Mahakumbh Mela 2025 : महाकुंभ मेले में पहुंचे पाकिस्तानी, संगम में लगाई डुबकी, कह दी दिल छूने वाली बात
Mahakumbh Mela 2025 : पाकिस्तान से महाकुंभ आए हिंदुओं ने संगम में डुबकी लगाई. मेले का समापन 26 फरवरी को हो रहा है. इससे पहले देश विदेश से लोग यहां पहुंच रहे हैं.
Mahakumbh Mela 2025 : देश-विदेश में महाकुंभ की दिव्यता के बारे में सोशल मीडिया आदि पर देख-सुनकर पाकिस्तान से भी लोग पहुंचे. ये सनातनी लोग खुद को यहां आने से रोक न सके. सिंध प्रांत से 68 हिंदू श्रद्धालुओं का एक जत्था गुरुवार को यहां पहुंचा और संगम में डुबकी लगाई. सूचना विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान से आए सभी श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान कर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.
हम खुद को आने से रोक नहीं सके, सिंध प्रांत के श्रद्धलु ने कहा
श्रद्धालुओं के साथ आये महंत रामनाथ जी ने बताया कि पहले वे सभी हरिद्वार गये, जहां उन्होंने अपने लगभग 480 पूर्वजों की अस्थियों का विसर्जन और पूजन किया. इसके बाद उन्होंने महाकुंभ आकर संगम में स्नान किया. अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. इससे पहले दिन में सेक्टर नौ में स्थित श्रीगुरुकार्ष्णि के शिविर में बातचीत में सिंध प्रांत से आए गोबिंद राम माखीजा ने बताया, “पिछले दो तीन महीनों में जब से हमने महाकुंभ के बारे में सुना है, तब से हमारी बड़ी इच्छा यहां आने की थी. हम खुद को आने से रोक नहीं सके.”
पाकिस्तान के किस इलाके से कुंभ में पहुंचे लोग?
गोबिंद राम माखीजा ने बताया, “पिछले वर्ष अप्रैल में 250 लोग पाकिस्तान से प्रयागराज आए थे. गंगा में डुबकी लगाई थी. इस बार सिंध के छह जिलों- गोटकी, सक्कर, खैरपुर, शिकारपुर, कर्जकोट और जटाबाल से 68 लोग आए हैं जिनमें करीब 50 लोग पहली बार महाकुंभ में आए हैं.” माखीजा ने कहा, “यहां आनंद आ रहा है, बेहद खुशी हो रही है. यहां के अनुभव के बारे में कहने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है. यहां आने पर हमें सनातन धर्म में जन्म लेने का गौरव की अनुभूति हो रही है.”
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भारत आना मेरा सबसे बड़ा सौभाग्य : प्रियंका
सिंध प्रांत के गोटकी से आई 11वीं की छात्रा सुरभि ने बताया कि वह पहली बार भारत आई है1 पहली बार कुंभ में आई है1 उन्होंने कहा, “यहां पहली बार हमें अपने धर्म को गहराई से देखने जानने का मौका मिल रहा है. बहुत अच्छा लग रहा है.” वहीं सिंध से आई प्रियंका ने कहा, “मैं पहली बार भारत और इस महाकुंभ में आई हूं. यहां अपनी संस्कृति को देखकर बहुत दिव्य अनुभव हो रहा है. मैं गृहिणी हूं और भारत आना मेरा सबसे बड़ा सौभाग्य है. हम पैदा ही वहां हुए और मुस्लिमों के बीच ही रहे. सिंध प्रांत में हिंदुओं के साथ बहुत भेदभाव नहीं हैं जैसा कि मीडिया दिखाती है. लेकिन अपनी संस्कृति को देखने का मौका हमें यहां देखने को मिल रहा है.”