लखनऊ. उत्तर प्रदेश के छोटे उद्यमियों के लिए बीमा योजना 15 अगस्त से लागू हो जाएगी. प्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र की सूक्ष्म इकाइयों को पंजीकरण के दायरे में लाने और उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना लाई गयी है. मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना प्रदेश में 15 अगस्त से संचालित की जाएगी. इस योजना के तहत उद्यमी की दुर्घटना या स्थायी अपंगता की स्थिति में पांच लाख तक की सहायता राशि दी जाएगी. कैबिनेट से स्वीकृत मिलने के बाद इस योजना से जुड़े दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
इस योजना के दायरे में 18 से 60 वर्ष तक के सभी सूक्ष्म उद्यमी आएंगे. चालू वित्तीय वर्ष में पंजीकरण के इस दायरे में आने वाले सभी उद्यमियों को 30 जून 2024 तक बीमा कवर प्रदान किया जाएगा. वहीं, अगले वित्तीय वर्ष से 30 जून तक पंजीकृत उद्यमियों को एक जुलाई से 30 जून 2025 तक बीमा कवर प्रदान किया जाएगा. फिलहाल उद्यमियों के लिए यह योजना अगले पांच वर्षों तक प्रभावी रहेगी. हालांकि, जीएसटी के दायरे में आने वाले उद्यमियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. उन उद्यमियों को जीएसटी विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा का लाभ पूर्व से मिल रहा है.
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जानकारी के अनुसार, प्रदेश में असंगठित क्षेत्र की लगभग 90 लाख इकाइयां हैं, इनमें महज 14 लाख ही उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं. इनके आंकड़े उपलब्ध नहीं होने के कारण इस क्षेत्र का आर्थिक योगदान स्पष्ट नहीं हो पाता है. इसलिए सूक्ष्म इकाइयों को पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इनको मुख्यमंत्री सूक्ष्म बीमा योजना से जोड़ने का निर्णय लिया गया है. चालू वित्तीय वर्ष में योजना का संचालन एमएसएमई विभाग द्वारा किया जाएगा. 50 लाख तक के पूंजी निवेश वाली इकाइयों को सूक्ष्म इकाइयों की श्रेणी में रखा जाता है.