‘जिसको जो भाषा समझ आती है, उसी भाषा में समझाऊंगा, सबके पेट का दर्द दूर कर दूंगा’, CM योगी का विपक्ष पर हमला
UP News Hindi लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने राज्य विधानमंडल के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष के रवैये की आलोचना करते हुए तल्ख टिप्पणियां कीं और कहा कि यही वजह है कि नेता जैसा सम्मानजनक शब्द अब अपमानजनक लगने लगा है. योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दल के सदस्यों पर हमला बोलते हुए कि ज्यादा गर्मी न दिखाएं, सबसे पेट का दर्द दूर कर दूंगा. उन्होंने कहा कि विपक्षी जैसी भाषा समझते हैं उन्हें उसी भाषा में जवाब दिया जाता है.
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विधानमंडल में योगी ने विपक्ष पर बोला हमला, बोला सबके पेट का दर्द ठीक कर दूंगा.
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जो जैसी भाषा समझेगा, उसी भाषा में उसे जवाब दिया जायेगा : योगी आदित्यनाथ.
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नेता शब्द पहले सम्मानजनक लगता था, अब अपमानजनक लगता है: CM योगी.
UP News Hindi लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने राज्य विधानमंडल के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष के रवैये की आलोचना करते हुए तल्ख टिप्पणियां कीं और कहा कि यही वजह है कि नेता जैसा सम्मानजनक शब्द अब अपमानजनक लगने लगा है. योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दल के सदस्यों पर हमला बोलते हुए कि ज्यादा गर्मी न दिखाएं, सबसे पेट का दर्द दूर कर दूंगा. उन्होंने कहा कि विपक्षी जैसी भाषा समझते हैं उन्हें उसी भाषा में जवाब दिया जाता है.
किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का जिक्र आने पर विपक्षी सदस्यों की आपत्ति पर मुख्यमंत्री ने उन्हें बात सुनने की नसीहत दी और कहा, ‘मैं जानता हूं कि आप लोग किस प्रकार की भाषा सुनते हैं. उसी प्रकार का डोज भी मैं समय-समय पर देता हूं.’ इसपर सपा सदस्य नरेश उत्तम ने आपत्ति करते हुए कहा, ‘मुख्यमंत्री बार-बार ठीक कर दूंगा, डोज दे दूंगा की बात करते हैं. मुख्यमंत्री खुद योगी हैं. उन्हें इस तरह की भाषा नहीं बोलनी चाहिए.’
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए 18 फरवरी को अभिभाषण के दौरान विपक्ष के रवैये का जिक्र किया और कहा, ‘अच्छी चीजों को स्वीकारा जाता है और बुरी चीजों को छोड़ा जाता है, लेकिन यहां पर उल्टा देखने को मिलता है. बुरी चीजों को परिपाटी मानकर और भी बुरा कैसे किया जाए, इसकी प्रतिस्पर्धा की जाती है. यह लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है. इससे हमारे नेता और कार्यकर्ता विश्वसनीयता के संकट से गुजरते हैं. इसीलिए लोग उन्हें संदेह की नजरों से देखते हैं.’
मुख्यमंत्री की तल्ख टिप्पणी को लेकर योगी आदित्यनाथ और सपा सदस्यों के बीच काफी तीखी नोकझोंक हो गई. योगी ने सपा सदस्यों को शिष्टाचार सीखने की नसीहत दी और कहा, ‘जो जिस भाषा को समझेगा, उसे उसी भाषा में जवाब दिया जायेगा.’ इस दौरान सपा के सदस्य खड़े होकर विरोध जताने लगे तो सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए उन्हें बैठकर मुख्यमंत्री की बात सुनने को कहा.
योगी ने कहा, ‘आजादी के पहले जो नेता शब्द सम्मान का प्रतीक था… आजादी के बाद आज ऐसी स्थिति क्यों पैदा हुई कि आज वही शब्द अपमानजनक प्रतीत होने लगा.’ उन्होंने कहा ‘अगर किसी को लगता है कि वह जितनी उद्दंडता कर लेगा, जितनी जोर से सदन में चिल्ला लेगा, उसके लिए उसकी तारीफ होगी, तो मुझे लगता है कि यह उसकी गलतफहमी है. जनता इसको बहुत अच्छे ढंग से नहीं लेती है.’
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योगी ने विपक्ष खासकर सपा सदस्यों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, ‘नेता विरोधी दल (अहमद हसन) को छोड़ दें तो उनके जो अन्य सहयोगी हैं, उनसे बहुत उम्मीद भी नहीं की जाती. उनका बहुत पुराना इतिहास भी रहा है महिलाओं का अपमान करने का. स्टेट गेस्ट हाउस कांड कौन नहीं जानता? इन लोगों का जो इतिहास रहा है, उसको देखते हुए हर व्यक्ति इस बात को जानता है कि कैसे-कैसे कृत्य हुए हैं, लेकिन सदन के अंदर तो कम से कम इन चीजों को बचाकर के रखिए.’
राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने किया था जोरदार हंगामा
गौरतलब है कि गत 18 फरवरी को राज्य विधानमंडल के बजट सत्र की शुरुआत पर समवेत सदन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के दौरान तमाम विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया था. मुख्यमंत्री ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान भारत में संक्रमण के खिलाफ लड़ाई का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए कहा कि नेतृत्व बदल जाता है तो कैसे देश की तकदीर बदल जाती है.
योगी ने किया महाभारत के प्रसंग का जिक्र
योगी ने शरशैया पर लेटे भीष्म पितामह द्वारा युधिष्ठिर से बातचीत के दौरान पढ़े गये श्लोक ‘राजा कालस्य कारणम’ का जिक्र करते हुए कहा कि किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि राजा ही अपने समय की परिस्थितियों का निर्माण करता है, अपने समय के स्वरूप का निर्धारण करता है और वह अपने समय का निर्माता होता है. राजा परिस्थितियों का परिणाम नहीं, बल्कि उनका निर्माता होता है. उन्होंने कहा, ‘पांच हजार वर्ष पहले कही गईं यह बातें पिछले छह वर्षों के दौरान दिखी होंगी कि कैसे भारत की तस्वीर को वैश्विक मंच पर नयी ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम हुआ है.’
Posted By: Amlesh Nandan.