Paper Leak Case: पेपर लीक में दोषी पाए गए तो उम्रकैद और एक करोड़ का जुर्माना, योगी सरकार ने अध्यादेश को दी मंजूरी

Paper Leak Case: देशभर में NEET-UG paper leak मामला सुर्खियों में है. इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है. इधर पेपर लीक मामले में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इससे जुड़े अध्यादेश को मंजूरी दे दी है.

By ArbindKumar Mishra | June 25, 2024 6:42 PM

Paper Leak Case: उत्तर प्रदेश में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा और आरओ-एआरओ परीक्षा के पेपर लीक होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश 2024 लाने जा रही है. इस प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. अध्यादेश में दोषियों को आजीवन कारावास और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान होगा. अब इस अध्यादेश को विधानसभा में रखा जाएगा. वहां से मंजूरी मिलने के बाद राज्यपाल के पास भेजा जाएगा, फिर यह कानून का रूप ले लेगा.

Paper leak case: पेपर लीक में दोषी पाए गए तो उम्रकैद और एक करोड़ का जुर्माना, योगी सरकार ने अध्यादेश को दी मंजूरी 2

पेपर लीक मामले में दोषी पाए गए तो उम्रकैद की सजा और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना

वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये इस अहम फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि पेपर लीक के संबंध में मंत्रिमंडल ने एक अध्यादेश के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस प्रस्ताव के तहत प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में पकड़े जाने वाले लोगों को दो वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की कैद और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है. उन्होंने बताया, सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों, प्रश्न पत्र लीक और सॉल्वर गिरोह पर प्रतिबंध लगाने और उनसे जुड़े मामलों में प्रावधान करने के उद्देश्य से संविधान के द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए ‘उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों की रोकथाम अध्यादेश—2024’ के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है.

नौकरी का झांसा देने के लिये वेबसाइट बनाना भी दंडनीय अपराध

मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि यह अध्यादेश लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश सेवा चयन बोर्ड, विश्वविद्यालय प्राधिकरण निकाय एवं उनके द्वारा नामित संस्था में किसी प्रकार की भर्ती परीक्षा, नियमितीकरण या डिग्री, डिप्लोमा प्रमाणपत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र की प्रवेश परीक्षा पर भी लागू होगा. उन्होंने कहा कि फर्जी प्रश्न पत्र बांटना, नौकरी का झांसा देने के लिये वेबसाइट बनाने को भी दंडनीय अपराध बनाया गया है. मंत्री ने कहा कि इस अध्यादेश के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर न्यूनतम दो वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तथा एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है.

परीक्षा प्रभावित होने की स्थिति में सॉल्वर गिरोह से वसूला जाएगा खर्च, ब्लैक लिस्ट होंगी कंपनियां

यदि परीक्षा प्रभावित होती है, तो उस पर आने वाले वित्तीय भार को सॉल्वर गिरोह से वसूलने और परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली कम्पनियों तथा सेवा प्रदाताओं को सदैव के लिए ब्लैक लिस्ट करने का भी प्रावधान किया गया है.

अधिनियम में कुर्की का भी प्रावधान

अधिनियम में अपराध की दशा में सम्पत्ति की कुर्की का भी प्रावधान है. अधिनियम के समस्त अपराध सज्ञेय, गैर जमानतीय और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय बनायी गयी है. जमानत के संबंध में भी कठोर प्राविधान किये गये हैं.

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