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Corona Update: नोएडा-गाजियाबाद के बाद अब लखनऊ में भी कोरोना का दस्तक, नए वैरिएंट JN.1 को लेकर अलर्ट जारी

लखनऊ के आलमबाग इलाके में एक महिला की जांच में कोरोना वॉयरस मिला है. फिलहाल उसे होम आईसोलेशन में रखा गया हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नमूना जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए केजीएमयू भेजा गया है.

By Sandeep kumar | December 22, 2023 8:18 AM
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कोरोना (Covid-19) की एंट्री गाजियाबाद और नोएडा के बाद अब राजधानी लखनऊ (Lucknow) में भी हो गई है. आलमबाग इलाके में एक महिला की जांच में कोरोना वॉयरस (Corona Virus) मिला है. फिलहाल उसे होम आईसोलेशन में रखा गया हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नमूना जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए केजीएमयू (KGMU) भेजा गया है. अधिकारियों का कहना है महिला में हल्के लक्षण हैं. उसकी सेहत की निगरानी की जा रही है. कोरोना के नए वैरिएंट जेएन 1 (Coronavirus jn1 variant) को लेकर देशभर में अलर्ट जारी है. दरअसल, मानक नगर थाना क्षेत्र के चंदरनगर निवासी 75 वर्षीय महिला एक हफ्ते पहले थाईलैंड से लौटी है. महिला को कुछ दिनों से सर्दी-जुकाम व बुखार की दिक्कत थी. नजदीकी डॉक्टर से दवा ली मगर फायदा न हुआ. शक होने पर डॉक्टर ने कोरोना की जांच कराई. महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. निशांत निर्वाण का कहना है कि महिला पूरी तरह से स्वस्थ है. उसमें कोरोना जैसे गंभीर लक्षण नहीं है. टीम जरिए कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जा रही हैं. फोन पर मरीज की सेहत का हाल लिया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तीन हफ्ते पहले एक केस आया था. उसकी जीनोम भी कराया गया मगर कोई नया वैरिएंट नहीं मिला.

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नोएडा और गाजियाबाद में यहां मिले मरीज

बता दें कि बीते दिनों नोएडा और गाजियाबाद में कोरोना केस सामने आए. यहां संक्रमित मरीज नेपाल से लौटा था. वह नोएडा के सेक्टर-36 का रहने वाला है. 44 साल का व्यक्ति गुरुग्राम की एमएनसी में काम करता है. उसकी जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जा रही है. वहीं, गाजियाबाद के विजयनगर में रहने वाला 36 साल का युवक कोरोना संक्रमित मिला है. गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग कोविड संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों की पहचान और उनकी जांच में जुटा है. वहीं विभाग ने सैंपल लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे हैं.

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ब्लैक फंगस के मरीजों में हुआ इजाफा

कोविड के दौरान तमाम मरीजों की इम्युनिटी में अचानक गिरावट हुई. ऐसे मरीजों को ब्लैक फंगस का सामना करना पड़ा. केजीएमयू पैथोलॉजी विभाग की एडिशनल प्रोफेसर डा. गीता यादव की शोध में यह खुलासा हुआ है. इस शोध रिपोर्ट को गुरुवार को केजीएमयू में आयोजित शोध शो केस में बेस्ट पैरा क्लीनिकल अवार्ड दिया गया. कोविड की दूसरी लहर के बाद तमाम मरीजों में ब्लैक फंगस मिलने लगा. इस पर पैथोलॉजी विभाग की एडिशनल प्रोफेसर डा. गीता यादव ने इसकी वजह तलाशना शुरू किया. इस बीच अलग- अलग तरह के 62 मरीजों के सैंपल लिए गए. इस दौरान देखा गया कि ब्लैक फंगस की बड़ी वजह शरीर में टी- सेल का प्रभाव है.

जिन मरीजों की इम्युनिटी में तेजी से गिरावट हुई, उनमें इसका असर ज्यादा था. इसकी वजह थी कि इम्युनिटी (टी सेल) अचानक सक्रिय हुए और कुछ देर में मृत हो गए. फिर वे ब्लैक फंगस को रोक नहीं पाए. ऐसे मरीजों में ब्लैक फंगस खतरनाक स्थिति में पहुंचा. जिन मरीजों में इम्युनिटी में धीरे-धीरे गिरावट हुई, उनमें इसका असर कम रहा. इम्युनिटी गिरने की वजह ज्यादातर मरीजों में स्टेरायड की अंधाधुंध प्रयोग पाया गया. डा. गीता ने बताया कि सामान्य तौर पर मधुमेह, एचआईवी पीड़ित मरीजों में ब्लैक फंगस का खतरा होता है. लेकिन कोविड वाले मरीजों में एचआईवी वाले मरीजों की अपेक्षा ब्लैक फंगस कम खतरनाक पाया गया.

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