UP Police Bharti : यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा में पेपर लीक के शिकायतों के बाद अभ्यर्थियों का आगामी छह महीने के भीतर दोबारा परीक्षा होगा. पुलिस भर्ती बोर्ड के मुताबिक परीक्षा की तारीख और अन्य सूचनाएं जल्द ही वेबसाइट पर जारी की जाएंगी. पुलिस अधिकारियों की मानें तो परीक्षा को लेकर किसी जिले से गड़बड़ी के सुराग नहीं मिले हैं. इससे आशंका जताई जा रही है कि इसकी साजिश प्रश्न पत्रों की छपाई करने वाली प्रिंटिंग प्रेस में रची गयी थी. वहां के कुछ कर्मचारियों ने पेपर की सेटिंग के दौरान प्रश्नों को नोट किया, जिसे बाद में अपने संपर्क में आए कुछ कोचिंग संस्थानों से लाखों रुपए लेकर सौंप दिया. अब एसटीएफ इसी दिशा में अपनी जांच आगे बढ़ाने की तैयारी में है. बता दें कि परीक्षा के लिए भर्ती बोर्ड ने 48,17,442 एडमिट कार्ड जारी किए थे. इनमें से 43,13,611 अभ्यर्थियों (89.54 प्रतिशत) परीक्षा में शामिल हुए थे. जानकारी के मुताबिक 18 फरवरी को लिखित परीक्षा के दौरान लखनऊ के सिटी मॉडर्न एकेडमी अलीनगर में बिहार के सारण जिला निवासी अभ्यर्थी सत्य अमन कुमार के पास से बरामद पर्ची में 150 में से 147 प्रश्न पेपर में आए थे. सत्य अमन के व्हाट्सएप पर 18 फरवरी की दोपहर 12:56 बजे नीरज यादव के नंबर से हाथ से लिखी गई उत्तर कुंजी भेजी गई थी. पुलिस ने जब केस दर्ज करने के बाद गहनता से तफ्तीश शुरू की तो पता चला कि पेपर में 150 प्रश्न आए थे, जिनमें से 147 प्रश्नों के उत्तर अमन के पास से मिली पर्ची में थे. परीक्षा से एक घंटे पहले प्रश्न व उसके उत्तर के मिलने से ये लगभग स्पष्ट है कि जहां से ये उत्तर कुंजी चली उसको प्रश्न पत्र पहले मिल गया. तभी उसने हल करके परीक्षा से एक घंटे पहले ही भेज दिया. वहीं मैनपुरी में 18 फरवरी को किरन सौजिया एकेडमी में लिखित परीक्षा के दौरान बिहार के भोजपुर जिला निवासी रवि प्रकाश सिंह के पास एक चिट मिला. उसमें 114 सवालों के जवाब लिखे थे. उसे तुरंत हिरासत में लिया गया. उससे पूछताछ में पता चला कि उसे पेपर बाहर व्हाट्सएप पर मिला. जिसकी उसने दो चिट बना ली. परीक्षा से ठीक पहले व्हाट्सएप पर आए सारे डेटा को डिलीट कर दिया. पुलिस ने रवि का मोबाइल कब्जे में लिया और उसे जेल भेज दिया. इन दो एफआईआर के बाद इस बात की पुष्टि होती है कि पेपर पहले उनके पास पहुंचा और उससे चिट तैयार की गई. युवाओं ने इसे ही मुद्दा बनाया और अंजाम तक पहुंचे.
इतने देर पहले व्हाट्सएप पर वायरल हुआ पेपर
लखनऊ के ईको गार्डन में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आये अभ्यर्थियों की यही मांग थी कि परीक्षा को निरस्त किया जाए और दोबारा करवाया जाए. प्रदर्शन में शामिल कौशांबी से आये अभ्यर्थी भीम ने बताया कि 17 फरवरी की सेकंड पाली में पुलिस भर्ती की परीक्षा दी थी. वह कागज दिखाते हुए कहते हैं कि मेरे पास व्हाट्सएप के जरिए सुबह 8. 17 बजे सॉल्व कॉपी आ गई. जबकि परीक्षा 3.00 बजे तक होनी थी. भीम आगे कहते हैं कि हमने परीक्षा दी और शाम को व्हाट्सएप पर मिली सॉल्व कॉपी से पेपर को मिलाया तो 117 सवाल सेम मिले. भीम जिस सॉल्व कॉपी को दिखा रहे थे, वह बहुत सलीके से लिखी हुई थी. भीम ने आगे बताया कि जिस हिसाब से इसमें चित्र वगैरह बनाए गए हैं, उससे यही लगता है कि इसे तैयार करने में 2 से 3 घंटे तो लगे ही होंगे. हमारे पास तो 8.00 बजे आया, लेकिन यह 6.00 बजे से पहले ही जालसाजों के पास पहुंच गया होगा.
अब तक 287 लोगों की हुई गिरफ्तारी
बता दें कि यूपी पुलिस और एसटीएफ ने 15 फरवरी से अब तक 287 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें 80% लोगों को परीक्षा हाल से उठाया गया है. किसी के पास चिट मिली, किसी के पास इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस. पुलिस ने इन सबसे पूछताछ की. कई चीजें निकलकर बाहर आईं. सबसे बड़ी यही कि पेपर पहले ही मिल गया था, इसलिए उसके जवाबों की चिट बनाकर अंदर ले गए. कुछ ने जवाब दिया कि टेलीग्राम पर 100-100 रुपए में पेपर मिल गया. परीक्षा रद्द करने के अपने आदेश में सीएम योगी ने कहा कि भर्ती में जिसने भी लापरवाही बरती उसके खिलाफ मामला दर्ज करके कार्रवाई की जाए. इस पूरे मामले की जांच एसटीएफ से कराए जाने का निर्णय लिया गया है. 6 महीने के अंदर दोबारा परीक्षा करवाई जाएगी. उस परीक्षा के लिए यूपी परिवहन निगम की सेवा अभ्यर्थियों के लिए फ्री रहेगी.