World Plastic Surgery Day: प्लास्टिक सर्जरी से मिल रहा नया जीवन, दुर्घटना में कटे हुए अंगों को जोड़ना संभव

प्लास्टिक सर्जरी एक ऐसी विधा है, जिससे डॉक्टर मरीजों को नया जीवन दे रहे हैं. दुर्घटना में कटे अंग हो या फिर आग से बुरी तरह जले मरीज. सभी की देख-रेख व इलाज प्लास्टिक सर्जन करते हैं. यही नहीं ऐसे बच्चे जो कटे तालू व होंठ के साथ जन्म लेते हैं, उन्हें भी प्लास्टिक सर्जन नयी जिंदगी देते हैं.

By Amit Yadav | July 15, 2023 6:57 PM

Lucknow: अमेठी निवासी पुटुन कुमार के 14 साल के बेटे शिवांश का दाहिना हाथ तेल निकालने की मशीन में फंसकर कंधे के नीचे से पूरी तरह अलग हो गया था. यह दुर्घटना 21 नवंबर 2022 की शाम 05 बजे हुई. बच्चे के परिवारीजन उसे तुरंत मुंशीगंज अस्पताल ले गये. जहां डॉक्टर ने उसे बच्चे को केजीएमयू (KGMU) ले जाने की सलाह दी. साथ ही कटे हुये हाथ को बर्फ में सुरक्षित रखकर उसे परिवार को सौंप दिया.

केजीएमयू में हो रहा बेहतरीन इलाज

मरीज को उसके माता-पिता रात 10 बजे तक केजीएमयू के ट्रामा सेंटर लेकर पहुंच गये. यहां प्लास्टिक सर्जरी के हेड प्रो. विजय कुमार की टीम ने मरीज और उसके कटे हुए दाहिने हाथ की बारीकी से जांच की. जरूरी जांचों के बाद तुरंत ही उसे आपरेशन थियेटर में शिफ्ट कर दिया गया. कटे हुए हाथ की ऑपरेशन थियेटर में लाकर सफाई की गयी. इसके बाद कटे हाथ को जोड़ दिया गया.

समय पर अस्पताल पहुंचना जरूरी

प्लास्टिक सर्जरी विभाग में शिवांश ही नहीं ऐसे सैकड़ों मरीजों को दिव्यांग होने से बचाया है, जिनका किसी न किसी हादसे में हाथ कट गया हो या उंगलियां कट गयी हों. लेकिन यह जीवन दायनी प्लास्टिक सर्जरी तभी सफल होती है जब मरीज और उसका कटा अंग समय से पूरी तरह से सुरक्षित तरीके से अस्पताल पहुंच जाये. कटे हुए अंग को सुरक्षित व साफ-सुथरे तरीके से अस्पताल पहुंचाना सबसे जरूरी प्रक्रिया है.

माइक्रो वस्कुलर सर्जरी से सफलता की संभावना बढ़ी

केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के हेड प्रो. विजय कुमार ने बताया कि इस तरह के जटिल आपरेशन लगभग 7-8 घंटे या उससे भी अधिक समय लेते हैं. इसमें माइक्रोवस्कुलर (Micro Vascular Surgery) सर्जरी से हाथ को चरणबद्ध तरीके से जोड़ा जाता है. उन्होंने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी तभी सफल होती है, जब कटा हुआ अंग समय पर डॉक्टर के पास पहुंच जाए. इसके लिये कई नियम जरूरी हैं.

शरीर का कोई अंग कट कर अलग हो जाए तो क्या करें?

  • सबसे पहले कटे हुए भाग को किसी साफ कपड़े में रख ले और तुरंत उसे बर्फीले पानी में रखे.

  • कटे हुए भाग पर साफ कपड़ा बांध दे अथवा ड्रेसिंग कर दें.

  • बिना किसी देरी के पास के ऐसे अस्पताल में जाए जहां पर प्लास्टिक सर्जरी की सुविधा मौजूद हो.

  • कटे हुए अंग को जोड़ने का गोल्डन पीरिएड 6-8 घंटे का होता है. इस दौरान reimplant करने पर result अच्छा होता है. इसलिये देरी नहीं करनी चाहिये.

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