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Moradabad : संभल के सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का निधन, अस्पताल में ली अंतिम सांस

Moradabad : संभल लोकसभा क्षेत्र से सपा सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का इलाज के दौरान निधन हो गया है. वे लंबे समय से बिमार थे.

Moradabad : यूपी के संभल लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का इलाज के दौरान निधन हो गया है. वे लंबे समय से बिमार थे. उन्होंने मुरादाबाद के निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली. एक महीने पहले डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मुरादाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कुछ दिनों से उनकी हालत में सुधार था. लेकिन मंगलवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद उनका देहांत हो गया. वहीं सिद्ध अस्पताल के एमडी डॉ. अनुराग मेहरोत्रा ने बताया कि डॉ. बर्क का आज सुबह 9.00 बजे दिल का दौरा पड़ा. करीब 9.45 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली. बता दें कि छह दिन पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव उनसे मिलने के लिए मुरादाबाद पहुंचे थे. डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क चार बार विधायक रहने के बाद 2019 में पांचवीं बार संभल से सांसद चुने गए. उम्र और अनुभव में देश के सबसे वरिष्ठ राजनेता रहे. अपने सियासी तेवरों के कारण उनकी अलग पहचान रही है. वह बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक रह चुके थे. मुस्लिमों के मुद्दों को उठाने और वंदेमातरम पर अपने बयानों को लेकर सियासत में चर्चित रहे डा. शफीकुर्रहमान बर्क सपा की सियासत में बड़ा चेहरा बनकर उभरे थे. उनका सियासी सफर 60 वर्ष से भी ज्यादा का था. उनका जन्म 11 जुलाई 1930 को हुआ था. उनका सियासी सफर 1974 में शुरू हुआ. समाजवादी पार्टी ने 30 जनवरी को लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की थी. 16 प्रत्याशियों में डॉ. बर्क को भी जगह मिली थी.

बहुत बड़ा नेता दुनिया से रुख़सत हो गया- मुरादाबाद सांसद

वहीं समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, शिवपाल सिंह यादव और कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं मुरादाबाद सांसद डॉ. एसटी हसन ने शफीकुर्रहमान बर्क पर दुख जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि डॉ. बर्क का जाना, हमारी पार्टी के लिए सबसे बड़ा नुकसान है. देश से एक बहुत बड़ा नेता इस दुनिया से रुख़सत हो गया. जिसने कभी किसी से डरकर काम नहीं किया. आज वो नेता हमें छोड़कर चले गए. अब पूरे मुल्क के अंदर इतने बहादुर, बोल्ड और ईमानदार नेता बहुत कम हैं. उनके खानदान वालों को सब्र-ए-जमील अता फरमाए.

डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क बने थे 1974 में पहली बार विधायक

डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने सियासत में 1967 में कदम रखा था. यही वह साल था, जब मुलायम सिंह यादव ने भी अपनी सियासी पारी की शुरुआत की थी. 1974 में डॉ. बर्क पहली बार विधानसभा चुनाव जीते थे. इसके बाद 1998, 1999, 2004, 2009 में चुनाव जीतकर सांसद बने थे. लेकिन 2014 में भाजपा के सतपाल सैनी से करीब 5 हजार वोट से हार गए थे. हालांकि, 2019 में संभल लोकसभा सीट से 89 वर्ष की उम्र में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुने गए. उन्होंने बीजेपी के परमेश्वर लाल सैनी को 1.74 लाख वोटों से हराया. उन्होंने अपने जीवन में 10 विधानसभा चुनाव लड़े, जिसमें 4 विधानसभा चुनाव जीते और 6 हार गए.

जब मुलायम के लिए छोड़ा था संभल

डॉ. शफीकुर्रहमान ने साल 1998 में संभल लोकसभा सीट से मुलायम सिंह यादव को चुनाव लड़ाया था, जबकि वह खुद मुरादाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे. मुलायम सिंह यादव को उस चुनाव में 3,76,828 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी डीपी यादव को 2,10,146 मत मिले थे. मुलायम सिंह यादव ने डीपी यादव को 1,66,682 मतों से हराकर रिकार्ड जीत हासिल की थी. इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव में डॉ. बर्क ने अपने प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी परमेश्वर लाल सैनी को 1,74,826 मतों से हराकर मुलायम सिंह यादव का रिकार्ड तोड़ दिया था. बता दें कि डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क 2014 में बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने थे. यह एकमात्र चुनाव था, जो उन्होंने बसपा के टिकट पर लड़ा था. वह 3 बार मुरादाबाद से सांसद रहे. जबकि 2 बार संभल से सांसद रहे. उनके पौत्र जियाउर्रहमान बर्क़ वर्तमान में मुरादाबाद की कुंदरकी विधान सभा सीट से विधायक हैं. डॉ. बर्क़ खुद संभल लोकसभा सीट से सांसद थे.

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