तबलीगी जमात में शामिल होने की बात छिपाने वाला युवक गिरफ्तार, जमात के सदस्यों की रिहाई के लिए इंडोनेशियाई दूतावास ने साधा संपर्क

मथुरा / मुरादाबाद / लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में पुलिस ने दिल्ली की निजामुद्दीन में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने की सच्चाई छिपाने के आरोप में एक युवक को पृथक-वास अवधि पूर्ण करने के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलिस ने बताया, ''थाना गोवर्धन के दौलतपुर गांव निवासी जाकिर को रविवार को भोले शंकर स्कूल में पृथक-वास अवधि पूर्ण करके छोड़े जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.

By Kaushal Kishor | May 11, 2020 1:32 PM
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मथुरा / मुरादाबाद / लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में पुलिस ने दिल्ली की निजामुद्दीन में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने की सच्चाई छिपाने के आरोप में एक युवक को पृथक-वास अवधि पूर्ण करने के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलिस ने बताया, ”थाना गोवर्धन के दौलतपुर गांव निवासी जाकिर को रविवार को भोले शंकर स्कूल में पृथक-वास अवधि पूर्ण करके छोड़े जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.

गिरफ्तार किये गये युवक पर आरोप है कि वह मार्च में दिल्ली में आयोजित जमात के कार्यक्रम में शामिल हुआ था, लेकिन उसने स्वयं इसकी जानकारी नहीं दी. इसीलिए उसे पृथक-वास केंद्र से छुट्टी मिलने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.” उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंद्ध धाराओं तथा महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.

इंडोनेशिया से आये तबलीगी जमात के सदस्यों की रिहाई को लेकर अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहा दूतावास

इंडोनेशियाई दूतावास वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में न्यायिक हिरासत में रखे गये अपने नागरिकों की रिहाई के लिए अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहा है. हिरासत में लिये गये लोग तबलीगी जमात के सदस्य हैं. दूतावास की प्रथम सचिव एनी यूलियंती ने कहा कि सरकार ने सत्यापित किया है कि हिरासत में लिये गये लोग अच्छे नागरिक हैं, जिन्होंने कभी इंडोनेशिया के कानूनों का उल्लंघन नहीं किया है और वे कानून और नियमों का उल्लंघन करने के लिए भारत नहीं आये थे.

यूलियंती ने कहा कि राजनयिक संबंधों से जुड़ी वियना संधि और भारत के कानूनों और नियमों के अनुसार, दूतावास इंडोनेशियाई नागरिकों के लिए राजनयिक पहुंच सुनिश्चित कर रहा है. जिला मजिस्ट्रेट राकेश सिंह ने कहा कि वीजा नियमों का उल्लंघन करने वाले सभी इंडोनेशियाई नागरिकों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है और पिछले हफ्ते उन्हें एक अलग जेल में रखा गया था.

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