Loading election data...

UP: संविदाकर्मियों को 7वें वेतनमान का तोहफा, 77 हजार रुपये तक होगी सैलरी, जानें किन लोगों को मिलेगा लाभ…

योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के संविदाकर्मियों को 7वें वेतनमान की सौगात दी है. सरकार के इस फैसले के बाद इससे जुड़े 2150 कर्मचारियों और चिकित्सकों को लाभ मिलेगा.सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को प्रदेश में लागू करने के लिए 2026 में वेतन समिति गठित की गई ​थी.

By Sanjay Singh | February 15, 2023 3:34 PM

Lucknow: यूपी में सरकारी विभागों में संविदा पर तैनात कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने उन्हें सातवें वेतनमान का तोहफा दिया है. योगी आदित्यनाथ सरकार के इस निर्णय के बाद राज्य सरकार के विभागों में संविदा पर तैनात ऐसे सभी कर्मचारी को इसका लाभ मिलेगा, जो भर्ती के लिए जारी विज्ञापन के आधार पर सृजित पद के सापेक्ष सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद पारदर्शी तरीके से नियुक्त किए गए हैं. इन लोगों को सातवें वेतनमान में अपने पद के सापेक्ष न्यूनतम मिलेगा.

इन संविदा कर्मचारियों को अभी तक छठवें वेतनमान में अपने स्तर का न्यूनतम वेतन मिल रहा है. ऐसे संविदा कर्मचारियों की संख्या 2150 है. संविदा कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने से योगी आदित्यनाथ सरकार पर 29 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक व्यय भार आएगा.

यह वे संविदा कार्मिक हैं, जो नियमित रूप से सृजित पदों पर वर्ष 2013-14 या उससे पहले से लगातार काम कर रहे हैं और इनकी नियुक्ति तय चयन प्रक्रिया के तहत पारदर्शी ढंग से हुई है. साथ ही वे उस पद के लिए आवश्यक न्यूनतम अर्हता भी पूरी करते हैं. कैबिनेट के इस फैसले से इन कार्मिकों को 3000 रुपये से लेकर 11898 रुपये प्रति माह तक का लाभ होगा.

Also Read: Agra: ताजनगरी वासियों ने शहर की सुंदरता को पीक से किया लाल, कलाकृति चौराहे के पास से चुराए गमले, अब लगा पहरा

इन 2150 कार्मिकों में करीब 400 संविदा पर विभिन्न अस्पतालों में तैनात डॉक्टर भी हैं. इन्हें वर्तमान में 65520 रुपये प्रति माह भुगतान होता है, जो इस फैसले के लागू होने पर 77418 रुपये हो जाएगा. अन्य संविदा कर्मी विभिन्न सरकारी विभागों में तैनात हैं. वर्तमान में इनके मानदेय का न्यूनतम स्तर 21840 रुपये है, जो बढ़कर 24840 रुपये हो जाएगा.

वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को प्रदेश में लागू करने के लिए 2026 में वेतन समिति गठित की गई ​थी. समिति ने ऐसे संविदा कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का न्यूनतम वेतन देने की सिफारिश की थी. इन संविदा कर्मचारियों में से ज्यादातर स्वास्थ्य, सिंचाई और लोक निर्माण जैसे विभागों में कार्यरत है.

प्रदेश के मुख्य सचिव समिति ने वेतन समिति की इस सिफारिश का परीक्षण करने के बाद शासन से इसे लागू करने की संस्तुति की थी. मुख्य सचिव समिति की संस्तुति के तहत प्रदेश सरकार ने संविदा कर्मियों को सातवें वेतनमान का न्यूनतम वेतन देने का निर्णय किया है.

Next Article

Exit mobile version