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यूपी में ”सुधार गृह’ के रूप में जाने जाएंगे कारागार, CM योगी ने ‘मॉडल प्रिजन एक्ट’ लागू करने का दिया निर्देश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने जेलों को 'सुधार गृह' के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता व्यक्त की. उन्होंने कारागारों की स्थिति की समीक्षा की. इस दौरान प्रदेश में 'मॉडल प्रिजन ऐक्ट' के प्रावधानों को लागू करने का निर्देश दिया.

Lucknow : सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कारागार सुधार की महत्ता पर जोर देते हुए प्रदेश में ‘मॉडल प्रिजन ऐक्ट’ के प्रावधानों को लागू करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों प्रदेश में नया मैन्युअल लागू किया गया है. जेल सुधारों की ओर यह महत्वपूर्ण प्रयास है. हमें यूपी के जेलों को सुधार के बेहतर केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए ठोस प्रयास करना होगा. इसके लिए ‘ओपन जेल’ स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार करें.

अंग्रेजों के दौर का बना जेल एक्ट अभी भी लागू है- सीएम योगी

सीएम ने कारागारों की स्थिति की समीक्षा की. अभी राजधानी में एक सेमी ओपन जेल है. इस कवायद को उन्होंने और आगे बढ़ाने को कहा है. ओपन जेल में कैदियों पर बहुत अधिक प्रतिबंध की जगह उनके सुधार व सामुदायिक भागीदारी पर जोर दिया जाता है. योगी ने कहा कि हमें जेलों को सुधारगृह के तौर पर विकसित करना होगा. इस समय अंग्रेजों के दौर का बना जेल एक्ट 1894 और कैदी अधिनियम 1900 लागू है, जिसके कई प्रावधान बदलते परिवेश और बंदियों के पुनर्वास की सुधारात्मक विचारधारा के अनुकूल नहीं हैं.

इसलिए, नया अधिनियम लागू करने की जरूरत है. केंद्र के मॉडल प्रिजन ऐक्ट के आधार पर यूपी में भी नया प्रिजन ऐक्ट तैयार किया जाए. उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में प्रदेश की जेलों में बंदियों का प्रवेश एवं निकास ई-जेल पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है, जिसे बंदी सूचना प्रबंधन प्रणाली, विजिटर मैनेजमेंट सिस्टम, ई-कस्टडी सर्टिफिकेट एवं ई-कस्टडी सर्टिफिकेट के उपयोग से पुलिस खुफिया प्रणाली को और मजबूत किया जा रहा है.

बनाएं हाई-सिक्यॉरिटी बैरक

सीएम ने कहा कि देश-समाज के लिए बड़ा खतरा बने कैदियों के लिए हाई-सिक्यॉरिटी बैरक तैयार की जाएं. जेलों में मोबाइल फोन जैसी प्रतिबंधित वस्तुओं के इस्तेमाल पर कठोरतम दंड का प्रावधान करें. साथ ही महिलाओं और ट्रांसजेंडरों कैदियों के लिए अलग आवास का प्रावधान किया जाए, जेल में अच्छे आचरण को प्रोत्साहित करने के लिए कैदियों को कानूनी सहायता, परोल, फर्लो और समय से पहले रिहाई का लाभ मिलना चाहिए. नए ऐक्ट में इसके स्पष्ट प्रावधान रखे जाएं. योगी ने कहा कि जेल के कामकाज में पारदर्शिता के लिए तकनीक का अधिक से अधिक इस्तेमाल करना होगा.

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