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Women’s Reservation Bill: महिला आरक्षण विधेयक में पिछड़ों, आदिवासियों और दलितों को क्या मिलेगा – सपा

समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि विधेयक में यह बताया जाना चाहिए कि अन्य पिछड़ी जाति (OBC), दलित, अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (SC-ST) समुदाय की महिलाओं को दिए जाने वाले आरक्षण का कोटा क्या होगा!

लखनऊ (भाषा): महिला आरक्षण विधेयक संसद में पेश किये जाने की अटकलों के बीच समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने मंगलवार को जानना चाहा है कि इसमें पिछड़ी जातियों, आदिवासियों और दलितों को कितना आरक्षण मिलेगा. सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि ‘जहां तक इस (महिला आरक्षण) विधेयक का सवाल है, हमारा रुख यह है कि इस विधेयक के तहत पिछड़ों को कितना आरक्षण मिलेगा.

कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार ने जब यह विधेयक पेश किया था तो हमने इसका विरोध किया था. आज जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) इसे ला रही है, तो भी हम (उनसे) पूरी तरह सहमत नहीं हैं.’ चौधरी ने कहा, ‘हम महिलाओं के साथ न्याय चाहते हैं और उनके लिए आरक्षण भी चाहते है, लेकिन पिछड़ों, आदिवासियों, दलितों के लिए कितना आरक्षण होगा?’

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उन्होंने कहा कि विधेयक में यह बताया जाना चाहिए कि अन्य पिछड़ी जाति (OBC), दलित, अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (SC-ST) समुदाय की महिलाओं को दिए जाने वाले आरक्षण का कोटा क्या होगा! चौधरी ने बताया कि इस संबंध में फैसला दिल्ली में लिया जाएगा, क्योंकि पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और डिंपल यादव दिल्ली में हैं.

वर्ष 2009 में तत्कालीन सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने (प्रस्तावित) महिला आरक्षण विधेयक का विरोध करते हुए इसे ‘कठिन संघर्षों’ के माध्यम से लोकसभा तक पहुंचने वाले नेताओं के खिलाफ एक ‘साजिश’ करार दिया था. उस वक्त सपा सरकार को बाहर से समर्थन दे रही थी।. तत्कालीन जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) नेता शरद यादव ने तर्क दिया था कि अगर विधेयक आम सहमति के बिना पारित किया गया तो यह ‘जबरन जहर देने’ के समान होगा.

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