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Lucknow में राजस्व परिषद मुख्यालय के बाहर नव चयनित लेखपालों का विरोध प्रदर्शन जारी, जानें किस लिए हैं नाराज

Lucknow : राजस्व परिषद मुख्यालय के सामने प्रदेश के अलग-अलग जिलों से हजारों की संख्या में आए लेखपाल अभ्यर्थियों ने हंगामा कर नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग कर रहे हैं.

Lucknow : लखनऊ में राजस्व परिषद मुख्यालय के सामने नव चयनित लेखपालों का उग्र धरना प्रदर्शन जारी है. प्रदेश के अलग-अलग जिलों से हजारों की संख्या में आए लेखपाल अभ्यर्थियों ने राजस्व परिषद में हंगामा कर नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग कर रहे हैं. अभ्यर्थियों को शांत कराने के लिए अधिकारी भी पहुंचे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि राजस्व परिषद द्वारा अगर समय रहते नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया होता तो आज यह मामला ना उलझता. अभ्यर्थियों को अब इसके लिए अभी और इंतजार करना होगा. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के डबल बेंच को चार हफ्तों में लंबित मामलों को निस्तारित करने का आदेश दिया है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट को 22 मार्च को सुनवाई करेगा और फैसले के बाद नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे. हालांकि, अभ्यर्थियों का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने विभाग को स्व विवेक से निर्णय लेने को कहा है तो विभाग उनके नियुक्ति पत्र पर रोक क्यों लगा रहा है, विभाग को जल्द से जल्द उनके नियुक्ति पत्र जारी करने चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट में 22 मार्च को होगी सुनवाई

चयन आयोग द्वारा चयनित 7987 लेखपालों को अब नियुक्ति पत्र पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना होगा. सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई 22 मार्च को होगी. कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि राजस्व परिषद को अंतिम रूप से चयनित लेखपालों की सूची आयोग ने 6 जनवरी को ही दे दी थी, उसने अगर नियुक्ति पत्र बांट दिया होता तो यह मामला न फंसता. बता दें कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने लेखपाल के 8085 पदों पर भर्ती निकालते हुए आवेदन मांगा था. आयोग ने अंतिम चयन परिणाम 30 दिसंबर 2023 को निकाला और इसके आधार पर अंतिम चयन सूची 6 जनवरी 2024 को राजस्व परिषद को भेज दी.

लेखपाल चयन को लेकर विभिन्न मामले हाईकोर्ट में चल रहे हैं. सिंगल बेंच ने आयोग के पक्ष में फैसला दिया है. आयोग ने जिन सवालों पर आपत्तियां थी, उसमें अभ्यर्थियों को पूरे अंक भी दिए हैं. यूपी लेखपाल भर्ती का बीते 30 दिसंबर 2023 को रिजल्ट जारी करने के बाद सभी चयनित अभ्यर्थियों को तहसील आंवटित की जा चुकी थी और योगदान आख्या भी ली गई. नियमावली के अनुसार योगदान आख्या की तारीख को ही जॉइनिंग डेट माना जाता है लेकिन बावजूद इसके नियुक्ति पत्र पर रोक लगी दी. अचानक हुए इस फैसले से नाराज अभ्यर्थियों ने लखनऊ स्थित राजस्व परिषद के मुख्यालय पर पहुंचकर सचिव से मुलाकात की और नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है.

जानें लेखपाल भर्ती नियुक्ति पत्रों पर क्यों लगी है रोक

बता दें कि 13 फरवरी को एक अभ्यर्थी ने भर्ती को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित किया था और विभाग ने नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी थी. कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि राजस्व परिषद को चयनित लेखपाल अभ्यर्थियों की लिस्ट 6 जनवरी को ही दे दी थी. अंतिम चयन परिणाम जारी होने के बाद कुछ अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट चले गए और कोर्ट ने मामले में अंतिम फैसला आने तक नियुक्ति पत्र बांटने पर रोक लगा दी. अगर लिस्ट जारी होने के बाद जनवरी में ही नियुक्ति पत्र बांट दिए जाते तो यह मामला नहीं फंसता.

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