Lucknow : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मंत्री आजम खां को मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था को शासन ने वापस ले ली है. इस संबंध में आदेश मिलते ही पुलिस अधीक्षक ने सुरक्षा हटा दी है. उत्तर प्रदेश पुलिस सुरक्षा विभाग की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि आजम खान के लिए वाई श्रेणी की सुरक्षा बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं पाया गया है.
वीवीआई को सुरक्षा दिए जाने के संबंध में पिछले साल राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की एक बैठक हुई थी. ये बैठक 8 नवंबर 2022 को हुई थी. इसमें आजम खां की सुरक्षा को लेकर भी फैसला हुआ. रिपोर्ट के आधार पर सचिव गृह की तरफ से रामपुर के पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया गया था. बता दें कि समिति के निर्णय के आठ माह बाद 10 जुलाई को गृह सचिव ने सुरक्षा हटाने के आदेश जारी किए और 12 जुलाई को पुलिस अधीक्षक सुरक्षा वैभव कृष्ण ने रामपुर के पुलिस अधीक्षक को आदेश जारी किया है.
आजम खां को लंबे समय से यह सुरक्षा मिली हुई थी. समाजवादी पार्टी के तत्कालीन शासनकाल में उनकी सुरक्षा व्यवस्था में 95 पुलिसकर्मी लगे हुए थे. भाजपा की सरकार बनने के बाद भी उनकी वाई श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था बरकरार रखी गई थी. आपको बता दें कि वाई श्रेणी की सुरक्षा के तहत वीवीआईपी नेता की सिक्योरिटी में कुल 11 जवान तैनात होते हैं. इसमें दो कमांडो और दो पीएसओ भी होते हैं.
आजम खां फरवरी 2020 से पार्टी की राजनीति से दूर हो गए थे. जेल में रहने और खराब स्वास्थ्य के बाद अब काम पर वापस लौट रहे हैं. वह 2024 के चुनावों को लेकर कार्यकर्ताओं से मिल रहे है. सपा नेता आजम खां अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ आम की दावत के लिए मलिहाबाद गए थे.
मलिहाबाद रवाना होने से पहले आजम ने लखनऊ पार्टी कार्यालय में अखिलेश के साथ दो घंटे से अधिक समय बिताया. दोनों नेताओं में राजनीतिक मुद्दों, खासकर विपक्षी गठबंधन और लोकसभा चुनाव की रणनीति से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई. आजम नियमित रूप से रामपुर में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं और 2024 के चुनावों के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं.
वहीं, रामपुर के पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि शासन का आदेश मिलते ही उन्होंने अनुपालन करा दिया है. आजम खां की सुरक्षा व्यवस्था हटा दी गई है. अब उनके आवास पर गार्ड भी तैनात नहीं रहेगा. उनके आवास पर गार्ड में पांच पुलिक कर्मी तैनात थे, जबकि तीन अंगरक्षक उनके साथ चलते थे.