MahaKumbh: बसंत पंचमी पर महाकुंभ में उमड़े श्रद्धालु, पांच करोड़ लोगों के अमृत स्नान करने का अनुमान

MahaKumbh: बसंत पंचमी पर आज सभी 13 अखाड़े परंपरा का पालन करते हुए दिव्य भव्य अमृत स्नान किया. सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े ने ढोल ताशा के साथ संगम की ओर अमृत स्नान करने के लिए प्रस्थान किया.

By Radheshyam Kushwaha | February 3, 2025 5:18 AM

MahaKumbh: सनातन आस्था के महापर्व महाकुम्भ में बसंत पंचमी के अमृत स्नान की तैयारियां पूरे उमंग और उत्साह के साथ चल रही हैं. अखाड़े के संतों और श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं है. सुबह पांच बजे तक सभी अखाड़े के साधु-संतों ने अमृत स्नान किया. करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु अमृत स्नान करनेके लिए प्रयागराज संगम पर पहुंच चुके हैं. अखाड़ों में साधु-संन्यासियों के रथ, हाथी, घोड़े सजकर तैयार हैं. अखाड़ों में परंपरा अनुसार पूजा पाठ हो रहा है. सीएम योगी के निर्देशों के अनुरूप मेला प्रशासन सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर रखा है. ताकि महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं और साधु-संन्यासियों को किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े.

सभी अखाड़े ने किया बसंत पंचमी पर अमृत स्नान

दिव्य और भव्य महाकुंभ का तीसरा बसंत पंचमी का अमृत स्नान अलौकिक और रोचक तरीके से शुरू हुआ. सोमवार की सुबह 4 बजे से अखाड़ों ने संगम स्नान के लिए रवानगी शुरू की. सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े ने ढोल ताशा के साथ संगम की ओर प्रस्थान किया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में साधु-संत नाचते गाते हुए हर हर महादेव के नारे के साथ अपने कैंप से संगम की ओर पहुंचे, जहां सभी साधु संतों ने हर हर महादेव की गूंज के साथ संगम में आस्था की डुबकी लगाई.

आज अमृत स्नान की भव्य तैयारियां

बसंत पंचमी का पर्व महाकुम्भ का तीसरा और अखिरी अमृत स्नान है. परंपरा अनुसार सभी अखाड़े अपने-अपने क्रम से पवित्र संगम में अमृत स्नान किया. अखाड़ों के सभी पदाधिकारियों, महंत, अध्यक्ष, मण्डलेश्वरों, महामण्डलेश्वरों के रथ, हाथी, घोड़ों, चांदी के हौदों की साज-सज्जा फूल, मालों और तरह-तरह के आभूषणों से सजधजकर तैयार है. महामण्डलेश्वरों के रथों पर भगवान की मूर्तियां, शुभ चिन्हों, पशु-पक्षियों, कलश आदि का अलंकरण किया गया है. नागा और बैरागी संन्यासी मध्य रात्रि से तन पर भस्म रमा कर अखाड़ों की धर्म ध्वजा और ईष्ट देव का पूजन किया. सयम और क्रम के अनुसार सभी अखाड़े अपने ईष्ट देवों की पालकियां लेकर संगम की ओर प्रस्थान करेंगे. उनके साथ मण्डलेश्वरों और महामण्डलेश्वरों के रथ और घोड़ों के साथ उनके भक्तगण भी अमृत स्नान करेंगे.

श्रद्धालुओं के उत्साह में नहीं है कोई कमी

महाकुम्भ के तीसरे अमृत स्नान को लेकर श्रद्धालुओं के जोश और उत्साह में भी कोई कमी नहीं है. 01 फरवरी से ही करोंड़ों की संख्या में श्रद्धालु महाकुम्भ में पवित्र स्नान करने प्रयागराज आ रहे हैं. बसंत पंचमी के पर्व पर 5 करोड़ श्रद्धालुओं के पवित्र संगम में स्नान करने का अनुमान है. भीड़ प्रबंधन के लिए प्रशासन योजनाबद्ध तरीक से पूरी मुस्तैदी से मेला क्षेत्र में कार्यरत है. जगह-जगह रूट डायवर्जन और बैरीकेडिंग का प्रयोग किया जा रहा है. आने और जाने के एकल मार्ग की योजना से श्रद्धालुओं को संगम तक पहुंचाया जा रहा है. स्नान कर स्टेशन और बस अड्डों की ओर लौटने के लिए अलग मार्गों का प्रयोग किया जा रहा है. मेला क्षेत्र में वाहन प्रवेश पर्व के दिन पूरी तरह प्रतिबंधित रखा गया है. आकस्मिक आपदा या भगदड़ की स्थिति से निपटने के लिए ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था को चाक चौबंद रखा गया है. ताकि जरूरत पड़ने पर एनडीआरफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन की गाड़ियां और एम्बुलेंस तत्काल घटना स्थल तक पहुंच सकें.

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बसंत पंचमी स्नान को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है मेला प्रशासन

महाकुंभ मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं को आने-जाने के लिए जानकारी साझा की है. महाकुंभ मेला जाने के लिए अरैल से झूंसी जाने के लिए पुल नम्बर 28 खुला है. संगम से झूंसी जाने के लिए पुल नम्बर 2,4, 8, 11, 13, 15, 17, 20, 22, 23 व 25 खुले हैं. वहीं झूंसी से संगम जाने के लिए श्रद्धालु पुल न. 16, 18, 21 और 24 का प्रयोग कर सकेंगे. वहीं झूंसी से अरैल जाने के लिए पुल नम्बर 27 व 29 खुले हैं. श्रद्धालु इन मार्गों का प्रयोग कर आसानी से आवागमन कर सकेंगे.

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