लखनऊ. प्रयागराज में शुक्रवार को ट्रांस-यमुना क्षेत्र के शंकरगढ़ और बारा पुलिस स्टेशन पुलिस की संयुक्त टीमों के साथ डकैत के एक गिरोह से मुठभेड़ हो गई. मुठभेड़ के बाद गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस और गिरोह के बीच क्रॉस फायरिंग के दौरान दो बदमाशों के पैरों में गोली लग गई है. घायल बदमाशों को इलाज के लिए एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने कहा कि हेतापट्टी लूट और हत्या की घटना में उनकी संलिप्तता का अभी भी पता नहीं चल पाया है.
डीसीपी ट्रांस-यमुना संतोष कुमार मीणा ने कहा कि शंकरगढ़ पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) मनोज कुमार सिंह और बारा पुलिस स्टेशन के एसएचओ वीरेंद्र सोनकर चेकिंग अभियान चला रहे थे, जब उन्हें कुछ बदमाशों की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली, जो कि प्रयागराज-बांदा हाईवे पर कपारी गांव स्थित एक प्लाट में डकैती डालने की योजना बना रहे थे. पुलिस टीमें मौके पर पहुंचीं और डकैतों ने को सरेंडर करने के लिए कहा.डकैतों ने पुलिस टीम पर दो देशी बम फेंके. पुलिस पर गोलियां चलाईं.
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पुलिसकर्मियों ने सावधानी बरतते हुए बदमाशों को घेर लिया और जवाबी कार्रवाई में गोलियां चलाईं. जिससे दो बदमाश पैर में गोली लगने से घायल हो गए. पीछा कर उनके तीन सहयोगियों को भी पकड़ लिया गया. गिरफ्तार बदमाशों के पास से दो देशी बंदूक , 3 कारतूस, सरौता, एक पेचकस, चाबियां, एक लोहे की रॉड और चोरी और डकैती में इस्तेमाल होने वाले अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं. घायल बदमाशों की पहचान शाहजहांपुर जिले के निगोही निवासी कृष्ण कुमार (45) उर्फ अंदु गिरी और कैलाशनाथ (46) के रूप में हुई है.
वहीं पुलिस ने पीछा करके गिरफ्तार किए गए अपराधियों में शाहजहांपुर के निगोही के रहने वाले ओमप्रकाश उर्फ लौकी सिंह (28), मोती (40) और मोहनलाल उर्फ सपेटा (30) शामिल हैं. अंदु गिरि पर महोबा, कानपुर और पीलीभीत जिलों में आर्म्स एक्ट, हत्या का प्रयास, लूट और गैंगस्टर एक्ट सहित छह आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि कैलाशनाथ के खिलाफ शाहजहाँपुर, अयोध्या और बस्ती जिलों में आर्म्स एक्ट, हत्या के प्रयास हत्या, लूट आदि के तहत नौ मामले दर्ज हैं. लौकी सिंह पर उत्तराखंड के चंपावत जिले में भी एक आपराधिक मामला दर्ज है.
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वे शाहजहांपुर में रहते हैं लेकिन लूटपाट, चोरी और अन्य अपराध करने के लिए समूहों में घूमते हैं. वे पुलिस द्वारा पकड़े जाने और गिरफ्तार होने से बचने के लिए लगातार घूमते रहते हैं और सुनसान जगहों, पुलियों के नीचे और शहर के बाहरी इलाके में रहते हैं.