उमेश पाल हत्या से लेकर अतीक-अशरफ मर्डर तक, हर पल चलता रहा दहशत का खेल, जानें अब तक कब क्या हुआ, पूरी डिटेल…
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद यूपी पुलिस तीनों हमलावरों से पूछताछ में जुटी है. पता लगाया जा रहा है कि आखिर इस हत्याकांड की क्या वजह थी, क्या हमलावरों की अतीक अहमद से कोई दुश्मनी थी या फिर उन्होंने किसी के इशारे में वारदात को अंजाम दिया.
Prayagraj: प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की सनसनीखेज तरीके से हत्याक के बाद प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की जानकारी मिलते ही शनिवार देर रात उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. इसमें तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित कर पूरे घटनाक्रम की जांच कराने के निर्देश दिए. इसके साथ ही प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद और पुलिस महानिदेशक डॉ. राजकुमार विश्वकर्मा आज प्रयागराज पहुंच रहे हैं.
अतीक अहमद अशरफ हत्याकांड मामले में 17 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. वहीं पूरे प्रदेश में अलर्ट घोषित कर दिया गया है. पुलिस के आला अफसर फोर्स के साथ स्वयं संवेदनशील इलाकों की गश्त कर रहे हैं. इस बीच विपक्ष इस मामले में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुटा है.
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प्रयागराज में 24 फरवरी, 2003 को उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में तैनात दो सरकारी गनर की दिनदहाड़े गोली व बम मारकर की हत्या की गई थी. इस मामले में अतीक, उसके भाई अशरफ, बेटे असद सहित अन्य शूटर्स को नामजद किया गया. जांच में परिवार के सदस्यों के नाम भी एफआईआर शामिल किए गए.
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27 फरवरी को हत्याकांड में शामिल सदाकत को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. वहीं एक आरोपी अरबाज मुठभेड़ में घायल हुआ, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई.
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5 मार्च को फरार आरोपी अरमान, असद, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर पर ढाई लाख का इनाम घोषित किया. बाद में यूपी सरकार ने पांचों पर 5-5 लाख का इनाम घोषित कर दिया.
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6 मार्च को इस घटना में वांछित 50 हजार का इनामी विजय कुमार चौधरी उर्फ उस्मान एनकाउंटर में मारा गया.
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उमेश पाल अपहरण कांड अतीक अहमद के गले की हड्डी बना और उसे 29 मार्च को इसमें उम्र कैद की सजा सुनाई गई.
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12 अप्रैल की देर शाम अतीक अहमद कड़ी सुरक्षा के बीच साबरमती से प्रयागराज के नैनी जेल पहुंचा. उसके भाई अशरफ को भी बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया. अगले दिन 13 अप्रैल को दोनों को कस्टडी रिमांड के लिए सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां ने दोनों की 17 अप्रैल तक की रिमांड मिली. इसके बाद से पूछताछ उनसे पूछताछ कर रही थी.
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13 अप्रैल को एसटीएफ ने 5-5 लाख के इनामी अतीक के बेटे असद और गुलाम को एनकाउंटर में ढेर कर दिया.
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15 अप्रैल को असद के शव को कसारी-मसारी कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा के बीच दफनाया गया. कब्रिस्तान में आने वाले लोगों का नाम और मोबाइल नंबर दर्ज किया गया. इस दौरान असद की मां शाइस्ता परवीन के आने की अटकलें लगाई जात रहीं, हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ.
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15 अप्रैल को पुलिस कस्टडी में स्वास्थ्य जांच के लिए देर राहत कॉल्विन अस्पताल ले जाते समय अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मेडिकल कॉलेज के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई. वारदात को मीडिया कर्मी बनकर आए तीन बाइक सवार बदमाशों ने अंजाम दिया.
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15 अप्रैल हत्या करने के बाद गोली मारने वाले बदमाशों ने मौके पर ही हाथ खड़े करके आत्मसमर्पण कर दिया. तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गोलीबारी में अतीक और अशरफ के साथ मौजूद धूमनगंज के सिपाही मान सिंह भी घायल हो गए. हत्या करने वाले युवकों के नाम लवलेश तिवारी, अरुण और सनी बताए गए हैं. मौके से पिस्टल और कई कारतूस के खोखे बरामद हुए हैं. हत्या करने वालों से पूछताछ की जा रही है.
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16 अप्रैल को अतीक अहमद और अशरफ का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी. इससे पहले पुलिस मुठभेड़ में मारे गए उसके बेटे असद और शूटर गुलाम के पोस्टमार्टम की भी झांसी में वीडियोग्राफी कराई गई थी. अतीक और अशरफ के शव को भी कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा. शनिवार को यहां अतीक के बेटे असद को भी अपने दादा की कब्र के पास सुपुर्द ए खाक किया गया था.