Lok Sabha Election 2024: मेरठ हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी अरुण गोविल ने नामांकन किया
यूपी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में मेरठ सीट का चुनाव बहुत रोचक हो गया है. बीजेपी ने यहां से रामायण सीरियल में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल (Arun Govil) को टिकट दिया है. वहीं नए घटनाक्रम में सपा ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है.
मेरठ: बीजेपी प्रत्याशी अरुण गोविल ने मंगलवार को मेरठ हापुड़ लोकसभा (Lok Sabha Election 2024) सीट से नामांकन दाखिलकर दिया. नामांकन के समय यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद थे. भगवा कुर्ते में अरुण गोविल (Arun Govil) ने नामांकन से पहले अपने समर्थकों का अभिवादन किया. गौरतलब है कि अरुण गोविल ने पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव के समय बीजेपी जॉइन की थी. हाल ही में अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद अरुण गोविल अचानक लाइम लाइट में आ गए. इसके बाद उन्हें बीजेपी ने मेरठ से टिकट दे दिया. अरुण गोविल का जन्म और पढ़ा मेरठ में हुई है.
अरुण गोविल की जन्मभूमि है मेरठ
अरुण गोविल (Arun Govil) की कर्मभूमि मुंबई रही है लेकिन उनका जन्म मेरठ में हुआ था. यही कारण है कि बीजेपी ने उन्हें मेरठ से टिकट (Lok Sabha Election 2024) दिया है. मेरठ कैंट में अरुण गोविल का जन्म हुआ. उनके पिता यहां जलकल विभाग में इंजीनियर थे. उनकी पढ़ाई भी मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से हुई है. इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. अरुण गोविल ने मुंबई में कई फिल्मों में काम किया. लेकिन रामायण सीरियल ने उन्हें भारत के घर-घर तक पहुंचा दिया था. कोरोना काल में रामायण का दोबारा प्रसारण हुआ तो अरुण गोविल एक बार फिर श्री राम के रूप में सबके हृदय में बस गए थे. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के समय अरुण गोविल ने बीजेपी जॉइन की थी. अब वो मेरठ से लोकसभा के प्रत्याशी हैं.
मेरठ लोकसभा सीट पर एक नजर
मेरठ लोकसभा सीट (Lok Sabha Election 2024) पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजनीति का केंद्र है. 1952 में मेरठ तीन लोकसभा क्षेत्र में बंटा था. मेरठ पश्चिम, मेरठ दक्षिण और मेरठ उत्तर पूर्व. इन तीनों सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. इसके बाद 1957 में मेरठ लोकसभा सीठ एक हो गई. तब यहां से कांग्रेस के शाहनवाज खान ने जीत हासिल की थी. 1962 में कांग्रेस से शाहनवाज खान लगातार तीसरी बार सांसद बने. 1967 में सोशलिस्ट पार्टी के एमएस भारती ने कांग्रेस के शाहनवाज खान को हराया. लेकिन 1971 में शाहनवाज यहां से फिर सांसद चुने गए. 1980, 1984 में कांग्रेस की मोहसिना किदवई सांसद चुनी गई. इसके बाद 1989 में जनता पार्टी (एस) के हरीश पाल ने मोहसिना किदवई को हराकर कांग्रेस की जीत के रथ को रोक दिया. 1991 में मेरठ में बीजेपी ने खाता खोला. अमर पाल सिंह यहां से सांसद बने. इसके बाद 1996 और 1998 में भी अमर पाल सांसद चुने गए. 1999 में कांग्रेस के अवतार सिंह भडाना और फिर 2004 में बसपा ने यहां से जीत हासिल की. बीते तीन चुनाव 2009, 2014 और 2019 में यहां बीजेपी लगातार जीत हासिल करती आ रही है.
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