पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जनज्वार : धर्म के नाम पर हथियारों का जखीरा जमा कर फायर करने वालों के हौसले बुलंद हैं और पुलिस मिमियाती नजर आ रही है. फायरिंग करती बंदूकों का वीडियो वायरल होने पर पुलिस उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद किसी तरह मुकदमा तो इन भगवाधारियों के खिलाफ दर्ज कर लिया है, लेकिन उनकी गिरफ्तारी के सवाल पर पुलिस की घिग्घी गई है. गौरतलब है कि गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर पर विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजा के दौरान सैकड़ों बंदूकों के साथ एक साथ फायरिंग की गयी है. फायरिंग के बाद इस शस्त्र पूजा का वीडियो वायरल हो गया और जन दबाव में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एचएन सिंह ने पहल लेते हुए मसूरी थाने में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया.
मुकदमा दर्ज होने के बाद दर्जनों भगवाधारी संगठन मंदिर के महंत यति नरसिम्हानंद के समर्थन में उतर आए और उन्होंने कहा कि पुलिस अगर हमारी परंपरा में हस्तक्षेप करेगी तो हम ईंट का जवाब का पत्थर से देंगे. यह कोई नई परंपरा नहीं है, हिंदू धर्म के लोग विजयादशमी पर शस्त्र पूजा का कार्यक्रम और उसका प्रदर्शन असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है, रावण पर राम पर जीत का प्रतीक है. शिवसेना उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष महेश आहूजा इतने पर ही नहीं रुकते बल्कि आगे कहते हैं, अगले साल हम और संख्या में ऐसी फायरिंग का आयोजन करेंगे, जिसको जो करना हो कर ले. वहीं हिंदू रक्षा दल मानता है कि ऐसे एफआईआर का मकसद हिंदू समाज को दबाव में डालने के लिए है, लेकिन वे लोग इस पुलिसिया चालबाजी से दबने वाले नहीं हैं.
भगवाधारियों की इस गुंडई वाली भाषा पर गाजियाबाद की डासना पुलिस के एक अधिकारी रूआंसा मूंह बनाकर कहते हैं कि शुक्र मनाइए कि योगी की सरकार है तो मुकदमा दर्ज हो गया है. दूसरी सरकारों में यह भी कभी नहीं हो पाया. अभी योगी की सरकार है तो थोड़ा यह सह भी लें, दूसरी सरकारों में यह धर्म के बहाने आतंक फैलाते हैं.फोटो में सबसे आगे दिख रहीं डासना की पार्षद शशि चौहान कहती हैं, ‘यह नया नहीं है पर सवाल इसी सरकार में उठा है, जिससे योगी सरकार को काउंटर किया जा सके। क्या योगी सरकार में ही हिंदुओं के विजय दिवसों पर प्रतिबंध लगेंगे. मसूरी के सर्किल ऑफिसर राज कुमार पांडेय ने मीडिया से कहा है कि इस मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी जरूर होगी, बस जांच पूरी हो जाये.
पर सच बताते एक दूसरे अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं, हम उन्हें अपराधी करार देकर कैसे गिरफ्तार करें ये लोग रोज के विधायकों, सांसदों और मंत्रियों के साथ मिलने वाले हैं. पुलिस के अधिकारियों का यह भी कहना है कि उनकी कड़ी कार्यवाही से माहौल बिगड़ सकता है. एक अधिकारी ने हंसते हुए बताया कि फायरिंग करने वालों पर मुकदमा दर्ज होने के बाद एक नेता हमारे पास आया और वीडियो दिखाने लगा कि इन पर मुकदमा क्यों नहीं दर्ज करते. केवल कमजोरों पर ही आपलोगों का जोर चलता है. वीडियो योगी और मोदी का था, जिसमें वह लोग शस्त्र की पूजा कर रहे हैं. फर्क बस इतना है कि वह लोग फायरिंग में शामिल नहीं हैं. जाहिर है अगर इस समस्या से निजात पाना है तो खुद देश के प्रधानमंत्री मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पहल लेनी होगी और खुद को धर्म के नाम पर होने वाले गुंडा प्रदर्शनों से अलग करना होगा.
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