योगी सरकार का बड़ा फैसला, मेरठ RRTS के प्रवेश द्वार पर 750 एकड़ की टाउनशिप को मंजूरी, यहां रूट डायवर्जन लागू
भूमि अधिग्रहण की लागत लगभग 2,000 करोड़ रुपए होगी, जिसमें से 50 प्रतिशत यूपी सरकार इंट्रेस्ट फ्री लॉन्ग टर्म लोन के रूप में देगी. उत्तर सरकार ने प्राधिकरण से प्रोजेक्ट पर दो चरणों में काम करने को कहा है. इसके साथ ही सरकार से 500 करोड़ रुपए की पहली किस्त को मंजूरी मिल चुकी है.
Delhi Ghaziabad Meerut RRTS corridor: उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रीय परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) की ओर से रैपिड रेल का काम और तेज कर दिया गया है. इसके लिए अब आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए शताब्दी नगर और ब्रह्मपुरी के बीच वायाडक्ट निर्माण के लिए रात में दिल्ली रोड पर डायवर्जन लागू किया जाएगा, जो रात 12 बजे से सुबह पांच बजे तक लागू रहेगा. इस बीच परतापुर में अपनी तरह की पहली 750 एकड़ की अत्याधुनिक टाउनशिप विकसित करने की मेरठ विकास प्राधिकरण की योजना को मंजूरी दे दी गई है. इस जगह से दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) मेरठ शहर में दाखिल होगा.
बुनियादी ढांचे को विकसित करने में मिलेगी मदद
देश के पहले हाई-स्पीड आरआरटीएस के चालू होने में दो साल से भी कम समय बचा है. ऐसे में प्रस्तावित टाउनशिप रेल कॉरिडोर के आसपास बुनियादी ढांचे को विकसित करने में मदद करेगी जो न केवल आरआरटीएस को व्यावसायिक रूप से टिकाऊ बनाएगी, बल्कि ट्रांजिट-ओरिएंटेड डिवेलपमेंट (टीओडी) की सुविधा भी प्रदान करेगी, जो अब दुनिया भर के कई विकासशील और विकसित देशों में एक वैश्विक मानक है.
2000 करोड़ की लागत से की जाएगी भूमि अधिग्रहण
मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय के मुताबिक भूमि अधिग्रहण की लागत लगभग 2,000 करोड़ रुपए होगी, जिसमें से 50 प्रतिशत यूपी सरकार इंट्रेस्ट फ्री लॉन्ग टर्म लोन के रूप में देगी. उत्तर सरकार ने प्राधिकरण से प्रोजेक्ट पर दो चरणों में काम करने को कहा है. इसके साथ ही सरकार से 500 करोड़ रुपए की पहली किस्त को मंजूरी मिल चुकी है. अब इसे फाइनल डिस्बर्समेंट के लिए लखनऊ में कैबिनेट की बैठक में रखने की तैयारी है. आरआरटीएस के बुनियादी ढांचे को विकसित करने का काम कर रही नोडल एजेंसी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रीय परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) को मेरठ विकास प्राधिकरण के अलावा मुनाफे का एक हिस्सा भी मिलेगा.
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योगी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना
एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स के मुताबिक एनसीआरटीसी यूपी सरकार की नईअनुमोदित टीओडी नीति के अनुसार दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के साथ चिह्नित प्रभावित इलाकों को विकसित करने के लिए मेरठ और गाजियाबाद के विकास प्राधिकरणों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है. यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शहरी विस्तार योजना के तहत एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो टीओडी और वैल्यू कैप्चर फाइनेंसिंग (वीसीएफ) नीतियों के अनुरूप होगी.
जानें क्या है वीसीएफ
टीओडी के तहत आवासीय, व्यावसायिक और लीजर स्पेस की अधिकतम मात्रा को रेल ट्रांजिट के कैचमेंट इलाकों में विकसित किया जाता है. वीसीएफ एक ऐसी विधि है, जिसका इस्तेमाल सरकारें या निजी संस्थाएं बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए परियोजना के कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप बढ़े हुए प्रॉपर्टी रेट्स या आर्थिक लाभ के एक हिस्से की भरपाई करके परियोजना को वित्तपोषित करने में किया जाता है. इससे आस-पास की संपत्तियों के मूल्य में भी काफी इजाफा होगा.
आय में इजाफा करने का मौका
संभागीय आयुक्त मेरठ और अध्यक्ष एमडीए जे सेल्वा कुमारी ने बताया कि वीसीएफ (भूमि मूल्य वित्तपोषण) आरआरटीएस परियोजना के लिए रेवेन्यू जनरेट करने का एक नया तरीका है. एक नई टाउनशिप के लॉन्च से हमें अतिरिक्त फ्लोर एरिया अनुपात (एफएआर) की बिक्री जैसे मूल्य कैप्चर टूल को तस्वीर में लाने की अनुमति मिलती है.
मेरठ से दिल्ली की ओर जाने वाली रोड पर वाहनों का प्रवेश वर्जित
वहीं आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए शताब्दी नगर और ब्रह्मपुरी के बीच वायाडक्ट निर्माण के लिए रात में दिल्ली रोड पर डायवर्जन को लेकर एनसीआरटीसी अफसरों ने जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में किए जा रहे निर्माण के दौरान, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय यातायात पुलिस एवं प्रशासन की मदद से दिल्ली-मेरठ मार्ग पर मेरठ से दिल्ली की ओर जाने वाली रोड पर वाहनों का प्रवेश वर्जित किया गया है. इस रोड के ट्रैफिक को दिल्ली-मेरठ मार्ग की दिल्ली से मेरठ की ओर जाने वाली रोड पर डायवर्ट किया गया है. इस दौरान दिल्ली-मेरठ रोड की एक सिंगल रोड पर ही दोनों दिशाओ के वाहनों का आवागमन रहेगा. रोड का यह डायवर्जन रात 12 बजे से सुबह पांच बजे तक ही लागू रहेगा.
लॉन्चिंग गैंट्री का काम जारी
अधिकारियों के मुताबिक, रात में इस क्षेत्र में वाहनों का आवागमन कम रहता है. ऐसे में इस ट्रैफिक डायवर्जन के दौरान दिन की अपेक्षा यात्रियों को कम असुविधा होगी. शताब्दी नगर से ब्रहमपुरी स्टेशन के बीच एलिवेटेड वायाडक्ट के निर्माण के लिए अलग-अलग जगहों पर लॉन्चिंग गैंट्री कार्य कर रही है. तारिणी को पिलर के ऊपर स्थापित किया जाता है, जहां से यह गर्डर के विभिन्न सेगमेंट्स को उठाकर उसे आपस में जोड़ती है. ये सेगमेंट लगभग 50 से 60 टन भारी होते हैं. यह तारिणी वायाडक्ट के निर्माण के साथ-साथ आगे बढ़ती जाती है.
यातायात व्यवस्था में बदलाव
वर्तमान में ब्रह्मपुरी स्टेशन से पहले दो अलग-अलग जगहों पर सेगमेंट्स लॉन्चिंग की प्रक्रिया की जा रही है. ट्रांसपोर्ट नगर में पोर्टल पिलर की निर्माण प्रक्रिया के दौरान दिल्ली-मेरठ मार्ग का यातायात नवीन मंडी से बागपत रोड दिशा में डायवर्ट किया गया है और वहीं मेरठ की ओर से आने वाले यातायात को बागपत रोड के रास्ते डायवर्ट कर दिल्ली रोड पर पहुंचाने की व्यवस्था की गई है.