लखनऊ : उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के लिए प्रदेश सरकार सक्रिय हो गई है. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज औद्योगिक एसोसिएशन के साथ बैठक की और लॉकडाउन के बीच राज्य में लौटे प्रवासी श्रमिकों के रोजगार के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंदर या बाहर से आने वाले हमारे जितने भी प्रवासी श्रमिक हैं उनके हाथों को कार्य मिल सके इसके लिए निरंतर प्रयास हो रहा है. इसी क्रम को आगे बढ़ाने के लिए स्किल मैंपिग की कार्यवाही हो रही है. अब तक 18 लाख से अधिक श्रमिकों की स्किल मैंपिग हो चुकी है.
प्रवासी कामगारों को प्रदेश में रोजगार दिए जाने के संबंध में एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर कार्यक्रम में प्रतिभाग करते मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी https://t.co/BdTXTWx732
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) May 29, 2020
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि उ.प्र. सरकार विभिन्न राज्यों से कामगारों/श्रमिकों की सुरक्षित प्रदेश वापसी के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा निशुल्क ट्रेन एवं बस की व्यवस्था करते हुए अब तक 27 लाख से अधिक कामगारों/श्रमिकों की सुरक्षित और सकुशल प्रदेश वापसी कराई गई है.
बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में प्रदेश के कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही ‘प्रवासी आयोग’ (माइग्रेशन कमीशन) का गठन के आदेश दिये थे.सीएम योगी ने इस आयोग के गठन के लिए रुप-रेखा तैयार करने के निर्देश दिये थे . उन्होंने कहा था कि,‘‘ ऐसे में अगर किसी अन्य राज्य को कामगारों की आवश्यकता होगी तो उनकी मांग पर सामाजिक सुरक्षा की गारंटी राज्य सरकार के द्वारा दी जाएगी. सरकार श्रमिकों का बीमा कराएगी. साथ ही श्रमिक एवं कामगार को हर तरह की सुरक्षा दी जाएगी.इसके साथ ही कोई भी राज्य सरकार बिना अनुमति के उत्तर प्रदेश के लोगों को श्रमिक व कामगार के रूप में लेकर नहीं जाएगी.उन्हें इसके लिए यूपी सरकार की अनुमति लेनी पड़ेगी.