अलीगढ़ : एएमयू हास्टल में हिन्दू युवक की पिटाई मामले में छात्रनेता को मिली जमानत, समर्थकों ने फूल माला पहनाईं
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सुलेमान हॉस्टल में हिंदू युवक की बेल्ट से पिटाई के मामले में जेल भेजे गए छात्र नेता फरहान जुबैरी को जमानत मिल गई है. शुक्रवार को जेल से बाहर आ गए.
अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सुलेमान हॉस्टल में हिंदू युवक की बेल्ट से पिटाई के मामले में जेल में बंद छात्रनेता फरहान जुबैरी शुक्रवार को जेल से जमानत पर बाहर आये . इस दौरान उनके समर्थक जिला कारागार पहुंचकर फूलों की माला पहना कर स्वागत किया. वही एएमयू छात्र नेता फरहान जुबैरी ने कहा कि मुझे झूठे केस में फंसाया गया. उन्होंने कहा कि 23 सितंबर को मुझ पर धर्मांतरण सहित कई फर्जी मुकदमा लगाकर जेल भेजा गया था, जबकि मेरा रोल सिर्फ बचाने का था. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने मुझे जमानत दे दी है. फरहान जुबेरी को 23 सितंबर की देर रात थाना सिविल लाइन पुलिस ने एएमयू के सैंटनरी गेट से गिरफ्तार किया था. फरहान जुबैरी बदायूं का रहने वाला है. गिरफ्तार होने पर समर्थक छात्रों ने एएमयू में विरोध प्रदर्शन किया था और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया था. फरहान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक्टिव छात्र नेता है. और छात्रों के बुनियादी समस्याओं को उठाते रहते है. सीएए – एनआरसी आंदोलन के समय भी सक्रिय भूमिका में थे. फरहान पर सुलेमान हाल में हिंदू युवक के साथ मारपीट करते समय वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें फरहान जुबैरी के खिलाफ थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज किया गया था.
23 सितम्बर को पुलिस ने कैंपस के गेट से किया था गिरफ्तार
फरहान पर ढाबा संचालक आकाश को अगवा कर सुलेमान हाल में ले जाने का आरोप था.जहां कमरे में बंद कर बेल्ट से पीटने और जूते पर नाक रगड़वाने का आरोप लगाया गया था,हालांकि मारपीट का जो वीडियो सामने आया था उसमें मारपीट करने वाले अन्य युवक थे.
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फर्जी मुकदमा लगाकर जेल भेजने का लगाया आरोप
वीडियो में एएमयू छात्र नेता फरहान जुबैरी भी मौजूद था. इस घटना में फरहान जुबैरी सहित सात लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसमें छह लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. वहीं, फरहान जुबैरी के खिलाफ न्यायालय से NBW जारी किया गया था. जिसके बाद पुलिस लगातार फरहान जुबैरी को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही थी. वहीं जेल से जमानत पर बाहर आने पर फरहान जुबैरी ने कहा कि मुझ पर फर्जी मुकदमा लगाकर जेल भेजा गया. जबकि मेरा रोल सिर्फ बचाने का था. जिसको लेकर कोर्ट ने जमानत दे दी है.