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टीबी को हराने के लिए फैमिली केयरगिवर तैयार करेगी सरकार, परिवार के एक सदस्य को दिया जाएगा प्रशिक्षण

देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को समय से साकार करने को लेकर योगी सरकार सरकार ने यह पहल की है. इससे टीबी नियंत्रण में मदद मिलेगी.

By Amit Yadav | September 5, 2023 12:38 PM

लखनऊ: सरकार राष्ट्रीय क्षय (TB) उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अब टीबी मरीजों की समुचित देखभाल के लिए फैमिली केयरगिवर कार्यक्रम शुरू करने जा रही है. इसमें सरकार अब टीबी रोगियों के परिवार के सदस्यों या रोगी के करीबी लोगों में से प्राथमिक देखभालकर्ता की पहचान करेगी. उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस पहल के तहत स्वास्थ्य कर्मी प्रत्येक टीबी रोगी के लिए परिवार से एक जिम्मेदार देखभालकर्ता की पहचान करेंगे.

स्वास्थ्यकर्मी देंगे प्रशिक्षण

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि देखभालकर्ता को टीबी रोगी के साथ अस्पताल जाने के लिए कहा जाएगा. इस दौरान रोगी की देखभाल के प्रमुख पहलुओं, उपचार और उसके अनुपालन पर स्वास्थ्य कर्मी उन्हें प्रशिक्षण देंगे. इससे उपचार के नियमों के पालन सहित स्वस्थ व्यवहार अपनाने के लिए टीबी रोगियों और उनके परिवार के सदस्यों का आत्मविश्वास बढ़ेगा. परिवार के सदस्यों और समुदाय में टीबी पर जानकारी और जागरूकता बढ़ेगी. इसके अलावा बेहतर सहयोग प्रदान करने के लिए समुदाय की क्षमता में वृद्धि होगी.

देश को टीबी मुक्त बनाने के विजन में कारगर

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश को टीबी मुक्त बनाने के विजन को मिशन के रूप में अपनाकर प्रदेश में काम किया जा रहा है. सीएम योगी का मानना है कि टीबी मरीज की उचित देखभाल और सहयोग प्रदान करने में परिवार के सदस्य अहम भूमिका निभा सकते हैं. पारिवारिक देखभालकर्ता अक्सर रोगी की देखभाल सुनिश्चित करने वाले प्राथमिक प्रदाता होते हैं. उनकी भागीदारी टीबी से पीड़ित व्यक्ति के उपचार परिणामों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है.

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परिवार के सदस्यों की भूमिका को मजबूत करना उद्​देश्य

डीजी हेल्थ डॉ. दीपा त्यागी ने बताया कि “गाइडेंस डॉक्यूमेंट ऑन इंगेजिंग फैमिली केयरगिवर्स फॉर सपोर्टिंग पर्सन्स विद ट्यूबरक्लोसिस” के अनुसार कई अध्ययनों से पता चला है कि पारिवारिक देखभाल से रोगी और देखभाल करने वाले के संबंध बेहतर होते हैं. इससे देखभालकर्ता का आत्मविश्वास बढ़ता है. देखभाल करने वाले कठिन परिस्थितियों को संभालना सीखते हैं, जिससे उनमें संतुष्टि का भाव आता है. इसका सीधा प्रभाव रोगी के स्वास्थ्य परिणाम पर पड़ता है.’

रोगियों को होगा फायदा

उन्होंने बताया कि फैमिली केयरगिवर कार्यक्रम का उद्देश्य प्राथमिक देखभालकर्ताओं के रूप में परिवार के सदस्यों की भूमिका को मजबूत करना है. साथ ही देखभाल, रोकथाम के विभिन्न पहलुओं में उनकी क्षमताओं का निर्माण करना और रोगियों के सफल परिणाम सुनिश्चित करने के लिए परिवारों को आवश्यकता-आधारित सहायता प्रदान करना है. यह टीबी मरीज के लिए बेहद मददगार साबित हो सकता है. यह जटिलताओं के शुरुआती लक्षणों की पहचान करके उन्हें रोकने और बीमारी के दौरान समय पर रेफर करके रोगी की देखभाल सुनिश्चित करेगा.

इलाज व पोषण में मिलेगा सुधार

इससे इलाज, उचित पोषण सुनिश्चित करने और उपचार के मानकों का पालन करने में मदद मिलेगी. जिससे टीबी से पीड़ित व्यक्तियों के समग्र स्वास्थ्य परिणामों में सुधार होगा. इसके अलावा इससे टीबी से जुड़े भेदभाव और मिथकों को कम करने, टीबी रोगियों के लिए सामाजिक सहयोग को बढ़ावा देने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद मिलेगी. टीबी देखभाल में समानता भी सुनिश्चित होगी.

पारिवारिक देखभालकर्ता के चयन के लिए दिशा-निर्देश

  • कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 14 वर्ष से अधिक हो एवं लिखना-पढ़ना जानता हो

  • जो अधिकतर समय मरीज के साथ रहता हो

  • जो रोगी की देखभाल की जिम्मेदारी लेने को तैयार हो और परिवार की देखभाल करने वाला बनने के लिए सहमत हो

  • देखभाल करने वाले का मरीज का रिश्तेदार होना जरूरी नहीं है

  • पारिवारिक देखभालकर्ता का चयन केवल मरीज द्वारा किया जाएगा

देखभाल के नियम और जिम्मेदारियां

  • सीएचओ/ टीबी चैंपियन के निर्देशानुसार टीबी रोगियों की देखभाल एवं उनके द्वारा अनुभव किये गए साइड इफेक्ट की निगरानी करना। उपचार प्राप्त करने के लिए टीबी रोगियों को प्रोत्साहित करना

  • प्रगति रजिस्टर में उपचार पालन को अंकित करना

  • परिवार के अन्य सदस्यों में टीबी के लक्षणों की नियमित निगरानी करना

  • हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या अन्य स्वास्थ्य इकाइयों में रोगियों को नियमित फॉलोअप व जांच के लिए भेजना

  • रोगियों को पोषण सम्बन्धी सहायता के साथ आहार निगरानी प्रदान करना

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