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Arun Govil: मेरठ से बीजेपी के अरुण गोविल तीन हजार वोट से सपा प्रत्याशी सुनीता वर्मा से पीछे

Arun Govil Profile: भाजपा उम्मीदवार अरुण चंद्रप्रकाश गोविल पहली बार चुनावी रण में उतरे हैं. चलिए जानते हैं पूरी डिटेल्स...

मेरठ: छोटे पर्दे पर राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल (Arun Govil) मेरठ लोकसभा सीट से पीछे चल रहे हैं. समाजवादी पार्टी की सुनीता वर्मा ने 3232 वोट से बीजेपी के अरुण गोविल को पीछे कर दिया है. सुनीता वर्मा को 257046 वोट मिले हैं. जबकि अरुण गोविल को 253814 वोट मिले हैं. दोनों प्रत्याशियों में आंख-मिचौनी जारी है.

क्यों खास है मेरठ श की राजधानी दिल्ली से 70 किमी की दूरी स्थित मेरठ शहर का अपनी अलग ही राजनीतिक पहचान है. यह शहर यूपी के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है. मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट पर पिछले तीन चुनाव से भाजपा का कब्जा है. इस बार भाजपा ने मौजूदा सांसद राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटकर रामायण में राम का की भूमिका निभाने वाले अरुण चंद्रप्रकाश गोविल को चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि बसपा ने दवा व्यवसायी देवव्रत त्यागी को उम्मीदवार बनाया है. वहीं सपा ने अपने दो उम्मीदवारों को बदलने के बाद सुनीता वर्मा पर दाव लगाया है. यहां कुल आठ उम्मीदवार इस बार के चुनावी में रण में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. अभी मेरठ में अरुण गोविल 50 हजार से आगे चल रहे हैं.

यहां जानें भाजपा उम्मीदवार अरुण चंद्रप्रकाश गोविल के बारे में

भाजपा उम्मीदवार अरुण चंद्रप्रकाश गोविल पहली बार चुनावी रण में उतरे हैं. उनका जन्म 12 जनवरी 1958 को मेरठ में हुआ था. उनका बचपन शाहजहांपुर में बीता तो वहीं कॉलेज की पढ़ाई चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से की है. अरुण चंद्रप्रकाश गोविल इंजिनियर बनना चाहते थे इसलिए इंजिनियरिंग साइंस में एडमिशन लिया, पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.

Arun Govil Nomination
Arun govil

अरुण चंद्रप्रकाश गोविल के पिता श्री चंद्र प्रकाश गोविल सरकारी नौकरी में थे और बेटे से भी कुछ ऐसी ही उम्मीद थी, लेकिन वह कुछ ऐसा करना चाहते थे जिसे लोग हमेशा याद रखें. बस वह 1975 में 17 वर्ष की उम्र में मुंबई पहुंच गए, हालांकि वह तब ऐक्टिंग का सपना लेकर मुंबई नहीं गए थे, बल्कि भाई के बिजनेस में हाथ बंटाने के मकसद से गए थे. अरुण चंद्रप्रकाश गोविल ने कॉलेज के दिनों में खूब नाटकों में काम किया था, इसलिए उन्होंने कुछ दिनों बाद ऐक्टिंग की दुनिया में कदम रखने का फैसला किया.

Arun Govil In Politics Lok Sabha Election
Arun govil

अरुण चंद्रप्रकाश गोविल 6 भाई-बहनों में चौथे नंबर पर थे. उनके बड़े भाई विजय गोविल ने तब्बसुम से शादी की थी, जो पहले चाइल्ड ऐक्ट्रेस थीं और सिलेब्रिटीज़ से चैट शो शुरू करने वाली पहली ऐक्ट्रेस थीं. बस उनकी भाभी तब्बसुम ने उन्हें ताराचंद बड़जात्या से मुलाकात करवाया. वह अरुण चंद्रप्रकाश गोविल से मिलकर इतने इम्प्रेस हुए कि उनके साथ उन्होंने 3 फिल्मों की डील साइन कर ली. उसके बाद रामानंद सागर के एक अन्य सीरियल ‘विक्रम-बेताल’ से टीवी की दुनिया में कदम रखा. फिर ‘रामायण’ में राम के किरदार उनको शोहरत मिल गई.

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अरुण चंद्रप्रकाश गोविल पिछले काफी सालों से ऐक्टिंग की दुनिया से दूर हैं. अरुण अब अपनी प्रोडक्शन कंपनी चला रहे हैं. उनके प्रोडक्शन में टीवी सीरियल ‘मशाल’ प्रोड्यूस हुआ था, साथ ही उनकी प्रोडक्शन कंपनी दूरदर्शन के लिए कार्यक्रम बनाती है.

यहां जानें सपा उम्मीदवार सुनीता वर्मा के बारे में

सपा उम्मीदवार सुनीता वर्मा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत डेढ़ दशक पहले जिला पंचायत सदस्य के तौर पर की थी. सुनीता वर्मा 2017 में मेरठ शहर से महापौर चुनी गईं थी. उन्होंने भाजपा की कांता कर्दम को 29,582 वोट से हराकर बसपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में सुनीता वर्मा को 2,34,817 और कांता कर्दम को 2,05,235 वोट मिले थे. बाद में योगेश वर्मा और सुनीता वर्मा ने सपा का दामन थाम लिया था. उनके पति योगेश वर्मा 2007 में बसपा के टिकट पर हस्तिनापुर सीट से विधायक बने थे. 2012 में बसपा से टिकट कटा तो योगेश बगावत कर पीस पार्टी से मैदान में कूद पड़े, लेकिन उन्हें प्रभुदयाल वाल्मीकि से हार का सामना करना पड़ा था. फिर 2022 में योगेश सपा के टिकट पर हस्तिनापुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, मगर दिनेश खटीक से हार गए थे.

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