यूपी में 1 नवंबर से निर्वाचन आयोग की अनुमति के बिना सरकार अधिकारियों का
ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं कर पाएगी. दरअसल, निर्वाचन आयोग ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया है 1 नवंबर से यूपी में मतदाता पहचान पत्र का पुनरीक्षण किया जाएगा. पुनरीक्षण का काम 5 जनवरी तक किया जाएगा. इस दौरान मतदाता अपने नाम में सुधार करवा सकते हैं.
बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग के इस पत्र के बाद यूपी में 1 नवंबर से अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग पर रोक लग जाएगी. इस दौरान जिलाधिकारी से लेकर ब्लॉक ऑफिसर तक का तबादला सरकार की ओर से नहीं की जा सकती है. अधिकारियों के तबादला करने के लिए सरकार को आयोग की अनुमति लेनी होगी.
चुनाव आयोग ने जारी किया पत्र- इलेक्शन कमीशन की ओर से पांच राज्यों के चीफ सेक्रेटरी को एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि तीन साल से एक ही जगह पर तैनात अधिकारियों को तबादला किया जाए. आयोग ने अपने पत्र में मतदाता पुनरीक्षण करने की भी बात कही है.
इधर, मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि यूपी में इस साल के अंत में निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव का ऐलान किया जा सकता है. आयोग ने पिछले दिनों चुनावी तैयारी की समीक्षा की थी. बताया जा रहा है कि कोरोना खतरे को देखते हुए चुनाव आयोग इस बार इलेक्शन की घोषणा कर सकती है.
यूपी में 14 मई 2022 को विधानसभा चुनाव का कार्यकाल खत्म हो जाएगा. माना जा रहा है कि आयोग द्वारा साल 2022 के जनवरी और फरवरी में चुनाव कराया जा सकता है. यूपी में 403 सीटों पर विधानसभा का चुनाव होना है.