World Malaria Day 2023: उत्तर प्रदेश में मंगलवार को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जा रहा है. प्रदेश में इसके मरीजों की बात करें तो जागरूकता बढ़ने के साथ पिछले कुछ वर्षों में इसका ग्राफ काफी तेजी से गिरा है. हालांकि मलेरिया के मरीज अभी भी हैं और इसे लेकर लगातार सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है.
वर्ष 2030 तक देश से मलेरिया खत्म करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया के टेस्ट की संख्या काफी बढ़ाई है. इसी क्रम में वर्ष 2019 में 58,54,414, वर्ष 2020 में 27,76,349, वर्ष 2021 में 42,45,089 लोगों की मलेरिया की जांच हुई. वहीं वर्ष 2022 में यह जांच बढ़ाकर लगभग दोगुनी करते हुए 83,22,741 कर दी गई. हालांकि मलेरिया के रोगियों की संख्या दिन प्रति दिन कमी देखने को मिल रही है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार उत्तर प्रदेश में वर्ष 2019 में कुल 92,732 लोग मलेरिया ग्रस्त मिले थे, जबकि वर्ष 2020 में 28668 और वर्ष 2021 में 10792 लोग मलेरिया से संक्रमित थे. वर्ष 2022 में यह संख्या घटकर 7039 हो गई.
डॉ. विकास सिंघल, संयुक्त निदेशक, वीबीडी ने बताया कि मानसून एवं मानसून के बाद मच्छरों की तादाद अचानक से बढ़ने लगती है. इससे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि मच्छर जनित रोगों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है. इसकी रोकथाम के लिए जगह-जगह विभाग की ओर से हर रविवार मच्छर पर वार अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियां चलायी जा रही हैं.
इसके साथ ही सभी जनपदों में गोष्ठी आदि के माध्यम से मलेरिया बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा. साथ ही लोगों को यह संदेश दिया जाएगा कि वह अपने घरों व आस-पास पानी को इकट्ठा नहीं होने दें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. मच्छर ठहरे हुए पानी में ही अंडे देते हैं. इसलिए अपने घर के आस पास पानी जमा न होने दें. पानी से भरे गड्ढो में मिट्टी भर दें. पानी के सभी बर्तन, टंकी इत्यादि को पूरी तरह ढक कर रखें. सप्ताह में एक बार कूलर, फूलदान, पशु व पक्षियों के पानी के बर्तनों, हौदी, को सुखाकर ही पानी भरें.
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सिर में तेज दर्द होना.
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उल्टी होना या जी मचलना.
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ठंड के साथ ज़ोर कंपकंपी होना और कुछ देर बाद सामान्य हो जाना.
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कमजोरी और थकान महसूस होना.
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शरीर में खून की कमी होना.
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मांसपेशियों में दर्द होना.
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बुखार उतरते समय पसीना आना.
यह भी जान लें
यह बीमारी एनाफिलीस मादा मच्छर के काटने से होती है. मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति का समय से इलाज शुरू होने पर जान जाने का खतरा कम हो जाता है. सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में मलेरिया का मुफ्त उपचार उपलब्ध है.
विश्व मलेरिया दिवस हर साल 25 अप्रैल को एक नए विचार के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष की थीम है शून्य मलेरिया देने का समय: निवेश, नवाचार, कार्यान्वयन है. इस दिवस पर इस वर्ष वैश्विक कर्ताओं से शून्य मलेरिया दुनिया के लिए निवेश, नवाचार और कार्यान्वयन करने की अपील की जा रही है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है कि लोगों को मलेरिया बीमारी के प्रति जागरूक किया जाए. मलेरिया को समाप्त करने के वैश्विक प्रयासों, निरंतर राजनीतिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता और मलेरिया नियंत्रण और उन्मूलन के लिए निरंतर निवेश को उजागर करने के लिए वैश्विक मलेरिया समुदाय को एक साथ लाता है.