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कश्मीर मुद्दे पर केंद्र सरकार की बातचीत और हो रहे विवाद से जुड़ी 20 बड़ी बातें, जानें

ग्रेटर नोएडा: केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर मसले को लेकर बातचीत का मुद्दा इन दिनों काफी गरमाया हुआ है. कांग्रेस इसे पूरी तरह खारिज कर रही है, वहीं दूसरी ओर केंद्रीय गृहमंत्री ने इसे लेकर दूसरी बात कही है. इस मसले पर राजनाथ सिंह ने क्या कहा और किन मुद्दों को लेकर विवाद शुरू हो […]

ग्रेटर नोएडा: केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर मसले को लेकर बातचीत का मुद्दा इन दिनों काफी गरमाया हुआ है. कांग्रेस इसे पूरी तरह खारिज कर रही है, वहीं दूसरी ओर केंद्रीय गृहमंत्री ने इसे लेकर दूसरी बात कही है. इस मसले पर राजनाथ सिंह ने क्या कहा और किन मुद्दों को लेकर विवाद शुरू हो गया है, आइए जानते हैं, उसके बारे में.

-केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा यह तय करेंगे कि राज्य में किससे बातचीत करनी है. हालांकि कांग्रेस ने इस कदम को महज प्रचार का तरीका बताया.

– खुफिया ब्यूरो (आईबी) के पूर्व निदेशक शर्मा को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में सभी पक्षकारों के साथ सतत वार्ता प्रक्रिया शुरू करने के लिये कल अपना विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है.

-जम्मू-कश्मीर सरकार ने शर्मा की नियुक्ति के फैसले का स्वागत किया और कहा कि राज्य में स्थिरता और शांति बनाये रखने की खातिर कश्मीर मुद्दे का समाधान निकालने का एकमात्र तरीका वार्ता ही है.

– भाजपा की राज्य इकाई ने सभी पक्षकारों से अनुरोध किया कि वे शांति को एक मौका दें.

-केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से यह पूछे जाने पर कि क्या वह हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से बात करेंगे, सिंह ने कहा, यह उन पर निर्भर करेगा कि वह किससे बात करेंगे और किसे इसमें जोडेंगे.

-गृहमंत्रीने कहा किसोमवारको कहा था कि कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिये सरकार सतत वार्ता प्रक्रिया शुरू करेगी.

-राजनाथ सिंह ने यह स्पष्ट कर दियाहै कि शर्मा को यह तय करने की पूरी आजादी दी जायेगी कि वह इस प्रक्रिया में किसे शामिल करना चाहते हैं और किसे नहीं। शर्मा को कैबिनेट सचिव का दर्जा मिलेगा.

-मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस नेइसमामले पर विवाद शुरू कर दिया है और कहाहै कि केंद्र ने कश्मीर में सभी पक्षों से बातचीत करने के लिए वार्ताकार नियुक्त करने की जो घोषणा अपने शासनकाल के अंत में की है, वह महज प्रचार के लिए की

-कांग्रेस का कहना है कि उसे कश्मीर मुद्दा सुलझाने की सरकार की नीयत पर शक है.

-कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल सरकार से यह कहते आ रहे हैं कि कश्मीर एक राजनीतिक मुद्दा है और उसका समाधान सभी पक्षों से बातचीत करके ही निकाला जा सकता है.

-दिल्ली में विपक्ष के नेताओं के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में गुलाम नबी आजाद ने कहा, हम सरकार के फैसले का विरोध नहीं कर रहे लेकिन उन्होंने यह फैसला अपने कार्यकाल के अंत में लिया है.

-कांग्रेस ने कहा कि यह केवल प्रचार के लिए है. सरकार की कोई कश्मीर नीति नहीं है. नोटबंदी, जीएसटी, किसानों के मुद्दे और बेरोजगारी को लेकर भी उनकी कोई नीति नहीं है. उनकी कोई नीति नहीं है इसीलिए हमें
उनकी नीयत पर शक है.

-आजाद ने कहा कि सरकार ने यदि कांग्रेस नीत विपक्ष के सुझावों को माना होता और उनके मुताबिक कदम उठाए होते तो कई सैनिकों और नागरिकों की बेशकीमती जानें नहीं जातीं.

-कांग्रेस ने कहा कि यह कदम पहले उठाया गया होता तो मासूम बच्चों को पैलेट गन के कारण अपनी आंखें नहीं गंवानी पडती.

-कांग्रेस ने कहा कि विपक्ष के नेता संसद के भीतर और बाहर यह कहते आ रहे हैं कि कश्मीर एक राजनीतिक मुद्दा है और उसका समाधान सभी पक्षों से बातचीत करके ही निकाला जा सकता है.

-कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने इस मामले में अपने पूरे साढ़े तीन साल बर्बाद कर दिये.

-एक आधिकारिक प्रवक्ता ने श्रीनगर में बताया कि जम्मू-कश्मीर मंत्रिमंडल की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की अध्यक्षता में कल शाम हुई बैठक में केंद्र के इस फैसले का स्वागत किया गया.

-मंत्रिमंडल ने कहा कि राज्य के हित में, शांति और स्थिरता कायम रखने की खातिर इस मुद्दे का हल वार्ता के जरिये निकालना ही एकमात्र तरीका है.

-यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिये भाषण के अनुरूप है जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों को गले लगाने की बात कही थी.

-भाजपा की राज्य इकाई के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी ने कहा कि सभी पक्षकारों को आगे आकर केंद्र के वार्ताकार से मुलाकात करनी चाहिए और अपने विचारों को उनके सामने रखना चाहिए.

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