लखनऊ: पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संभल में भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि के मंदिर का शिलान्यास किया. उन्होंने गर्भ गृह में पूजा-अर्चन की. इसके बाद जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने संबोधन की शुरुआत जय मां कैला देवी, जय बूढ़े बाबा की और भारत माता की जय से की. पीएम मोदी ने कहा कि संतों की साधना और जनमानस की भावना से एक और पवित्र धाम की आधारशिला रखी जा रही है. कल्कि धाम भारतीय आस्था के एक और विराट केंद्र के रूप में उभर कर सामने आएगा. मैं इसके लिए सभी देशवासियों को और विश्व के सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देता हूं. पीएम ने कहा कि कई ऐसे अच्छे काम हैं जो कुछ लोग मेरे लिए ही छोड़कर चले गए हैं. आगे भी जितने भी अच्छे काम रह गए हैं उसके लिए बस संतों और जनता का आशीर्वाद बना रहे, उसे भी पूरा करेंगे.
भारत के सांस्कृतिक नवजागरण का एक और अद्भुत चरण
पीएम मोदी ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को बधाई देते हुए कहा कि आज संभल में जिस अवसर के साक्षी बना रहे हैं, यह भारत के सांस्कृतिक नवजागरण का एक और अद्भुत चरण है. अभी पिछले महीने ही 22 जनवरी को देश ने अयोध्या में 500 साल के इंतजार को पूरा होते देखा है. रामलाल के विराजमान होने का अलौकिक अनुभव अनुभूति हमें भावुक कर जाती है. हम देश से सैकड़ों किलोमीटर दूर अरब की धरती पर अबू धाबी में पहले विराट मंदिर के लोकार्पण के साक्षी बने हैं. पहले जो कल्पना से परे था, वह अब हकीकत बन चुका है. अब हम यहां संभल में भागवान कल्कि धाम के शिलान्यास के गवाह बन रहे हैं. एक के बाद एक ऐसे आध्यात्मिक अनुभव सांस्कृतिक गौरव के पल हमारी पीढ़ी के जीवन काल में आना, इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है.
विकास भी विरासत भी इस मंत्र को आत्मसात किया
पीएम ने कहा कि इसी कालखंड में हमने विश्वनाथ धाम के वैभव को काशी की धरती पर देखा है. इसी कालखंड में काशी का कायाकल्प होते देख रहे हैं. इसी दौर में महाकाल के महालोक की गरिमा हमने देखी है. हमने सोमनाथ का विकास देखा है केदार घाटी का पुनर्निमाण देखा है. हम विकास भी विरासत भी इस मंत्र को आत्मसात करते हुए चल रहे हैं. हमारे तीर्थों का विकास हो रहा है तो दूसरी ओर शहरों में हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार हो रहा है. आज अगर मंदिर बन रहे हैं देश भर में नए मेडिकल कॉलेज भी बना रहे हैं. आज विदेश से हमारी प्राचीन मूर्तियां भी वापस ले जा रही हैं रिकॉर्ड संख्या में विदेशी निवेश भी आ रहा है. यह परिवर्तन प्रमाण इस बात का है समय का चक्र घूम चुका है. एक नया दौर आज हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रहा है. यह समय है. हम उसके आगमन का दिल खोलकर स्वागत करें.
22 जनवरी से नए कालचक्र की शुरुआत हो चुकी
प्रधानंत्री ने कहा कि जिस दिन अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, मैंने एक और बात कही थी कि 22 जनवरी से अब नए कालचक्र की शुरुआत हो चुकी है. प्रभु श्री राम ने शासन किया, उसका प्रभाव हजारों वर्ष तक रहा. इस तरह रामलाल के विराजमान होने से अगले हजार वर्षों तक भारत के लिए एक नई यात्रा का शुभारंभ हो रहा है. अमृत काल में राष्ट्र निर्माण के लिए यह संकल्प केवल एक अभिलाषा भर नहीं है एक ऐसा संकल्प है, जिसे हमारी संस्कृति ने हर कालखंड में जी कर दिखाया है. भगवान कल्कि के विषय में आचार्य प्रमोद कृष्णम जी ने गहरा अध्ययन किया है. प्रमोद कृष्णम बता रहे थे कि पुराण में लिखा है भगवान राम की तरह ही कल्कि का अवतार भी हजारों वर्षों की रूपरेखा तय करेगा. हम यह कह सकते हैं कि कल्कि कालचक्र के परिवर्तन के प्रणेता भी है और प्रेरणा स्रोत भी है. इसीलिए कल्कि धाम एक ऐसा चरण होने जा रहा है जो उन भगवान को समर्पित है जिनको अभी अवतार होना बाकी है.
छत्रपति शिवाजी को भी किया याद
पीएम ने कल्कि धाम में कहा कि आज छत्रपति शिवाजी की जयंती भी है, इसलिए यह दिन और अधिक पवित्र हो जाता है. हम जो सांस्कृतिक पुनरोदय देख रहे हैं, वह प्रेरणा हमें छत्रपति शिवाजी महाराज से ही मिलती है. इस मौके पर उनके चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं. उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. उन्होंने कहा कि प्रमोद कृष्णम बता रहे थे कई एकड़ में फैला यह कल्कि धाम ऐसा मंदिर होगा, जहां 10 गर्भगृह होंगे. भगवान के सभी दशावतारों को विराजमान किया जाएगा.
एक समय कहा गया-मंदिर बनने से शांति व्यवस्था बिगड़ जाएगी
पीएम ने कहा कि प्रमोद कृष्णम जैसे लोग पूरे विश्वास के साथ उन मान्यताओं को आगे बढ़ा रहे हैं, अपना जीवन खपा रहे हैं, भगवान कल्कि के लिए मंदिर बना रहे हैं उनकी आराधना कर रहे हैं. हजारों वर्ष बाद की आस्था और अभी से उसकी तैयारी यानी हम लोग भविष्य के प्रति तैयार रहने वाले लोग हैं. उन्होंने कहा कि प्रमोद कृष्ण जी को राजनीतिक व्यक्ति के रूप में दूर से जानता था. मेरा परिचय नहीं था. अभी जब कुछ दिन पहले जब मेरी मुलाकात हुई तो पता चला कि वह ऐसे धार्मिक आध्यात्मिक कार्यों में कितनी मेहनत से लगे रहते हैं. कल्कि मंदिर के लिए उन्हें पिछली सरकारों से लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी. कोर्ट के चक्कर भी लगाने पड़े. वह मुझे बता रहे थे एक समय उन्हें कहा जा रहा था कि मंदिर बनने से शांति व्यवस्था बिगड़ जाएगी. आज हमारी सरकार में प्रमोद कृष्णम निश्चिंत होकर इस कार्य को शुरू कर पाए हैं.