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UP first World class Railway station : गोमती नगर अपने पैसेंजर के स्वागत के लिए है तैयार, मिलेंगी एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं, जानें खासियत

UP first World class Railway station : लखनऊ का गोमती नगर रेलवे स्टेशन पर मेट्रो और एयरपोर्ट की तरह ही स्वचालित सीढ़ियों के साथ-साथ लिफ्ट की सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. पूरा स्टेशन एयरकंडीशंड रहेगा.

By Sandeep kumar | February 24, 2024 1:59 PM
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UP first World class Railway station : लखनऊ का गोमती नगर रेलवे स्टेशन हाईटेक सुविधाओं से लैस होकर यूपी का पहला विश्व स्तरीय स्टेशन बन गया है. यहां मेट्रो और एयरपोर्ट की तरह ही स्वचालित सीढ़ियों के साथ-साथ लिफ्ट की सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. इसके लिए यहां पर 26 लिफ्ट और 21 स्वचालित सीढ़ियां लगाए गए हैं. पूरा स्टेशन एयरकंडीशंड रहेगा. यहां आने वाले पैसेंजर उसमें आराम कर सकेंगे. यूपी का इकलौता ऐसा यह स्टेशन है, जहां पर भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की तरह ही वर्ल्ड क्लास की सुविधाएं मिलेंगी. इस प्रोजेक्ट पर करीब 385 करोड़ रुपए का खर्चा आया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 26 फरवरी को अमृत स्टेशन योजना के तहत इसका उद्घाटन करेंगे. स्टेशन के उद्घाटन के बाद में 40 हजार लोगों का प्रतिदिन फुटफाल का अनुमान है. रेलवे डेवलेपमेंट अथॉरिटी (आरएलडीए) के अधिकारियों के मुताबिक स्टेशन पर 177 दुकानें बनाई गई हैं, जिनकी बिक्री की जा रही है. कुछ ही दुकानों का आवंटन बचा है. माल और फूड कोर्ट की सुविधा मिलने से यहां पर शहर के लोग भी आकर्षित होंगे. उद्घाटन के बाद यहां से अयोध्या, दिल्ली और जम्मू समेत अन्य शहरों के लिए ट्रेन चलाए जाने की संभावना है.

रेलवे स्टेशन पर हैं कुल छह प्लेटफार्म

दो पैसेंजर ट्रेनों के ठहराव वाले हाल्ट को बढ़ाकर छह प्लेटफॉर्म वाले रेलवे स्टेशन का रूप दिया गया है. स्टेशन के पिछले हिस्से को भी खास तौर पर विकसित किया गया है. रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) के टेक्निकल असिस्टेंट अभिषेक वर्मा ने बताया कि कोन कोर्स 28 मीटर चौड़ा है. यहां पर आवाजाही के लिए एस्केलेटर व लिफ्ट की सुविधा मौजूद है. एयरपोर्ट की तर्ज पर व आधुनिक जरूरतों को देखते हुए प्लेटफार्म को विकसित किया गया है. कोन कोर्स सभी प्लेटफार्म से जुड़ा हुआ है. स्टेशन तक पहुंचने के लिए 458 मीटर का फ्लाईओवर बनाया गया है. इससे पैसेंजर सीधे फर्स्ट फ्लोर पर पहुंचेंगे. यहीं पर टिकट काउंटर भी बनाया गया है. यहीं से कोन कोर्स के लिए कनेक्टिविटी है. इसके साथ ही संबंधित प्लेटफार्म व बाहर निकलने के लिए एफओबी भी यहीं से कनेक्टेड है. किसान बाजार की तरफ से ओवरब्रिज के माध्यम से आकर पैसेंजर 458 मीटर के फ्लाईओवर से होते हुए स्टेशन के सामने विभूतिखंड के मेन रोड़ पर निकल जाएंगे. वहीं स्टेशन पर ट्रेन से यात्रा कर पहुंचने वाले पैसेंजर ग्राउंड फ्लोर से ही बाहर निकलेंगे.

तीन फ्लोर में अलग-अलग सुविधा, दिव्यांगों के लिए भी शौचालय

बता दें कि ग्राउंड फ्लोर के साथ में सभी फ्लोर पर बड़ी लॉबी दी गई है. यहां पर दिव्यांगों के लिए खास शौचालय की व्यवस्था है. फर्स्ट फ्लोर पर बुकिंग, वीआईपी रूम दिया गया है. सेकेंड फ्लोर पर फूड कोर्ट मौजूद रहेगा. इसके साथ ही बची हुई जगह पर रेलवे की तरफ से अपना कार्यालय खोलने या फिर रिटेल के लिए जगह देने की चर्चा चल रही. अंतिम चरण में तैयारियां, 1150 लेबर कर रहे काम​​​​​​​ गोमती नगर स्टेशन के नॉर्थ टर्मिनल की बिल्डिंग का काम अंतिम चरण में है. इस समय बिल्डिंग की फिनिशिंग का काम चल रहा है. साइट पर दीवारों की पेंटिंग,वेल्डिंग करने के साथ में पाइप डालने और अन्य बचे हुए छोटे काम हो रहे हैं. वहीं कंस्ट्रक्शन साइट के प्रोजेक्ट मैनेजर विनोद श्रीवास्तव का कहना है कि अगले दो दिनों में एक्सीलेटर की सीट लगा दी जाएगी. मौके पर 1150 लेबर काम को पूरा करने में जुटे हैं. जेसीबी और क्रेन सहित अन्य मशीनों का उपयोग काम को पूरा करने में हो रहा है.

कोरोना के कारण 30 महीने का मिला अतिरिक्त समय

बता दें कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गोमती नगर हाल्ट को स्टेशन बनाने की योजना की नींव रखी थी. इसके तहत चार नए प्लेटफॉर्म बनाए गए. हालांकि बाद में विभूतिखंड की ओर छह नंबर प्लेटफॉर्म का भी निर्माण हो गया. गोमती नगर को वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाने का प्रोजेक्ट 21 मई 2018 में स्वीकृत किया गया था. पूरे छह साल बाद 10 एकड़ में बनकर तैयार हुए गोमती नगर रेलवे स्टेशन को अटल बिहारी वाजपेयी रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाएगा. कोरोना में काम बंद रहने के कारण प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कंपनी को 30 महीने का अतिरिक्त समय मिला है. प्रोजेक्ट का उद्घाटन 26 फरवरी को किया जाएगा. इसके बाद स्टेशन के मुख्य भवन का संचालन शुरू किया जाएगा. वहीं दो ब्लाक में माल व दुकान के लिए बनाई गई बिल्डिंग में कई काम शेष बचे रहेंगे, जिसे पूरा करने के लिए काम किया जाता रहेगा.

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