Sambhal : तेंदुआ को पकड़ने के लिए विभाग को करनी पड़ी मशक्कत, पुलिसकर्मियों की मनमानी से चली गई जान

Sambhal : यूपी में संभल के एक गांव में तेंदुआ घुसने से हड़कंप मच गया. रेस्क्यू के दौरान तेंदुए को सुरक्षित तो पकड़ लिया गया. लेकिन उसके बाद जाल में घिरे बेजुबान जानवर पर किए गए जुल्मों से उसकी जान चली गई.

By Sandeep kumar | February 23, 2024 1:21 PM

Sambhal : संभल में हयातनगर थाना क्षेत्र के रसूलपुर धतरा गांव में तेंदुआ घुसने से हड़कंप मच गया. सूचना पर पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. रेस्क्यू के दौरान तेंदुए के हमले में सीओ अनुज चौधरी चोटिल हो गए. फिलहाल तेंदुए को सुरक्षित तो पकड़ लिया गया. लेकिन उसके बाद जाल में घिरे बेजुबान जानवर पर किए गए जुल्मों से उसकी जान चली गई. दरअसल गांव में गुरुवार की सुबह खेतों में तेंदुआ को टहलते देख ग्रामीणों ने लाठी-डंडे लेकर उसे दौड़ाना शुरू कर दिया. जान बचाने के लिए भाग रहा तेंदुआ रामकुंवर सैनी के घर में घुस गया. घर में शोर मचा तो तेंदुआ शौचालय में जा बैठा. सूचना के एक घंटे बाद पुलिस और उसके आधे घंटे बाद वन विभाग की टीम वहां पहुंच गई. घेराबंदी कर शोर मचाने से दो घंटे में तेंदुए को जाल में कैद करने में कामयाबी मिल गई. इसके बाद उसके साथ मनमानी और क्रूरता शुरू हो गई. जाल में घिरकर भी गुर्रा रहे तेंदुए को शांत करने के लिए वन और पुलिसकर्मियों ने कई चारपाई उल्टी करके जाल पर बिछा दीं. इसके बाद वर्दीधारी उन चारपाइयों पर खड़े हो गए. खामोश होने पर तेंदुए को बेहोश बताकर मुरादाबाद लाया गया. मुरादाबाद में वन क्षेत्र अधिकारी आरके श्रीवास्तव ने बताया कि तेंदुए की मौत हो गई. उसके मौत का कारण दम घुटना रहा या शरीर पर लगी चोटें हैं यह मेडिकल रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं हो सका. वहीं इस मामले में संभल डीएफओ जेबी शेंडे ने कहा कि टीम ने रेस्क्यू कर नर तेंदुआ पकड़ा था. पकड़ने के समय उसकी अवस्था सुस्त व निष्क्रिय थी. उपचार के लिए ले गए लेकिन उसकी मौत हो गई. रास्ते में मौत होने का अनुमान है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.

तेंदुआ जाल में फंसा तो लोग हो गए शेर

बता दें कि तेंदुए को देखे जाने से लेकर जाल में फंसाने तक का घटनाक्रम लगभग साढ़े छह घंटे चला. इस दौरान न तेंदुए ने इंसानों को नुकसान पहुंचाया और न ही ग्रामीणों के बीच से उस पर हमले की कोई कोशिश हुई. हुआ उल्टा जो टीम रेस्क्यू के लिए आई वो खुद पर काबू नहीं रख सकी. जाल में तेंदुए के कैद होते ही वन और पुलिसकर्मियों ने वो किया जो जंगल में भी नहीं होता. तीन चारपाइयां उल्टी करके बिछा दीं. उनके ऊपर खड़े होकर जाल में घिरे तेंदुए को करीब 45 मिनट बुरी तरह कुचला गया. ग्रामीणों ने बताया कि जाल में बंद होने के बाद भी तेंदुए के गुर्राने और तेवर दिखाने पर किसी ने सुझाव दिया कि उसे बेहोश कर दिया जाए. इस सुझाव पर वन विभाग के विशेषज्ञ या पशु चिकित्सक नहीं बुलाए गए बल्कि रेस्क्यू टीम ने एक ग्रामीण से भैंस को बेहोश करने वाला इंजेक्शन लाकर लगाने के लिए कह दिया. इस बीच तेंदुए को काबू करने के लिए उसके जाल पर चारपाइयों का जाल बिछाकर दबाव बनाया जाने लगा. इस पर भी बात नहीं बनी तो बिछी चारपाइयों पर चढ़कर तेंदुए को पैरों से दबाना शुरू कर दिया. ग्रामीणों ने बताया कि करीब 45 मिनट तक तेंदुए के साथ इसी तरह की बेरहमी की गई. इस दृश्य की एक वीडियो भी वायरल हो रही है. इसके बाद तेंदुए की छटपटाहट थम गई तो उसे बेहोश बताकर मुरादाबाद ले जाया गया. कहा गया कि उपचार के बाद जंगल में छोड़ दिया जाएगा लेकिन मुरादाबाद में उसके मरने की जानकारी दी गई. कहा गया कि सदमे से वह रास्ते में ही मर गया.

जानें घटनाक्रम का समय

  • धतरा निवासी वसंत ने गुरुवार की सुबह करीब 5.00 बजे खेत पर तेंदुआ देखा.
  • दौड़ाने पर सुबह 8.00 बजे तेंदुआ रामकुंवर सैनी के शौचालय में घुस गया.
  • 9.00 बजे पुलिस और 9.30 बजे वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई.
  • 11.30 बजे जाल लगाकर तेंदुए को पकड़ लेने में कामयाबी मिल गई.
  • रात में अचानक तेंदुए के मरने की जानकारी दी गई.

रामकुंवर का परिवार रहा घर में कैद

तेंदुए के घुसने के समय किसान रामकुंवर सैनी की पत्नी सुशीला देवी, बेटी ज्ञानवती और बहू रेखा भाग गईं. बेटी और बहू ने खुद को कमरे में बंद कर लिया. सुशीला देवी छत की ओर भागीं. तीन घंटे से ज्यादा समय कमरे में कैद रहीं ननद-भाभी को कमरे में मौजूद हल्की जाली भी डरा रही थी. उन्होंने बताया कि लग रहा था कि जाली तोड़कर तेंदुआ भीतर न आ जाए. बाहर भीड़ के बीच से आ रहीं आवाजों से पता नहीं चल रहा था कि बाहर की स्थिति क्या है. जब तेंदुआ जाल में फंस जाने की बात बाहर से बताई गई तभी दरवाजा खोलकर दोनों कमरे से निकलीं. वहीं संभल सीओ अनुज चौधरी ने कहा कि मेरे पैर का पिछला हिस्सा तेंदुए ने मुंह में भर लिया था. काफी जख्म हो गया है. टांके लगे हैं. चिकित्सक ने एक सप्ताह का आराम बताया है. जूता होने के कारण पैर काफी हद तक सुरक्षित रहा है.

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