लखनऊ. उत्तर प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में नंबर वन राज्य बनाने के बाद अब योगी सरकार दुग्ध उत्पादों को वैश्विक फलक पर नई पहचान दिलाने और ब्रांडिंग के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन नीति-22 में दुग्ध उत्पादों को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने के लिए सब्सिडी के साथ कई अन्य रियायतें देने का निर्णय लिया है. इतना ही नहीं योगी सरकार ने दुग्ध उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए हर साल 20 लाख रुपये तीन साल तक देने का फैसला किया है. निर्यात प्रोत्साहन के लिए यह राशि 40 लाख रुपये होगी. अन्य देशों में उत्पाद का नमूना भेजने के लिए कुल लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. वहीं, उत्पादों के मानकीकरण के लिए पांच लाख रुपये अनुदान दिया जाएगा.
योगी सरकार पिछली सरकारों में बीमारू सेक्टर में तब्दील हो चुके डेयरी सेक्टर में जान फूंकने के लिए कई योजनाएं चला रही है. इसका असर भी अब दिखने लगा है. दुग्ध विकास विभाग के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि योगी सरकार डेयरी सेक्टर को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए दुग्ध उत्पादों के लिए कई प्रोत्साहन लेकर आई है. इनमें दुग्ध उत्पादों की ब्रांडिंग, प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने, नए प्लांट लगाने, कोल्ड चेन की स्थापना करने, दुग्ध केंद्र के उपकरण खरीदने, बल्क मिल्क कूलर लगाने, रेफ्रिजरेटेड वैन, कूलिंग वैन, रोड मिल्क टैंकर, आइसक्रीम ट्रॉली की खरीद के लिए भारी भरकम सब्सिडी दे रही है.
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उत्तर प्रदेश के दुग्ध प्रसंस्कृत उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सड़क मार्ग से लेकर एयरपोर्ट, समुद्री पोर्ट के परिवहन पर आने वाले कुल खर्च पर योगी सरकार 25 प्रतिशत और अधिकतम 20 लाख रुपये तक सब्सिडी दे रही है. इसी तरह निर्यात प्रोत्साहन के लिए 40 लाख रुपये की धनराशि दी जा रही है, जो जलयान या फिर वायुयान के माध्यम से निर्यात के आधार पर प्रदान की जाएगी. इतना ही नहीं निर्यात को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अन्य देशों में दुग्ध उत्पादों का नमूना भेजने के लिए कुल लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम पांच लाख रुपये अनुदान के रूप में दिये जा रहे हैं.
योगी सरकार ने नई दुग्ध नीति-2022 में दुग्ध उत्पादों के मानकीकरण को प्रोत्साहित करने के साथ प्रोडक्ट के पेटेंट और डिजाइन पर 5 लाख का अनुदान देने का प्रावधान किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई नीति में नये दुग्ध प्रसंस्करण प्लांट को बढ़ावा देने के लिए 10 वर्षों तक विद्युत शुल्क में छूट देने का ऐलान किया है. इसी नीति के तहत नये प्लांट के लिए भूमि खरीदने या लीज पर भूमि लेने पर स्टाम्प शुल्क में छूट दी जा रही है.