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Afzal Ansari: सांसद अफजाल अंसारी की याचिका पर सुनवाई 13 मई तक टली

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 24 जुलाई 2023 को पूर्व सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) को जमानत दी थी. लेकिन उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इससे उनकी संसद सदस्यता बहाल नहीं हुई थी. इसके अलावा अंसारी लोकसभा चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए थे.

By Agency | May 4, 2024 2:03 PM
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प्रयागराज (भाषा): इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) की आपराधिक अपील पर सुनवाई 13 मई तक के लिए टाल दी है. अंसारी ने गाजीपुर की एक अदालत द्वारा गैंगस्टर मामले में दोष सिद्धि और चार साल की सजा को चुनौती देते हुए यह अपील दायर की है. वर्ष 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद अफजाल पर गैंगस्टर कानून के तहत यह मामला दर्ज किया गया था. अफजाल अंसारी गाजीपुर लोकसभा (Ghazipur Lok Sabha) से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं.

प्रदेश सरकार ने सजा बढ़ाने की अपील की है
न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने अफजाल (Afzal Ansari) की अपील के साथ ही इस मामले में अंसारी की सजा बढ़ाने की मांग वाली प्रदेश सरकार की अपील और कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय द्वारा दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई की अगली तिथि 13 मई तय करने का निर्देश दिया है. ष्णानंद राय के बेटे ने अफजाल की सजा बढ़ाने की मांग करते हुए यह याचिका दायर की है. इससे पहले गाजीपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने 29 अप्रैल 2023 को दिए गए निर्णय के बाद अफजाल सांसद के तौर पर अयोग्य हो गए थे. निचली अदालत ने अंसारी को दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई थी और उन पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया था.

24 जुलाई ने दी थी जमानत
इलाहाबाद उच्च न्यायालय (High Court) ने 24 जुलाई 2023 को पूर्व सांसद (Afzal Ansari) को जमानत दी थी. लेकिन इस मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद अफजाल को जेल से रिहा कर दिया गया, लेकिन उनकी संसद सदस्यता बहाल नहीं हुई थी. इसके अलावा अंसारी लोकसभा चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए थे. क्योंकि उन्हें दो साल से अधिक की सजा हुई थी. उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय के अनुसार यदि एक व्यक्ति को दो साल से अधिक की सजा होती है तो वह आगामी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकता.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी सजा पर रोक
लेकिन बाद में उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी थी. जिसके परिणाम स्वरूप, उनकी संसद सदस्यता बहाल हो गई थी और वह लोकसभा चुनाव लड़ने के पात्र हो गए. हालांकि उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय में लंबित आपराधिक अपील पर तेजी से सुनवाई करने और 30 जून तक निर्णय करने का निर्देश दिया था. भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की 2005 में हत्या में अफजाल अंसारी की कथित संलिप्तता के आधार पर गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाना में उन पर गैंगस्टर कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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