लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने भी केंद्र की तरह अपने कर्मियों का जनवरी से प्रस्तावित महंगाई भत्ता और पेंशनरों के महंगाई राहत को रोकने का एलान किया है. सरकार ने राज्य कर्मियों के 6 तरह के भत्तों पर रोक लगायी है. इसे 31 मार्च, 2021 तक स्थगित रखा जायेगा. इसमें मंहगाई भत्ता विभागीय भत्ते, सचिवालय भत्ता, पुलिस भत्ता भी शामिल हैं.
इस फैसले का असर 16 लाख कर्मचारी और 11.82 लाख पेंशनर पर पड़ेगा. प्रदेश सरकार केंद्र के फैसले पर हरसंभव अमल करने का प्रयास करती है, उसी क्रम में यह निर्णय लिया गया है. विधायकों और मंत्रियों के वेतन भत्ते व विधायक निधि में कटौती के साथ स्थगन से लेकर सरकारी दफ्तरों को खोलने से जुड़े सभी निर्णय इसकी बानगी है. ऐसे में आर्थिक तंगी का सामना कर रही सरकार कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत पर फैसला भी जल्दी ही ले सकती है. डेढ़ वर्ष का डीए और डीआर रोका जाता है, तो 9 से 10 हजार करोड़ रुपये की बचत हो सकती है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा कि संक्रमण रोकने के लिए हर जिले में फोकस टीम बनाइये. किसी भी सूरत में वायरस के संक्रमण का प्रसार नहीं होना चाहिए. उन्होंने निर्देशित किया कि कोरोना योद्धाओं के लिए पीपीई किट्स, N-95 मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित करें.