PM Fasal Bima Yojana: हमारे देश में ज्यादातर लोगों का व्यवसाय अब भी खेती है. तकनीक के इतने विकास के बाद भी ज्यादातर किसान बारिश पर ही निर्भर रहते हैं. ऐसे में कई बार अचानक होने वाली भारी बारिश, सूखा, तूफान या किसी अन्य तरह की प्राकृतिक आपदा से फसलों के खराब होने का खतरा बना रहता है. इसका पूरा नुकसान किसानों को उठाना पड़ता है. इन्हीं अनिश्चितताओं के कारण होने वाले वित्तीय नुकसानों से किसानों को बचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की गई है, जो इस स्थिति में उनको वित्तीय सहायता प्रदान करती है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पंजीकरण की आखिरी तारीख 31 जुलाई है. ऐसे में कृषि विभाग की तरफ से ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस योजना का लाभ उठाने की अपील की जा रही है. कृषि विभाग के अफसरों ने बताया कि फसलों को जोखिमों से बचाने के लिए फसल का बीमा होना बेहद जरूरी है. फसल को सुरक्षा देने के लिए केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (RWBCIS) देश में खरीफ की फसल पर आने वाले जोखिमों से सुरक्षा प्रदान करती है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को कम प्रीमियम देना होता है. किसानों पर बीमा प्रीमियम की राशि भार केंद्र और राज्य सरकार उठाती है. इस योजना का लाभ भारत के 22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के किसान ले सकते हैं.
फसल बीमा योजनाओं में दावे और मुआवजे की प्रक्रिया को और पारदर्शी एवं सरल बनाने के लिए एक प्रौद्योगिकी आधारित डिजी क्लेम नाम की प्रणाली विकसित की गई है जिसके तहत दावों के निपटारे और मुआवज़ा वितरण जैसी प्रक्रियाएं आसान हो गयी हैं. इस प्रक्रिया से किसानों की फसल के नुकसान मुआवजा जल्द मिलता है. इस प्रणाली की मदद से मार्च 2023 में डिजीक्लेम से एक दिन में किसानों को 1200 करोड़ रुपये से अधिक के दावों का भुगतान किया जा चुका है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को खेती बाड़ी में होने वाले तमाम वित्तीय जोखिमों से बचाने के लिए व्यापक सुरक्षा मिलती है. इसमें पूर्व-बुवाई, मध्य अवधि की प्रतिकूलता, स्थानीय आपदाएं, उपज-आधारित क्षति और मौसम-आधारित क्षति जैसी आपदाएं शामिल हैं. यह बहुआयामी योजना पूरे फसल चक्र के दौरान किसानों को एक सुरक्षा कवच प्रदान करती है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्लेम लेने के लिए किसानों को सबसे पहले 72 घंटे के भीतर कृषि विभाग को फसल खराब होने की जानकारी देनी होती है. इसके बाद आवेदन करना होता है. फॉर्म में फसल खराब होने का कारण, कौन-सी फसल बोई गई थी, कितने क्षेत्र में फसल बर्बाद हुई हैं, इन सब बातों का ब्यौरा देना होता है. उन्हें जमीन से संबंधित जानकारी भी देनी होती है. इसके आलवा, बीमा पॉलिसी की फोटोकॉपी की जरूरत होती है.
आवेदन करने के कुछ दिनों के बाद बीमा कंपनी के प्रतिनिधि और कृषि विभाग के कर्मचारी खेत का निरीक्षण कर नुकसान का आकलन करते हैं और सब कुछ सही पाए जाने पर किसान के बैंक अकाउंट में बीमा का पूरा क्लेम डाल दिया जाता है.
किसान फसल बीमा कराने के लिए बीमा प्रस्ताव पत्र, भू-अधिकार पुस्तिका की फोटोकॉपी, बोवनी का प्रमाण पत्र सम्बन्धित (पटवारी अथवा पंचायत सचिव) से प्राप्त करें. आधार कार्ड (अनिवार्य), वोटर आईडी, पेन कार्ड इत्यादि में से कोई एक एवं बैंक पासबुक की फोटोकॉपी लेकर बैंक पहुंचें और योजना का लाभ लें सकते हैं.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के आधिकारिक वेबसाइट pmfby.gov.in पर पंजीकरण कर सकते हैं. याद रखें पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2023 है. अगर आप चाहें तो किसान कॉल सेंटर (1551) की भी मदद ले सकते हैं. जिन किसानो के पास किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) है, वे किसान अपने बैंक ब्रांच से संपर्क करके पंजीकरण करवा सकते हैं. यदि किसान किसी और माध्यम से भी पंजीकरण करवाना चाहते हैं तो वे जन सेवा केंद्र (सीएससी सेंटर) या फिर अपने जिला के कृषि अधिकारी से जानकारी प्राप्त करके योजना के अंतर्गत पंजीकरण करवा सकते हैं.