UP Assembly Monsoon Session: योगी सरकार इन विधेयकों को कराएगी पारित, 40 हजार करोड़ का हो सकता है अनुपूरक बजट
इस बात की संभालना है कि योगी सरकार अनुपूरक बजट में ऐसी परियोजनाओं और कार्यक्रमों के लिए धनराशि का इंतजाम करेगी, जो लोकसभा चुनाव 2024 के लिहाज से अहम हों. इससे पार्टी को सियासी तौर पर फायदा मिल सकेगा. वहीं अनुपूरक बजट का आकार पहले की तुलना में बड़ा हो सकता है.
Lucknow News: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. सात अगस्त से शुरू होने वाला मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा. इसमें योगी आदित्यनाथ सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 का पहला अनुपूरक बजट पेश करेगी.
विपक्ष जिस तरह से उत्तर प्रदेश सरकार पर हमलावर बना हुई है, उससे सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं. हालांकि मानसून सत्र के बेहद छोटा होने के कारण विपक्ष को सरकार को सदन में घेरने का ज्यादा मौका नहीं मिलेगा. अहम बात है कि विधानसभा में सत्ता पक्ष की ताकत बढ़ी हुई होगी. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के छह सदस्य जुड़ने के बाद अब सत्तापक्ष की संख्या 280 हो गई है.
शीतकालीन सत्र में छह लाख का करोड़ का बजट किया था पेश
इससे पहले योगी सरकार ने शीतकालीन सत्र के दौरान 22 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 6,90,242.43 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. वहीं विधानमंडल के मानसून सत्र में सरकार कुछ विधेयक और अध्यादेश भी पेश करेगी. इसके अलावा विधानसभा की नई नियमावली भी पेश होने की संभावना है. मानसूत्र सत्र के दौरान पेश किए गए अनुपूरक बजट का आकार 40 हजार करोड़ रुपए हो सकता है.
2024 के एजेंडे पर होगा फोकस
इस बात की प्रबल संभालना है कि योगी सरकार अनुपूरक बजट में ऐसी परियोजनाओं और कार्यक्रमों के लिए धनराशि का इंतजाम करेगी, जो लोकसभा चुनाव 2024 के लिहाज से अहम हों. सियासत में डबल इंजन के फायदों से योगी सरकार अच्छी तरह वाकिफ है. इसलिए उसकी यह पुरजोर कोशिश होगी कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा फिर केंद्र में सत्तारूढ़ हो.
लोक सभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए प्रदेश में विकास कार्यों को गति देने की पूरी कोशिश की जा रही है. सड़क, एक्सप्रेस वे, हवाई अड्डों और बिजली से जुड़ी परियोजनाओं को सरकार तेजी से पूरा करने में जुटी है.
कई अहम परियोजनाओं के लिए धन जुटाएगी सरकार
इन परियोजनाओं को साकार कर सरकार जनता का विश्वास बनाये रखने का प्रयास करेगी. बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं के लिए सरकार अनुपूरक बजट के माध्यम से संसाधनों का इंतजाम कर सकती है. वित्त विभाग ने अनुपूरक बजट के लिए अनौपचारिक तौर पर तैयारी शुरू कर दी है.
इनके अलावा, सरकार भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र में किये गए वादों को भी पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष का बजट पेश करते हुए किसानों को निजी नलकूपों से सिंचाई के लिए बिजली बिल में 100 प्रतिशत छूट देने की घोषणा की थी.
संकल्प पत्र के इस वादे को पूरा करने के लिए बजट में धनराशि आवंटित करने के बावजूद इस घोषणा पर अब तक अमल नहीं हो पाया है. संभावना जताई जा रही है कि राज्य सरकार अनुपूरक बजट के जरिये किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटा सकती है.
अयोध्या में विकास परियोजनाओं को मिलेगी रफ्तार
इसके साथ ही अगले वर्ष 15 जनवरी से 24 जनवरी 2024 के बीच अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह प्रस्तावित है. इसके लिए ट्रस्ट की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण भी भेजा जा चुका है. इस समारोह के मद्देनजर भव्य और नव्य अयोध्या का विकास भी सरकार की अहम प्राथमिकता में शामिल है.
धर्मनगरी को करीब 32 हजार करोड़ की परियोजनाओं से संवारने की तैयारी है. ऐसे में योगी सरकार रामनगरी के विकास के लिए भी योजनाओं की जरूरत के हिसाब से धनराशि की व्यवस्था अनुपूरक बजट में कर सकती है. इसके साथ ही सितंबर में ग्रेटर नोएडा में आयोजित होने वाले इंटरनेशनल ट्रेड शो के लिए भी सरकार अनुपूरक बजट के जरिये धनराशि की व्यवस्था कर सकती है.
इंटरनेशनल ट्रेड शो को लेकर धनराशि का किया जाएगा इंतजाम
सितंबर में ग्रेटर नोएडा में आयोजित होने वाले इंटरनेशनल ट्रेड शो के जरिए भी सरकार अनुपूरक बजट के जरिए धन की व्यवस्था कर सकती है. इसके साथ ही सदन के नियमों में बदलाव को मंजूरी मिल सकती है. विधानसभा प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली का संशोधित ड्राफ्ट भी इसी सत्र में रखने की तैयारी है. सदन में संशोधन ड्राफ्ट पर चर्चा होगी. सुझावों को जोड़ते हुए नियमावली को मंजूरी दी जाएगी.
मंजूरी के साथ विधानसभा सचिवालय प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली में संशोधन को अधिसूचना जारी करेगा. नई नियमावली में प्रश्न उत्तर के नियमों में भी बदलाव किया गया है. इसमें सुबह 10:30 बजे तक उस दिन के एजेंडे के सभी प्रश्नों के उत्तर विधायकों की डिवाइस पर मौजूद होंगे.
इसके साथ ही पुरानी नियमावली में सदन की बैठक को लेकर नोटिस का समय 14 दिन का है, इसे घटाकर अब सात दिन का किया जा रहा है. संशोधित नियमावली की भाषा काफी सरल की जा रही है ताकि नए सदस्यों को नियमों को समझने में किसी प्रकार की समस्या नहीं हो.