड़ियों की मंशा पर सवाल उठाए. बृजभूषण शरण सिंह ने मामले में एक उद्योगपति और कांग्रेस का हाथ होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मुझे मोहरा बनाकर किसी और नुकसान पहुंचाया जा रहा है. पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने अपने इस्तीफा देने पर कहा कि मेरा कार्यकाल समाप्त होने वाला है. इस्तीफा कोई इतनी बड़ी चीज नहीं नहीं. लेकिन अपराधी बनकर नहीं.
बृजभूषण शरण सिंह ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि धरना दे रहे खिलाड़ियों की मांग जब मान ली गई है. एफआईआर दर्ज कर ली गई है, तो ऐसे में वह बयानबाजी क्यों कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ क्यों बोला जा रहा है? दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बुलाने की क्या जरूरत है? सत्यपाल मालिक को बुलाने का क्या औचित्य है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भी इनके साथ हैं. लेकिन, उन्हें बाद में सच का पता चलेगा.
बृजभूषण शरण सिंह कहा कि मैं पूरी तरह निर्दोष हूं. दिल्ली पुलिस मामले की निष्पक्ष जांच करे. उन्होंने कहा कि वास्तव में यह खिलाड़ियों का धरना नहीं है. इसके पीछे कुछ और लोग शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कुछ लोग हैं, जो हमारी पार्टी को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. इसके लिए वह मुझे मोहरा बना रहे हैं. निशाना कोई और है, हम बहाना हैं. उन्होंने कहा कि जांच समिति की रिपोर्ट इनके पास लगातार पहुंच रही थी. इनको जब लगा कि जांच समिति में कोई आरोप सिद्ध नहीं हो रहा है तो इन्होंने समिति के रिपोर्ट को सार्वजनिक होने का इंतजार नहीं किया और एक नए मामले के साथ सुप्रीम कोर्ट चले गए.
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बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि खिलाड़ियों के ही कहने पर एक ऐसे व्यक्ति को कमेटी में शामिल किया गया, जिसको नियमों के मुताबिक शामिल नहीं किया जा सकता था. इसके बाद भी आरोप लगाए जा रहे हैं. पहले भी जब ओवरसाइट कमेटी बनी थी, तब भी हमने कोई सवाल नहीं किया था. आईओए की कमेटी बनी तो भी हमारा कोई सवाल नहीं था और आज भी मेरे कोई सवाल नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियों के रवैये के कारण कई बड़े खेल आयोजन प्रभावित हुए हैं. नेशनल चैंपियनशिप तक प्रभावित हुई. तो कहीं कैंप में आ चुके खिलाड़ियों को वापस लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा. उन्होंने कहा कि ये लोग खेल को बचाने की बात कर रहे हैं. लेकिन, धरना प्रदर्शन के दौरान इन्होंने खेल का कितना बड़ा नुकसान किया है, ये आने वाले समय में पता चलेगा.