Bareilly: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मिशन 2024 को लेकर रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. उन पर लंबे समय से नेताओं और कार्यकर्ताओं से दूरी बनाते हुए एसी में बैठकर राजनीति करने के आरोप लग रहे थे. मगर, अब मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद “छोटे नेताजी” के नाम से पहचान बनाने की कोशिश में जुटे अखिलेश यादव सड़क पर उतरने की तैयारी में हैं.
सपा प्रमुख जाति जनगणना के मुद्दे पर सदन से लेकर सड़क तक आंदोलन करेंगे. इसके साथ ही दलित, पिछड़ों के साथ भेदभाव, आरक्षण खत्म कर निजीकरण को बढ़ावा देना, सरकारी विभागों में पिछड़ों-दलितों को नौकरियां नहीं देने आदि मुद्दों को मजबूती के साथ सदन से लेकर सड़क तक उठाया जाएगा.
यूपी विधानसभा का सत्र 20 फरवरी से शुरू होगा. बजट सत्र में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा. इसके बाद सड़क पर उतरने का प्लान है. मगर, इससे पहले अखिलेश यादव ने पूर्व कैबिनेट मंत्री चाचा शिवपाल सिंह यादव को पूर्वांचल का सियासी तापमान भांपने का जिम्मा दिया है. वह पार्टी के पुराने नेताओं के साथ ही यादव बेल्ट मजबूत करने में जुटे हैं. सपा के पुराने और नए कार्यकर्ताओं को आंदोलन में एक साथ खड़ा करने की तैयारी है.
इन आंदोलन के सहारे सपा नगर निकाय और लोकसभा चुनाव जीतने की रणनीति बना रही है. अखिलेश यादव और चाचा के रिश्तों में लंबे समय से दूरी थी. लेकिन, अब अखिलेश यादव समय-समय पर उनके घर पहुंच कर सियासी गुफ्तगू भी कर रहे हैं. इससे माना जा रहा है कि अब आगे की राजनीति चाचा को साथ लेकर की जाएगी. उन्होंने कुछ दिन पहले ही चाचा को कार्यकारिणी में राष्ट्रीय महासचिव की भी जिम्मेदारी दी है. इसके बाद संगठन में उनके लोगों को एडजेस्ट करना शुरू कर दिया गया है.
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सपा की प्रदेश कमेटी में शिवपाल सिंह यादव के नजदीकी रामनरेश यादव, अशोक यादव, सुंदरलाल लोधी, संगीता यादव, पीवी वर्मा, ललन राय, जय सिंह यादव, राम सिंह यादव, हीरालाल यादव और फरहत मियां जैसे लोगों को संगठन में जगह मिल सकती है. हालांकि, पिछले कुछ दिन पहले ही उनकी करीबी रीबू श्रीवास्तव को सपा महिला प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा चुका है. शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव को प्रदेश कार्यकारिणी में महासचिव या फिर फ्रंटल संगठन में अध्यक्ष बनाने की उम्मीद जताई जा रही है.
शिवपाल सिंह यादव सपा में वापसी करने के बाद काफी एक्टिव हैं. वह पूर्वांचल के जिलों में दौरे कर रहे हैं. उन्होंने पिछले दिनों अखिलेश यादव के घर आने पर पूर्वांचल के जिलों का फीडबैक दिया. इसके साथ ही नए और पुराने कार्यकर्ताओं को एक साथ बैठाकर सक्रिय करने की जरूरत बताई. साथ ही सपा नए सिरे से प्रदेश में माहौल बनाने की कोशिश में जुटी है.
शिवपाल सिंह यादव ने पार्टी छोड़कर जाने वाले कई नेताओं से भी संपर्क साधा है. इसमें यादव और अन्य जातियों के कई बड़े नेताओं की पार्टी में वापसी कराने की तैयारी चल रही है. मार्च के अंत तक इनके पार्टी में आने की उम्मीद है.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मिशन 2024 का आवाज पूर्वांचल से किया था. इसके बाद अखिलेश यादव ने भी गाजीपुर से लोकसभा चुनाव को लेकर कार्यक्रम का आगाज किया. विधानसभा चुनाव में सपा पूर्वांचल में धाराशाई हो गई थी.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली