UP News: 69 हजार शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द, नये सिरे से जारी करें परिणाम, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला
UP News: उत्तर प्रदेश की 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को पूरी मेरिट लिस्ट रद्द कर दी है. अध्यापक भर्ती परीक्षा का परिणाम नए सिरे से जारी करने के आदेश से यूपी सरकार को जोर का झटका लगा है.
UP Teacher Recruitment: उत्तर प्रदेश की 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को पूरी मेरिट लिस्ट रद्द कर दी है. कोर्ट ने तीन महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है. बता दें, यूपी की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले शुक्रवार हो लखनऊ हाई कोर्ट की डबल बेंच ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने अपने फैसले में पूरी चयन सूची को ही रद्द कर दिया. इससे पहले एकल पीठ ने 69 हजार अभ्यर्थियों की चयन सूची पर पुनर्विचार करने के साथ-साथ 6800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को खारिज कर दिया था. न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने महेंद्र पाल और अन्य की ओर से एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दायर की गयी 90 विशेष अपीलों को एक साथ निस्तारित करते हुए नयी सूची बनाने के आदेश दिये.
एकल पीठ के फैसले को दी थी चुनौती
याचिकाकर्ताओं ने विशेष अपीलों के माध्यम से एकल पीठ के 13 मार्च 2023 के निर्णय को चुनौती दी थी. एकल पीठ ने 69 हजार अभ्यर्थियों की चयन सूची पर पुनर्विचार करने के साथ-साथ 6800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को खारिज कर दिया था. एकल पीठ ने अपने निर्णय में कहा था कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में आरक्षण का लाभ लेने वाले अभ्यर्थियों को सामान्य श्रेणी का कट ऑफ मार्क्स पाने पर अनारक्षित वर्ग में रखा जाना सही है क्योंकि टीईटी एक अभ्यर्थी को सिर्फ सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में भाग लेने के लिए उपयुक्त बनाता है.
आरक्षण नियमावली का पालन करने का आदेश
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि आरक्षण नियमावली 1994 की धारा 3 (6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का पालन किया जाए. यूपी सरकार को कोर्ट ने तीन महीने के भीतर नई लिस्ट जारी करने को कहा है. साथ ही यह भी कहा है कि इसमें रिजर्वेशन का पालन होना चाहिए. बता दें यह मेरिट दिसंबर 2018 में आई थी. मेरिट आने के साथ ही विवाद शुरू हो गया था. भर्ती प्रक्रिया पर कई छात्रों ने गंभीर सवाल उठाए थे. यूपी सरकार ने साल 2018 में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती की थी.
शिक्षक भर्ती सीटों में हुआ है घोटाला
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सीएम योगी ने कहा था कि 69000 शिक्षक भर्ती में ओबीसी की और एससी की सीटों के साथ कोई घोटाला नहीं किया गया है, लेकिन उसके कुछ दिन बाद ही हाई कोर्ट ने कहा कि बड़े स्तर पर 69000 शिक्षक भर्ती में सीटों का घोटाला हुआ है. अभ्यर्थियों ने पूरी भर्ती पर सवाल उठाते हुए 19 हजार पदों पर आरक्षण घोटाला का आरोप लगाया था. भाषा इनपुट के साथ